झाबुआ

क्षैत्रीय संतों को दिया रूद्राक्ष महाभिषेक में शामिल होने का निमंत्रण…..अभिषेक में शामिल होने के लिए पंजीयन में उत्साह दिखा रहे वनवासी बंधु

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मेघनगर: जिले के मेघनगर में 9 सितंबर से 13 सितंबर तक होने वाले दो लाख रूद्राक्ष महाभिषेक कार्यक्रम को लेकर धर्म जागरण समन्वय समिति आयोजन के लिए गठित समिति द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारिया की जा रही है। आयोजन में जिले के अधिक से अधिक संतों की मौजूदगी रहे इसके लिए जिले सहित अंचल से प्रमुख संतों और जनजातीय महंतों को निमंत्रण दिया जा रहा है।
आयोजन में पीपल खुंटा श्री हनुमंत आश्रम के महंत श्री दयारामदासजी महाराजए मांडली क्षेत्र के मंहत श्री बालमगिरी जी महाराजए संत कमलजी महाराजए गौ सेवक मंहत श्री रघुवीरजी महाराजए वरसिंह जी महाजराए संत श्री कानुरामजी महाराजए मेघनगर के प्राचीन मेद्येष्वर महादेव मंदिर के पूजारी मंहत श्री ब्रदीदासजी महाराज को विषेष रूप से आंमत्रण दिया गया है। इस संतों के अलावा जिले सहित आसपास के सीमावर्ती राज्य गुजरात और राजस्थान से सटे इलाकों से भी संतों का आगमन आयोजन में होगा। पांच दिवसीय धार्मिक आयोजन को सफल बनाने के लिए धर्म जागरण समिति और श्री रूद्राक्ष महाभिषेक समिति के सदस्य तैयारियों में जुटे हैं।


चार रात होगी भजन संध्या……..

प्रचार समिति प्रमुख राजेंद्र सिंह सोनगरा ने बताया कि धर्म जागरण समन्वय झाबुआ के पदाधिकारियों और समिति अध्यक्ष बृजेन्द्र (चुन्नु) शर्मा के मार्गदर्षन में 9 से 12 सितंबर तक सुबह शाम दो पालियों में रूद्राक्ष महाभिषेक होगा जिसमें हजारों दंपत्ति शामिल होंगे। रूद्राक्ष महाभिषेक में प्रतिदिन सुबह 9 से 11 बजे एवं शाम 4 से 6 बजे तक होगा। दोपहर में 12 से साढ़े 3 बजे तक कथावाचक कु फाल्गुनी वैष्णव (मानस माधुरी) द्वारा श्री रामकथा सुनाई जाएगी। प्रतिदिन रात्रि में भजन संध्या का आयोजन होगा जिसमें क्षेत्र के वनवासी बंधुओं के साथ नगरवासी सहभागिता करेंगे।


रूद्राक्षभिषेक को लेकर उत्साह…….

मेघनगर सहित पूरे अंचल में रूद्राक्ष महाभिषेक को लेकर सनातनियों में अपार उत्साह देखा जा रहा है। रूद्राक्ष अभिषेक को लेकर किए जा रहे पंजीयन में शहर श्रद्धालुओं के साथ.साथ ग्रामीण वनवासी बन्धुओं में खासा उत्साह नजर आ रहा है। आयोजन स्थल पर 2 लाख से अधिक रूद्राक्ष से विषाल षिवलिंग का निर्माण किया जाएगा। प्रतिदिन 500 से अधिक पंजीकृत दंपत्तियों को वैदिक मंत्रों से अभिमंत्रित एवं अभिषेक किए हुए रूद्राक्ष को अभिषेक में शामिल श्रद्धालु को धारण काराया जाएगा।

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