केशव विद्यापीठ में संस्कृत सेवा भारती झाबुआ जनपद द्वारा किया जा रहा संस्कृत सप्ताह का आयोजन
संस्कृत सेवा भारती के सह संयोजक श्री मोहन डामोर के मार्गदर्शन में संस्कृत भाषा का हमारी संस्कृति एवं हमारे जीवन में उपयोगिता के संदर्भ में स्थानीय केशव विद्यापीठ मंे संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृत सप्ताह के उद्घाटन सत्र के अवसर पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से पधारे शिक्षकों, पालकों एवं बच्चों को श्री डामोर ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचित भाषा में से एक है, इसे देवनागरी भाषा भी कहा जाता है। हमारे जितने भी प्राचीन ग्रंथ है वे सभी संस्कृत भाषा में लिखे गये है इसलिए इसे सभी भाषाओं की जननी भी कहा जाता है। श्री डामोर ने कहा कि संस्कृत भाषा को सीखना कठीन नहीं है बल्कि हम इसे कठीन समझते है यदि हम हमारे घर में प्रतिदिन पांच संस्कृत वाक्य अथवा संस्कृत सुक्तियांे का प्रयोग करें तो निश्चित ही हमें भी संस्कृत का स्वतः ज्ञान होने लग जाएगा।
इस अवसर पर संस्कृत भाषा के प्रगाढ़ ज्ञाता एवं पंडित श्री गणेश उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे प्राचिन ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखे गये है। उन्होनें उपस्थित अतिथियों एवं बच्चों से आग्रह किया कि वे प्रतिदिन प्रातः उठकर सर्वप्रथम अपने हाथों की हथेलियों को देखते हुए ‘‘ कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविंदः प्रभाते करदर्शनम्’’ बोलने का आग्रह किया। उन्होनें बताया कि हथेली के शिर्ष भाग पर माता लक्ष्मी, मध्य भाग में माँ सरस्वती जी तथा हथेली के नीचे के भाग में गोविंद निवास करते है इसलिए प्रतिदिन हमें हमारी हथेली को देखकर चिंतन करना चाहिए।
सी.एम. राईज विद्यालय कल्याणपुरा के प्राचार्य श्री ज्ञानेन्द्र ओझा भी उपस्थित थे उन्होनें अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यालयों में बच्चों को संस्कृत भाषा का ज्ञान देना अति आवश्यक है अन्यथा आने वाले समय में बच्चों को संस्कृत का ज्ञान नहीं होगा और वे हमारे महान ग्रंथों का पठन-पाठन कैसे करेंगे।
संस्था संचालक श्री ओमप्रकाश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें घर में प्रतिदिन केवल 5 फल, सब्जियां एवं प्राणियों के नाम संस्कृत में बोलना चाहिए एवं अपने परिचितों से भी संस्कृत भाषा का दैनिक जीवन में उपयोग करने के लिए आग्रह करने की बात कहीं। श्री शर्मा ने उपस्थित अतिथियों एवं पालकों से आग्रह किया कि वे अपना जन्म दिन भारतीय पंचांग की तिथि अनुसार ही मनाएं।
कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षक श्री शुभम राव द्वारा किया गया। अंत में संस्था प्राचार्या श्रीमती वन्दना नायर द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों, पालकगण, स्टाप सदस्यों एवं बच्चों का संस्कृत भाषा में आभार व्यक्त किया गया।