झाबुआ – शारदा विद्या मंदिर द्वारा आयोजित “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधा वितरण का कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ चल रहा है । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और आने वाली पीढ़ियों को हरियाली के महत्व से अवगत कराना है ।
प्रथम चरण की शुरुआत अभियान का प्रथम चरण माध्यमिक शाला कागझेर, आंगनवाड़ी कागझर, नवीन कन्या अंग्रेजी मा(मा.स्तर) आश्रम शाला झाबुआ,सीनियर उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान झाबुआ, पिछड़ा वर्ग छात्रावास में आयोजित किया गया, जहाँ सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को पौधे वितरित किए गए ।
गीत के माध्यम से संदेश शिक्षक यशपाल ठाकुर ने अपने सुमधुर गीत के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उनके नेतृत्व में सभी विद्यार्थियों ने गीत को दोहराया, जिससे कार्यक्रम में एक विशेष उत्साह और जोश का माहौल बन गया ।
शारदा समूह का समर्थन शारदा समूह के संचालक एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के ” आत्मनिर्भर भारत ” विषय के राष्ट्रीय संयोजक ओम शर्मा ने बताया कि संस्था अब पर्यावरण के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन रही है शारदा विद्या मंदिर में पौधों की नर्सरी भी बनाई गई है, जहाँ विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर बीजों का रोपण कर हजारों की संख्या में फलदार एवं औषधीय पौधे तैयार किए। इस वर्ष, शारदा समूह की सभी संस्थाओं द्वारा 60 हजार पौधे तैयार करने और झाबुआ की सभी शासकीय, अशासकीय और सामाजिक संस्थाओं के साथ उनके रोपण और संरक्षण का संकल्प लिया गया है , पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए ओम शर्मा ने कहा, “पेड़ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे न केवल हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं बल्कि हमें स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन प्रदान करते हैं। पर्यावरण संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है, और हमें इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा , उन्होंने आगे कहा, “हम सभी को यह समझना चाहिए कि वृक्षारोपण केवल एक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी है जिसे हमें पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाना चाहिए। आज हमने जो पौधे लगाए हैं, वे कल बड़े होकर हमारे पर्यावरण को समृद्ध करेंगे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण तैयार करेंगे और यह अभियान जारी रहेगा ।
ईको-फ्रेंडली मूर्तियों का निर्माण विद्यार्थियों द्वारा पद्मश्री रमेश परमार एवं शांति परमार के निर्देशन में लगभग 1000 पेपर मेशी से बनी ईको-फ्रेंडली मूर्तियां बनाई गई हैं, जो सभी संस्थाओं में पौधों के साथ वितरित की जा रही हैं। इन मूर्तियों का निर्माण न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि हम पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए भी अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं का पालन कर सकते हैं ।
आभार व्यक्त विद्यालय के सभी शिक्षकों और होस्टल अधीक्षकों ने आभार व्यक्त किया और दिए गए पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया। इस आयोजन में शिक्षक कृष्णा जायसवाल, प्राचार्या दीपशिखा तिवारी और उप प्राचार्य मकरंद आचार्य का विशेष सहयोग रहा ।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शारदा विद्या मंदिर का यह कदम एक सराहनीय पहल है, जो समाज के लिए एक मिसाल बनेगी ।