झाबुआ

आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सानिध्य में श्रीमती हंसा गादिया को सूरत में विज्ञ उपाधि से सम्मानित किया गया

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झाबुआ – समण संस्कृति संकाय , जैन  विश्व भारती लाडनूं का एक उपक्रम है इसके तहत पूरे देश भर में जैन विद्या परीक्षा का आयोजन किया जाता है जैन विद्या नववर्षीय पाठ्यक्रम है इसी के तहत जैन विद्या परीक्षा के नव वर्ष पाठ्यक्रम को पूर्ण करने पर आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सानिध्य में गुजरात के सूरत में समण संस्कृति संकाय अंतर्गत जैन विद्या परीक्षा के विभागाध्यक्ष मालचंद बेगानी , दीक्षांत समारोह सूरत के संयोजक प्रवीण कुमार सुराणा , सम्यक दर्शन कार्यशाला के संयोजक पुखराज डागा , आगम मंथन के संयोजक गौतम डागा , अध्यापन टीम संयोजक सुशील बाफना, जैन विद्या परीक्षा के संयोजक डा विजय संचेती द्वारा श्रीमती हंसा गादिया को विज्ञ उपाधि से सम्मानित किया गया ।

समण  संस्कृति संकाय के प्रणेता आचार्य से तुलसी के शब्दों में बच्चे का निर्माण , परिवार का निर्माण है समाज का निर्माण है राष्ट्र का निर्माण है । जिस राष्ट्र के बच्चे अनुशासित और चरित्र निष्ठा नहीं होते वह राष्ट्र कभी शक्ति संपन्न और गौरवशाली नहीं बन सकता और इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए समण संस्कृति संकाय गतिमान है । संकाय सिर्फ बच्चों को नहीं अपितु समाज के हर वर्ग को जैन दर्शन के ज्ञान देने का कार्य विभिन्न माध्यमों से कर रहा है ।वर्तमान में संचालित शिक्षा प्रणाली केवल बौद्धिक विकास पर जोर दिया जा रहा है । हमारे बाल पीढ़ी जैनत्व संस्कारों से जुड़ी रहे , जैन संस्कृति की अनुरूप उनके आचार, विचार,  व्यवहार और खान-पान की पवित्रता और शुद्धता बनी रहे । इसी के लिए समण संस्कृति संकाय का विशेष जागरूकता के साथ परीक्षाओं का आयोजन कर रहा है । केवल भारत में अपितु विदेशों में भी विभिन्न स्थानों पर सैकड़ो केंद्र स्थापित है । जिनमें हजारों की संख्या में परीक्षार्थी संस्कार निर्माण की दिशा में अग्रसर होते हैं । समण संस्कृति संकाय के पर्यवेक्षक मुनि श्री कीर्ति कुमार जी के मार्गदर्शन में स्वाध्याय व अध्ययन कार्य संचालित किया जा रहा है । जैन विद्या परीक्षा पूरे भारत में सैकड़ों केन्द्रो के माध्यम से संचालित होती है । वर्ष 2023 जैन विद्या परीक्षा में कुल 11904 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से 8893 परीक्षार्थीयो ने परीक्षा दी थी । 8260 परीक्षार्थी उत्तीर्ण भी हुए । । जैन विद्या परीक्षा नववर्षीय पाठ्यक्रम है जिसके अंतर्गत भाग 1 से भाग 9 भाग तक परीक्षाओ का आयोजन किया जाता है । साथ ही साथ संकाय द्वारा पाठ्य पुस्तक भी उपलब्ध कराई जाती है तथा ऑनलाइन अध्ययन भी कराया जाता है । जैन विद्या परीक्षा के 9 वर्षीय पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होने पर समण संस्कृति संकाय द्वारा विज्ञ उपाधि से सम्मानित किया जाता है । इसी के अंतर्गत विगत दिनों गुजरात के सूरत शहर में तेरापंथ के सरताज आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सानिध्य में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इसी कड़ी में 24 वा दीक्षांत समारोह अंतर्गत झाबुआ से श्रीमती हंसा गादिया को यह पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर जैन विद्या परीक्षा के विभागाध्यक्ष मालचंद बेगानी , दीक्षांत समारोह सूरत के संयोजक प्रवीण कुमार सुराणा , सम्यक दर्शन कार्यशाला के संयोजक पुखराज डागा , आगम मंथन के संयोजक गौतम डागा, अध्यापन टीम संयोजक सुशील बाफना , जैन विद्या परीक्षा के संयोजक डा विजय संचेती द्वारा श्रीमती हंसा गादिया को विज्ञ उपाधि से सम्मानित किया गया ।

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