भोपाल – मध्य प्रदेश की राजनीति में दो दिन पहले शुरू हुआ ” नागर सिंह चौहान विद्रोह ” अध्याय आज मंगलवार – बुधवार की मध्य रात्रि समाप्त हो गया। दिल्ली से लौटकर मंत्री नागर सिंह चौहान राजधानी भोपाल में मध्य प्रदेश सरकार के त्रिदेव (मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव , संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा) से मिले। एक फोटो जारी किया गया जो यह संदेश देता है कि मामले का पटाक्षेप हो गया है ।
सोमवार को इस्तीफा का ऐलान कर दिया था , कांग्रेस पार्टी से भाजपा में शामिल हुए विधायक रामनिवास रावत को वन विभाग मिलने के बाद , पूर्व वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने बयान जारी करके , मुख्यमंत्री के फैसले के प्रति अपना विरोध प्रकट किया था। उन्होंने कहा था कि , ‘ मुझसे कोई विभाग छीनना था तो सीएम बता सकते थे। लेकिन कांग्रेस से आए हुए नेता को मेरा विभाग दे देना गलत है। यह फैसला अचानक हुआ , इस कारण मैं दुखी हूं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करूंगा। मैं बीते 25 सालों से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा । ‘ मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता सिंह चौहान रतलाम से सांसद हैं। यह भी कहा जा रहा था कि उनकी पत्नी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी ।
नागर सिंह , दिल्ली से लौटकर सीधे मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे , भारतीय जनता पार्टी में इस प्रकार की अभिव्यक्ति को अनुशासनहीनता माना जाता है। इसलिए नागर सिंह को केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिल्ली बुलाया गया। इधर कई लोग यह अनुमान लगाए बैठे थे कि , आज दिल्ली में मध्य प्रदेश के एक विधायक और एक सांसद का इस्तीफा होने वाला है। केंद्रीय कार्यालय में मुलाकात के बाद नागर सिंह सीधे भोपाल आए और रात्रि 11:00 बजे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे , इसी के साथ यह अध्याय समाप्त हो गया ।