*नवीन बाल संप्रेक्षण गृह, शिशु गृह और बालिका गृह का प्रस्ताव तत्काल भेजा जाए- कलेक्टर*
झाबुआ 28 अगस्त, 2024। भारत में प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करने के लिए, उन्हें अपनी पूरी क्षमता का पता लगाने में सक्षम बनाने के लिए अवसर सुनिश्चित करना और उन्हें निरंतर रूप से सभी तरह से फलने-फूलने में सहायता करने के उद्देश्य से मिशन वात्सल्य अंतर्गत वर्ष 2009-10 से पूर्व, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत तीन स्कीमें कार्यान्वित की जा रही है। जिसमे देखभाल और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों और कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के लिए किशोर न्याय कार्यक्रम, बेघर बच्चों के लिए एकीकृत कार्यक्रम, बच्चों के लिए आवास सहायता स्कीम (शिशु गृह) इन तीनों स्कीमों को एकीकृत बाल संरक्षण स्कीम (आईसीपीएस) नामक एक केंद्र प्रायोजित स्कीम में शामिल किया गया। कलेक्टर नेहा मीना द्वारा मिशन वात्सल्य के अंतर्गत जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक ली गई। कलेक्टर द्वारा कहा गया कि कोई भी बच्चा शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित ना हो, विशेषकर बालिकाएं। जिले में कही पर भी बाल श्रम ना हो, अगर कही पर भीइस प्रकार का प्रकरण पाया जाए तो उस पर कार्यवाही की जाए। बाल संप्रेक्षण गृह एवं वन स्टॉप सेंटर में आश्रितों का प्रतिमाह मेडिकल चेकअप कराया जाने के निर्देश दिए। जिले में संचालित बाल संरक्षण से संबंधित संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की । कलेक्टर द्वारा बाल संरक्षण हेतु चिंता जाहिर करते हुए महिला एवं बाल विकास अधिकारी को नवीन बाल संप्रेक्षण गृह तथा 0 से 6 वर्ष के बच्चो के लिए शिशु गृह और बालिका गृह का प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेन्द्रसिंह चौहान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पी. एल. कुर्वे, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री राधुसिह बघेल, जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के सदस्य एवं संबंधित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।