शासकीय नौकरी मे एक तय सीमा के अंदर सेवा निवृती होना सुनिश्चित है -डॉ बी एस डाबर.
सेवा निवृत लोकप्रिय एम एस सिसोदिया ने अपने सर्विस काल के 41 वर्ष थांदला सिविल हॉस्पिटल मे सेवा दे कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया.
थांदला (वत्सल आचार्य की रिपोर्ट)
शासकीय सेवा में सेवानिवृत्ति अनिवार्य है। लेकिन अच्छे कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों को जनता सदैव याद रखती है। यह बात आज सिविल हॉस्पिटल थांदला मे रेडियो ग्राफ़र के पद को सुशोभित करने वाले एम एस सिसोदिया के रिटायरमेंट होने पर आयोजित विदाई समारोह मे अतिथियों द्वारा कही. कार्यक्रम के प्रारंभ में रिटार्यड हुए श्री सिसोदिया को शॉल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। सेवा निवृत कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि डॉ किरण बाला चतुर्वेदी ने कहा क़ी सेवानिवृत्ति के बाद व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को और भी बेहतर से निभा सकता है। हमें उम्मीद है कि आगे भी सिसोदिया ज़ी के अनुभवों का लाभ जनहित में जरूर उठाएंगे। समारोह को संबोधित करते हुए बी एमओ डॉ बी एस डाबर ने कहा कि यूं तो सरकारी नौकरी में एक तय समय सीमा के अंदर सेवानिवृत्त होना सुनिश्चित है। परंतु किसी सरकारी कर्मी द्वारा किए गए कृत कभी सेवानिवृत्त नहीं होते। इन्हीं में से एक हैं सिसोदियाज़ी जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान स्वास्थ सेवा के अंतर्गत अपने कार्य को एक नई ऊंचाई दी है। मरीजों के प्रति उनका लगाव समय पालन तथा अनुशासन के साथ-साथ कर्तव्य पराणयता व व्यवस्था में इनके द्वारा किए गए सुधार को भुलाया नहीं जा सकता। इनका यह आचरण अन्य स्वास्थ कर्मी के लिए न सिर्फ अनुकरणीय है बल्कि बिगड़ते स्वास्थ व्यवस्था की हालत को सुधारने के लिए जरूरी भी है । स्वास्थ क़ी बेहतरी के लिए छुट्टी के दिन भी इनका हॉस्पिटल में उपस्थित रहना तथा सभी को साथ लेकर चलने की इनमें अद्भुत प्रतिभा थी। इसी का परिणाम है कि इनके सेवानिवृत्ति पर आज स्टाफ कर्मी व मरीज़ मायूस हैं। आप ने इनकी दीर्घायु की कामना करते हुए जीवन की दूसरी पारी में भी बेहतर करने की शुभकामना देते हुए बेहतर समाज के निर्माण को लेकर सक्रियता बनाए रखने की बात कही।
गरिमामयी कार्यक्रम मे सिविल हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्सक डॉ मनीष दुबे ने कहा क़ी दद्दू (सिसोदियाजी ) ने सेवाकाल के दौरान अपने दायित्वों का पूरी गंभीरता से पालन किया। समय पर अपने कर्तव्य पर पहुंचना और मरीजों का उपचार सेवा भाव से करना इनकी विशेषता रही रात हो या दिन कभी भी मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध रहते थे। इनके कार्यशैली से सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। अंत मे श्री सिसोदिया ने नम आँखों से सभी का अभिवादन कर कहा क़ी स्वास्थ कर्मियों, मेरे उच्च अधिकारियो के द्वारा कार्य करने के दौरान सभी का जो सपोर्ट मिला उसे मे ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकता आप सभी स्वास्थ कर्मी भाइयो, बहनो का प्यार मुझे ताउम्र याद रहेगा कार्यक्रम मे समस्त स्टाफ द्वारा ढ़ोल बाजे के साथ श्री सिसोदियाज़ी को उनके निवास स्थान पर पंहुचा कर उन्हें बिदाई दी. सेवा निवृत कार्यक्रम मे समस्त स्टाफ के साथ ही नगर के नागरिक गण के समक्ष डॉ मनीष दुबे द्वारा प्रशस्ति पत्र का वाचन किया गया आभार जान खराड़ी ने किया