अलीराजपुर – गायत्री शक्तिपीठ पर हो रहा कन्या कौशल शिविर का आयोजन , खंडवा गायत्री परिवार की 15 – 15 वर्ष की चार कन्याएं शिविर में दे रही कन्याओं को प्रशिक्षण ।
अलीराजपुर – अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशानुसार अलीराजपुर गायत्री शक्तिपीठ पर आज से कन्या कौशल शिविर का आयोजन किया गया है , गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक संतोष वर्मा ने बताया कन्याओं के जीवन के कौशल के लिए गायत्री परिवार द्वारा तीन दिवसीय कन्या कौशल शिविर आयोजित किया जा रहा है ताकि बालिकाएं संस्कारित हो सके। परिवार समाज और राष्ट्र की सेवा कर सके। शिविर में125 कन्याओं ने भाग लिया , यह शिविर 25 जुलाई गुरुवार से 27 जुलाई शनिवार तक दो सत्रों में अयोजित हो रहा है। शिविर गायत्री शक्तिपीठ पर प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पहला सत्र व दूसरा सत्र दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक आयोजित किया जा रहा है , कन्या कौशल शिविर मे खंडवा गायत्री परिवार की टोली में टोली नायक ब्रजेश पटेल सहयोगी टोली नायक भागीरथ पटेल के साथ प्रशिक्षण टोली में 15 15 वर्ष की चार कन्या कुमारी गायत्री पटेल,कुमारी रानी केवट, कुमारी निधि रघुवंशी, कुमारी अंतिम सावनेर के द्वारा अलीराजपुर गायत्री शक्तिपीठ पर कन्याओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है , सत्र के पहले दिन टोली नायक ब्रजेश पटेल ने बताया तीन दिवसीय कन्या कौशल शिविर मे कन्याओं को गुरु और गायत्री की महिमा बताई गई। बताया कि गुरु का जीवन में कितना महत्व है,और गायत्री हमारे वेद माता विश्व माता, आराध्य देवी है, गायत्री मंत्र के विषय में विशेष रुप से विस्तृत जानकारी दी है ,साथ ही बताया कि भारतीय संस्कृति हमारे लिए कितनी जरूरी है आज के समय में भौतिक संसाधनो का अंबार लगा हुआ है, इसमें कहीं ना कहीं भारतीय संस्कृति विलुप्त हो रही है, और पाश्चात्य संस्कृति बढ़ते चले जा रही है, कन्याओं को बताया गया की हमारे रहन-सहन में, हमारे व्यवहार में भारतीय संस्कृति बहुत ही आवश्यक है। कन्या एक शक्ति है कन्या शक्ति के माध्यम से ही आने वाले समय में कन्याओं के द्वारा देवी देवता संत सुधारको का कन्याओं की शक्ति से ही गर्भ से जन्म होगा , कन्या टोली नायक रानी केवट ने बताया गुरु गायत्री और भारतीय संस्कृति के विषय में कन्याओं को शिविर में जानकारी दी गई है पाश्चात्य संस्कृति के कारण हमारी भारतीय संस्कृति का हास होते जा रहा है। जिसके कारण बच्चिया भटकाव और गलत चीजों में पड़ रही है। उन्हें अच्छी चीजों से जोड़ना अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की शिक्षा दी गईं है की वे अपनी संस्कृति और वैदिक धर्मो को पहचाने , कन्या कौशल शिविर में गायत्री परिवार की महिला मंडल एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की है ।