थांदला (वत्सल आचार्य की रिपोर्ट) आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती अणुवत्स संयतमुनिजी आदि ठाणा -4 पौषध भवन पर व साध्वी निखिलशीलाजी आदि ठाणा-4 दौलत भवन पर वर्षावास हेतु विराजित है। संत एवं साध्वी मंडल के सानिध्य में यहां प्रात: राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना के बाद व्याख्यान प्रात: 9 से 10 बजे तक, दोपहर में वाचनी, ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौबीसी व गुरु गुणगान आदि विविध आराधनाएं हो रही है। जिसमें श्रावक, श्राविकाएं व बच्चें उत्साहपूर्वक अपने अपने समय एवं यथा शक्ति आराधना कर रहे है। श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर व श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन पर हो रहा हैं। यहां श्रीसंघ में त्याग तपस्या का दौर निरंतर जारी है। आराधक तपस्या में रम रहे है। इस प्रसंग पर तपस्या के क्रम में केवल अचित जल के आधार पर निराहार रहते हुए प्रेरणा आयुष व्होरा ने 31 उपवास मासक्षमण की कठोर तपस्या पूर्ण की । वर्षावास का यह दूसरा मासक्षमण पूर्ण हुआ ।तपस्वी प्रेरणा आयुष व्होरा के तप के अनुमोदनार्थ तपस्वी के आवास से तपस्वी की जयकार यात्रा निकली । यात्रा में बडी संख्या में श्रावक श्राविकाएं एवं बच्चे शामिल हुए । यात्रा प्रमुख मार्गो से होती हुई पौषध भवन पहुंची । यहाँ आयोजित बहुमान समारोह को अणुवत्स संयतमुनिजी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि तप कई भवों के संचित कर्मों को क्षय कर देता है जैसे सुखी घाँस को अग्नि की एक चिंगारी मात्र जलाकर राख बना देती है उसी प्रकार तप के ताप से तपकर आत्मा कुंदन बन जाता है। संयतमुनिजी ने तपस्वी व तपस्वी के परिवार को खूब खूब धन्यवाद दिया। धर्म सभा को आदित्य मुनिजी ने भी सम्बोधित किया।साध्वी निखिलशीलाजी एवं दीप्तिजी ने भी तपस्वी के तप की अनुमोदना में स्तवन प्रस्तुत किया। नवयुवक मण्डल अध्यक्ष रवि लोढ़ा व सचिव संदीप शाहजी ने बताया की तपस्वी का श्री संघ की और से विभिन्न महानुभावों ने तप की बोली लगाकर शाल ओढाकर माला पहनाकर बहुमान किया।श्री संघ के पूर्व अध्यक्ष नगीन शाहजी, महेश व्होरा, रमेशचंद्र चौधरी, प्रकाश घोड़ावत, जितेंद्र घोड़ावत,श्री संघ कोषाध्यक्ष संतोष चपलोद ने तपस्वी को अभिनन्दन पत्र भेंट कर बहुमान किया।तपस्वी का तेरापंथ सभा, श्री ललित जैन नवयुवक मण्डल, श्री धर्मलता जैन महिला मण्डल की और से मण्डल अध्यक्ष पुष्पा घोड़ावत, सचिव गरिमा श्रीश्रीमाल व कोषाध्यक्ष सुनिता पीचा व अ.भा. चंदना श्राविका संगठन डूंगर प्रांत आदि विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संस्थाओ ने भी बहुमान किया। साथ ही गादिया, घोडावत ,भंसाली , श्रीमती मांगूबाई चोपड़ा व मनीष मनोज जैन परिवार सहित कई परिवारों द्वारा भी बहुमान किया गया। सभा में श्रीसंघ के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत ने श्रीसंघ की ओर से मासक्षमण तपस्वी को उनके तप के लिये खूब खूब धन्यवाद दिया व मंगल कामना व्यक्त की, साथ ही मेघनगर श्री संघ के विनोद बाफना ने भी तपस्वी की अनुमोदना करते हुए अपने भाव व्यक्त किये।आयुषी जैन ने तपस्वी के अनुमोदन में स्तवन प्रस्तुत किया।संचालन श्रीसंघ के सचिव प्रदीप गादिया ने किया । प्रभावना का लाभ सुभद्रा रमेशचंद्र श्रीश्रीमाल एवं प्रदीप चंपालालजी व्होरा परिवार थांदला ने लिया ।
सिद्धि तप की सामूहिक आराधना
श्री संघ में 64 तपस्वी सिद्धि तप की सामूहिक आराधना कर रहें है जिसका समापन संवत्सरी महापर्व पर होगा । यहाँ पर जैन सोशल ग्रुप की उपाध्यक्ष सोनिया नितेश शाहजी ने 11 उपवास, निधि तनुज कांकरिया व पर्व हेमंत श्रीश्री माल ने 8-8 उपवास की तपस्या पूर्ण की श्री संघ की ओर से तपस्वियों का बहुमान तप की बोली लगाकर किया गया।अनेक श्रावक श्राविकाओं ने विभिन्न तप की बोली लेकर तप आराधकों का अभिनंदन किया।
संलग्न फोटो :तपस्वी की निकली जयकार यात्रा में शामिल श्रावक-श्राविकाए। तपस्वी प्रेरणा आयुष व्होरा का पारणा करवाते हुये स्वजन।