गुरु पूर्णिमा के अवसर पर “एक शाम गुरु के नाम” का हुआ आयोजन
झाबुआ/ अखिल भारतीय साहित्य परिषद के बैनरतले गुरु पूर्णिमा की पावन संध्या के अवसर पर स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर में “एक शाम गुरु के नाम” काव्य पाठ का आयोजन किया गया । सर्व प्रथम उपस्थित सभी कवि और साहित्यकारों ने मां सरस्वती एवं प्रथम गुरु महर्षि वेद व्यास के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।कार्यक्रम के आयोजक अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष भेरूसिंह चौहन “तरंग” थे । तनीषा चंदेल ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की।विनोद गुप्ता ने “गुरु वंदन की पावन घड़ियां , पूजन अर्चन कर ले हम, सद गुरुओं के आशिषों से ज्ञान की गागर भर ले हम”सुनाई। प्रवीण कुमार सोनी “पुष्प” ने पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु के सम्मान में बच्चों को समर्पित “प्यारे प्यारे बच्चों की प्यारी सी मुस्कान” बहुत ही सुंदर रचना की प्रस्तुती दी। वरिष्ठ साहित्यकार कवि पी. डी. रायपुरिया ने “धरती के श्रृंगार वृक्ष हैं पानी है उसकी धानी, आओ मिलकर पेड़ लगाएं फिर उसमें डाले पानी” सुनाई और तालियां बटोरी। वरिष्ठ साहित्यकार कवि भेरूसिंह चौहान “तरंग” ने अपने उद्बोधन में गुरु पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है साथ ही अपना गुरु की महिमा पर स्वरचित गीत ” गुरु की महिमा सबसे न्यारी गुरु ज्ञान की खान है, राह दिखाते हैं सबको ही मिल जाते भगवान है” प्रस्तुत कर सबको मोहित कर वाह वाही और तालियां बटोरी। वरिष्ठ साहित्यकार गजलकार वाहिद फराज ने मां पर रचित शेर-मुक्तक के साथ ही “प्यारा हिंदुस्तान ये अपना “देश भक्ति से ओतप्रोत गीत की प्रस्तुति दी और वाह वाही लूटी । संस्था के प्रधानाध्यापक शांतिरत्न जैन ने भी अपने विचार पटल पर रखे । डेनीशा बबेरिया , काशवी जैन भी गीत की प्रस्तुति दी।कार्यक्रम का सफल संचालन भेरुसिंह चौहान “तरंग”ने किया ।विद्यालय के संस्था प्रमुख सुरेशचंद्र जैन ने अपनी बात रखते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विद्यालय का समस्त शिक्षक परिवार श्रीमती सोम नीमा,राजकुंवर वर्मा, खुशी सोलंकी, सलोनी अरोरा,,श्री गलसिंह उछवाल,,शिवानी बसोड़ एवं विद्यार्थी मौजूद था।