झाबुआ

अपनी जान जोखिम में डाल गढ़ रहे नन्हे नन्हे बच्चे अपना भविष्य, शिक्षा विभाग व सरकार के बड़े बड़े दावे खोखले….

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झाबुआ :-पश्चिमी मध्य्प्रदेश का आदिवासी बाहुल्य जिला झाबुआ में जहाँ शिक्षक अपने प्रयास से देश का भविष्य बनाने में जुटे है वही अधिकारी अपने कार्य मे लापरवाही करने में कोई कसर नही छोड़ रहे। मामला राणापुर के ग्राम अंधारवाड़ स्कूल का हैं जहाँ जर्जर छत के नीचे शिक्षक 190 बच्चो का भविष्य गढ़ रहे हैं, जिम्मेदार नहीं दे पा रहे जावब । आखिर कोन सुनेगा….. ?

राणापुर नगर से 12 किलोमीटर दूर अंधारवड मिडिल स्कूल ,यहां पर हाल बेहाल है । यहां मिडिल स्कूल में 190 बच्चे अध्ययनरत है ,ओर बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है । 190 नन्हे नन्हे बच्चे ,अपनी जान जोखिम में डाल गढ़ रहे है अपना भविष्य । सरकारी भवन जर्जर है ,तो हर कोने में पानी टपकता है । बच्चो को बैठने के लिए जगह नहीं है ,वही कब यह जर्जर भवन गिर जाए इसका कुछ कह नहीं सकते । वही इस मामले पर कोई जिम्मेदार व्यक्ति बोलने को तैयार नहीं है ,आखिर इस तरह रहेगा ग्रामीण क्षेत्रों में ,तो शिक्षा का स्तर केसे सुधारा जाएगा बड़ा सवाल ,आज इन बच्चो के भविष्य के साथ सरकार , व शिक्षा विभाग दोगला व्यवहार कर रहा है साफ दिखाई दे रहा है किस तरह धरातल पर सम्बन्धी विभाग के कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लगातार प्रायवेट स्कूलों को किया जाता है टारगेट ।

लगातार हम देखते आ रहे है ,की सोशल मीडिया पर प्रायवेट स्कूलों को लगातार टारगेट किया जाता है ,ओर बात भी सही है ,सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा मिलना तो संभव है नही ,तो माता पिता मजबूरी में अपने बच्चो को प्रायवेट स्कूलों में भेजेंगे ही ,ओर प्रायवेट स्कूलों में बढ़ती भीड़ को देखते हम कह सकते है ,की आज शिक्षा केवल व्यापार तक सीमित रह गई है । प्रायवेट स्कूलों में मोटी रकम लेकर बच्चो का भविष्य बनाया जाता है ,वही गरीब का बच्चा सरकारी मजबूरी में फस कर रह जाता है !

शिक्षा विभाग की पोल खोलती यह खबर केवल अंधारवड प्राथमिक स्कूल की नही है जिले में ऐसी कई सरकारी स्कुले है ,जहा शिक्षा के लिए बच्चे दर दर भटक रहे है ,कही जर्जर भवन है ,तो कही 200 बच्चो में एक शिक्षक ,तो कही केवल कागजों में ही चल रही है स्कूल । आहम बात करे तो शिक्षा का स्तर , आदिवासी क्षेत्र में काफी कम है ,जिसको लेकर भोलेभाले आदिवासी समाज को लगातार टारगेट किया जाता है ,नेता हो या अधिकारी केवल शिक्षा के नाम पर अपनी रोटियां सेकते है । लेकिन हकिकत में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की कोई भी नही सोचता ।

अंधारवड स्कूल की बात पर यह कहा बीआरसी धनसिंह डावर ने ।

जब स्कूल भवन जजर्र की बात बीआरसी से बात की गई तो ,उन्होंने बताया यह मामला हमारे संज्ञान में है ,हमने भोपाल सूचना कर दी है ,जब आगे से बजट आएगा तो हम इस स्कूल भवन को बनाएंगे  ।‌ बीईओ ने इस मामले में बताया मेने स्कूल का निरीक्षण किया है ,स्कूल काफी जर्जर हो चुकी है ,जिसको लेकर मेने आगे लेटर लिखा है । इस मामले को लेकर स्कूल प्राचार्य से भी चर्चा की उन्होंने बताया की यह समस्या काफी समय से बनी आ रही है । जिसको लेकर हमने जिले में भी कई बार बार की है ,साथ ही कई बार इस स्कूल का निरीक्षण भी हुआ है । लेकिन अभी तक कोई कदम इस और नही उठाया गया है । अब हम बच्चो को किस तरह पढ़ाए व कहा बिठाए ,हमारे लिए यह काफी समस्या भरा कार्य हो चुका है । इस मामले में शिक्षक से भी बात की शिक्षक ने बताया हम काफी परेशान है ,बच्चे आते है तो हम कहा बिठाए ,साथ ही अधिक पानी आता है ,तो हमे मजबूरी में छूटी करनी पड़ती है बच्चो की ,अब इस हाल में कैसे बच्चे पड़ेंगे व बच्चो का भविष्य सुधरेगा ।

हिन्दू युवा जनजाति संगठन ब्लाक महामंत्री हरीश बामनिया ने बताया

हिन्दू युवा जनजाति संगठन ने जब स्कूल का निरीक्षण किया तो यह मामला उजागर हुआ ,ब्लाक महामंत्री हरीश बामनिया ने बताया की स्कूल जर्जर हालत में है , यहां पर पत्थर गिर रहे है भवन की छत से, लोहे के सरीये से पानी टपक रहा है । भवन के अंदर पानी भर जाने से बच्चों को पढ़ाई में भी काफी परेशानी आ रही है और पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है । भवन की दयनीय हालत को देखते हुए यह कहा जा सकता है कभी भी भवन गिर सकता है ।

अब कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर

अब रही बात अधिकारी व शिक्षको की बात सुनने के बाद आती है मुद्दे की बात ,वर्षो से है यह हाल तो किस तरह भेजेंगे माता पिता अपने बच्चो को यहां इस स्कूल में पढ़ने के लिए ,कुछ माता पिता जो सक्षम है वो तो प्रायवेट स्कूलों में बच्चो को भेजेंगे , लेकिन जो सक्षम नहीं है वे अपने बच्चो को लेकर काम पर जाएंगे ,ओर बच्चो को भी साथ में काम कराएंगे ,कही न कही इन बच्चो का भविष्य तो यही से खत्म हो गया , नीव ही मजबूत नही तो सोचो बच्चो का भविष्य क्या होगा ,अब ऐसे हाल है तो नेता , जन प्रतिंनिधि किस तरह अपना बखान करते है ,सोचने वाली बात है।

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