झाबुआ 17 जुलाई 2024। कलेक्टर नेहा मीना द्वारा राजस्व महा अभियान 2.0 के संबंध में आदेश जारी किया हैं। मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग वल्लभ भवन मंत्रालय के निर्देशानुसार राजस्व महा-अभियान 2.0 का आयोजन 16 जुलाई 2024 से 31 अगस्त 2024 तक किया जा रहा है। महा-अभियान का उद्देश्य राजस्व न्यायालयों (RCMS) में लम्बित प्रकरणों (नामांतरण, बँटवारा, सीमाकंन, अभिलेख दुरुस्ती इत्यादि) का समय सीमा में निराकरण, नए राजस्व प्रकरणों को RCMS पर दर्ज कराना, नक़्शे पर तरमीम, PMKISAAN का सेचुरेशन एवं समग्र का आधार से -KYC और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग सहित आमजन की राजस्व से संबंधित समस्याओं का निराकरण करना है। उक्त महा-अभियान में निम्नानुसार गतिविधियाँ सम्पादित की जाएगी।
1. *RCMS पर प्रकरण दर्ज कराना और पूर्व आदेशों का खसरों और नक़्शे में अमल* :- राजस्व सम्बन्धी सभी प्रकरण RCMS दर्ज कराए जाएँ। ऐसे प्रकरण जो की अभी न्यायालय में ऑफलाईन प्रचलित है, अथवा किसी कारण से नम्बर से उतर गए हों, उन्हें RCMS पर दर्ज कराना सुनिश्चित करें। ये देखने में आया है, कि राजस्व न्यायालय में नामांतरण, बँटवारे के आदेश पारित होने के बाद भी राजस्व अभिलेखों (खसरा नक़्शे) में आदेश का अमल नहीं हुआ है।
2. *अपर कलेक्टर, अनुविभाग अधिकारी द्वारा तहसील न्यायालयों का निरीक्षण* :- अपर कलेक्टर / अनुविभाग अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्राधिकार की सभी तहसीलों । टप्पों का शत प्रतिशत निरीक्षण 07 अगस्त 2024 तक पूरा कर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि :- तहसीलों और टप्पों में RCMS की व्यवस्था विधिवत लागू है. और न्यायालय में कोई भी प्रकरण ऑफ़लाइन नहीं है। पूर्व के सभी न्यायालयीन आदेशों का राजस्व अभिलेखों (खसरा नक़्शे) में अमल किया जा चुका है।
3 *RCMS पर लम्बित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण* :- राजस्व अधिकारियों द्वारा 30 जून 2024 की स्थिति में समय सीमा पार कर चुके लम्बित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए, तथा नियमित सुनवाई कर नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जाए। प्राथमिकता से पुराने प्रकरणों का निराकरण किया जाए। अभियान के दौरान प्राप्त अविवादित प्रकरणों का निराकरण भी अभियान अवधि में सुनिश्वित किया जाये। प्राप्त नामांतरण अविवादित होने की स्थित में 1 माह की समयसीमा की भीतर निराकरण किया जाए, तथा पूर्व से दर्ज बटवारा प्रकरण अविवादित बटवारा होने की दशा में तीन माह की समय सीमा में निराकरण किया जाए, साथ ही यह प्रमाण पत्र प्रेषित किया जाए कि दिनांक 30 जून 2024 की स्थिति निराकृत प्रकरण का अभिलेख में अमल सुनिश्चित किया जा चुका है।
4 *नामांतरण* :- 30 जून 2024 को समय-सीमा बाह्य के लंबित नामातंरण प्रकरणों (विवादित / अविवादित) का निराकरण सुनिश्चित करते हुए, दर्ज प्रकरणों का समय-सीमा में में निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। रिकार्ड में बहुत से भूमिस्वामी ऐसे दर्ज हैं, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है, परन्तु उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। इस अभियान के तहत उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को भी दर्ज कर निराकरण किया जाए।
5 *बटवारा* :- 30 जून 2024 को समय-सीमा बाह्य के लंबित बटवारा प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करते हुए दर्ज प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे भूमि की सीमा नक्शे में उपलब्ध होने पर विवादों का निराकरण किया जा सके।
6 *अभिलेख दुरुस्ती* : – 30 जून 2024 को 06 माह की अवधि के लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जाना सुनिश्चित करें।
7 *नक्शे में तरमीम* :- कुछ ग्रामों के खसरा तथा नक्शे में लिंक स्थापित नहीं है और नागरिकों को उपलब्ध कराये जा रहे नक्शे पूर्णतः शुद्ध नहीं है। खसरा एवं नक्शा में एकरूपता नहीं होने से सम्बन्धित कृषकों को समस्याओं का सामना करना पडता है। इस संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही की जाए:- *खसरे में बटांकन होना परंतु नक्शे में नही होना*: नामांतरण/ बंटवारा आदेश के आधार पर यदि खसरे में तो बटांकन किया गया, परंतु उसकी तरमीम नक्शे पर अमल नहीं की गई हो, तब इस प्रकार की त्रुटि नक्शे में दिखाई देती है। इस प्रकार की त्रुटि को ग्राम नक्शा में उपलब्ध खसरा बटांकन सूची के अनुसार भूलेख पोर्टल पर “नक्शा बटांकन” (Map Rectification) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम अमल का कार्य किया जा सकता है। वर्तमान में इस प्रकार की तरमीम के प्रकरण काफी अधिक संख्या में लंबित है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुधार किया जाए। *खसरा नंबर का एक से अधिक बार होना* : नक्शे के दो पार्सल में एक ही खसरा नंबर दर्ज है, जबकि नक्शा में प्रत्येक पार्सल पर एक यूनीक खसरा नंबर दर्ज होना चाहिए, इस प्रकार की त्रुटि से खसरा एवं नक्शा लिंकिंग में समस्या होती है और कम्प्यूटर यह पता नहीं कर पाता कि जिस खसरा नंबर का दोहराव हो रहा है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर “नक्शा संख्या अद्यतन” (Map Number/ Attribute Update) मॉडयूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया जाए। *नक्शे में बटांकन होना एवं खसरे में नहीं होना* : यदि किसी खसरा नंबर के नक्शे में बटांकन दर्ज है किन्तु खसरे में मूल नंबर प्रदर्शित हो रहा है तो नक्शे में दर्ज बटांको को मर्ज कर खसरा अनुसार मूल नंबर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर बहुल नक्शा बटांकन (Village Map Correction) मॉडयूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाए। *शामिल खसरे को भिन्न किया जाना* : सभी शामिल खासरो को बंदोबस्त के रिकॉर्ड एवम वर्तमान खसरा नक्शे के आधार पर रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाए।
8 *समग्र-E-KYC तथा समग्र से खसरे की लिंकिंग* :- समग्र वेव पोर्टल, MPONLINE/ CSC के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की -KYC कराने की सुविधा नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध रहेगी, तथा इस हेतु निर्धारित राशि (रुपये 18) संबंधित MPONLINE/CSC के कियोस्क को विभाग के द्वारा MPSEDC के माध्यम से प्रदान की जायेगी। सभी खातेदारों और उनके परिवार के सदस्यों को समग्र E-KYC करने के लिए प्रेरित किया जाए। लैंड पार्सेल को समग्र से लिंक करने के लिए एक यूटिलिटी विकसित की गयी है. MPONLINE और CSC के कियोस्क पर ये सुविधा भी नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी है। तथा इस हेतु भी निर्धारित राशि संबंधित MPONLINE/ CSC के कियोस्क को विभाग द्वारा MPSEDC के माध्यम से प्रदान की जायेगी। लैंड पार्सेल को समग्र से लिंक करने की कार्यवाही इस अभियान के दौरान पूरा करने का प्रयास किया जाए।
9 *PMKISAN सैचुरेशन* :- पीएमकिसान योजना सैचुरेशन हेतु निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए :- छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को योजना में जोड़ा जाए।अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पीएमकिसान पोर्टल पर अद्यतन की जाए।लंबित ई-केवायसी की कार्यवाही पीएम किसान एप, पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से ओटीपी द्वारा, सीएससी केन्द्र के माध्यम से बायोमेट्रिक द्वारा अथवा पीएम किसान एप के माध्यम से फेस रिकग्निशन द्वारा पूर्ण की जाए। लंबित आधार बैंक खाता डीबीटी हेतु एनेबल करने की कार्यवाही संबंधित वैकर्स का सहयोग लेकर एवं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक संबंधी खाता खोलकर पूर्ण की जाए।
10. *स्वामित्व* :- स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि के सर्वेक्षण की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए :- 31 जुलाई 2024 तक समस्त ग्रामों में ग्राउंड डुथिंग का कार्य पूर्ण किया जाकर अद्यतन नक्शा सर्वे ऑफ इंडिया से प्राप्त किए जाए। आरओआर एण्ट्री की कार्यवाही सतत् रूप से की जाए, जिससे अद्यतन नक्शा प्राप्त होने पर दिनांक 05 अगस्त 2024 तक यह कार्यवाही पूर्ण हो सके। 12 अगस्त 2024 तक अधिक से अधिक ग्रामों का अंतिम प्रकाशन की कार्यवाही पूर्ण की जाए। 15 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर अधिकार अभिलेख का वितरण समारोहपूर्वक सुनिश्चित किया जाए। 31 अगस्त 2024 तक योजना सैक्रेट करने हेतु कार्यवाही पूर्ण की जाए।
11 *फार्मर रजिस्ट्री* :- प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री का प्रबंधन mpfr.agristack.gov.in पोर्टल के माध्यम से प्रारंभ किया जा रहा है, जिसके माध्यम से सुनिश्चित करने का प्रयास रहेगा कि कृषक किसान क्रेडिट कार्ड हेतु ऑनलाईन आवेदन कर सकें एवं नियमानुसार पात्रता होने पर 30 मिनिट में राशि किसानों को प्राप्त हो सके साथ ही इसके माध्यम से पीएमकिसान योजना हेतु आवेदन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। पीएमकिसान योजना हेतु फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया गया है, अतः संलग्र प्रक्रिया अनुसार कृषक स्वयं अथवा पटवारी फार्मर आईडी बनाये जाने की कार्यवाही कर सकते हैं। छूटे हुए पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन भी संबंधित पटवारी द्वारा किया जा सकता है एवं किसान भी उक्त पोर्टल एवं एप के माध्यम से कार्यवाही सुनिश्चित कर सकते हैं। आगामी समय में फार्मर आईडी अन्य योजनाओं में भी अनिवार्य होगा, अतः इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कर किसानों की सहभागिता से फार्मर आईडी जनरेट करने की कार्यवाही पूर्ण की जाए। 15 अगस्त 2024 के समारोह में जिला/ब्लॉक / पंचायत स्तर पर फार्मर आईडी की प्रति प्रदान की जाए। सोशल मीडिया पर फार्मर आईडी के साथ किसानों द्वारा फोटो अपलोड किए जाए। अपलोड किए गए फोटो में से प्रदेश स्तर पर 03 फोटो का चयन कर संबंधित कृषक को पुरस्कृत किया जाए।
12. *प्रचार-प्रसार* :- अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं प्रगति की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से तहसील द्वारा प्रतिदिन साझा की जाए। प्रत्येक ग्राम में फ्लेक्स चस्पा कर दीवार लेखन कर अभियान के प्रचार-प्रसार किया जाए।
13. *पुरुस्कार* :- उत्कृष्ट कार्य करने वाले अपर कलेक्टर, अनुविभाग अधिकारी (रा). तहसीलदार/नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक पटवारी को अभियान के समापन पर पुरस्कृत किया जाएगा। उक्त अभियान के अंतर्गत अपर कलेक्टर जिला झाबुआ जिले के नोडल अधिकारी होंगें व संबंधित अनुभाग में अनुविभागीय अधिकारी (रा) नोडल अधिकारी होंगें एवं सहायक नोडल संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार होंगें। सभी अनुविभागीय अधिकारी (रा) / तहसीलदार/ नायब तहसीलदार लंबित कार्य की ग्रामवार समीक्षा कर निर्देशानुसार लंबित कार्य की पूर्णता दिए गए समय सीमा में पूर्ण करना सुनिश्चित करें व उक्त कार्य की समीक्षा समय-समय पर समय सीमा बैठक एवं राजस्व अधिकारियों की बैठक में की जावेगी। उक्त अवधि में किसी प्रकार की कार्यवाही लंबित होने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।