20 और 21 जुलाई 2024 को उज्जैन में 3री मप्र स्टेट कलरिपयट्टु ट्रेनिंग कैंप और चैंपियनशिप आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों ने भाग लिया। 8 से 14 वर्ष, 14 से 18 वर्ष और 18 वर्ष से ऊपर के बच्चों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर प्रदर्शन किया।
कलरिपयट्टु भारतीय मूल का एक प्राचीन युद्ध कला है, जो दक्षिणी राज्य केरल से उत्पन्न हुआ है। यह संभवतः सबसे पुरानी अस्तित्ववान युद्ध पद्धतियों में से एक है, जो आत्मरक्षा के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। ओर अब ओलंपिक एवं खेलो इंडिया में भी यह खेल शामिल है। इसमें खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल है। विशेष रूप से, यह बेटियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडलिस्ट सुशील वाजपई ने बताया कि झाबुआ के जय बजरंग व्यायामशाला से दो खिलाड़ियों को इस ट्रेनिंग कैंप के लिए भेजा गया है। ये खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर झाबुआ में बच्चों को इस कला की ट्रेनिंग देंगे और भारतीय मूल के इस खेल को आगे बढ़ाएंगे। इस ट्रेनिंग कैंप में व्यायामशाला से गुलाब सिंह और संतोष मेडा का चयन किया गया, जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। ओर उन्होंने यह भी बताया कि कलरिपयट्टु मध्य प्रदेश एसोसिएशन के जनरल सेकेट्री श्री गजेन्द्र सिंह से चर्चा कर जल्दी ही झाबुआ में प्रशिक्षण कैंप रखा जाएगा जिसमें युवा बेटे बेटियों को अवसर मिलेगा इस युद्ध कला को सीखने का। शक्तियुवा मंडल ,जय बजरंग व्यायामशाला , सामाजिक महासंघ , व्यापारी संघ और झाबुआ के विभिन्न खेल संगठनों द्वारा दोनो खिलाड़ियों को बधाइयां दी गई।