झाबुआ

तेरापंथ समाज में पर्यूषण पर्व के दौरान जप, तप और धर्म आराधना का दौर जारी

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झाबुआ – जैन समाज  का सबसे बड़ा पर्व पर्युषण  गतिमान है इसी को लेकर प्रथम दिन से ही जैन समाज में जप, तप और धर्म आराधना का क्रम निरंतर जारी है । पर्यूषण पर्व 1 अगस्त से प्रारंभ हुए हैं और 8 सितंबर को संवत्सरी पर्व है । पर्यूषण पर्व ‌के प्रथम दिन को खाद्य संयम दिवस,  दूसरे दिन स्वाध्याय, तीसरे दिन सामायिक, चौथे दिन वाणी संयम दिवस, पांचवें दिन अणुव्रत चेतना दिवस और आज छठे दिन जप दिवस के रूप में मनाया जाता है ।‌

पर्यूषण पर्व के छठे दिन को जप दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन तेरापंथ समाज द्वारा तेरापंथ सभा भवन पर सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक नमस्कार महामंत्र का अखंड जाप किया जाता है । इसी क्रम में जप दिवस के दिन जप के अलावा धार्मिक धर्म आराधना का दौर के अंतर्गत सुबह 9 से 10 पर्व के दौरान रोजाना सामायिक का कम भी जारी है और इसी के तहत आज जप दिवस पर कई श्रावक श्राविकाओं ने अपनी भावनाएं व्यक्त की ।  सर्वप्रथम दीपा गादीया ने नमस्कार महामंत्र के जाप के साथ जप दिवस कार्यक्रम प्रारंभ किया तथा  गीतिका के माध्यम से  रोजाना जप करने की बात कही।  तत्पश्चात अक्षत चौधरी ने एक कहानी के माध्यम से जप के महत्व को बताया । दीपक चौधरी ने भी नमस्कार महामंत्र की महत्वता पर प्रकाश डाला । महिला मंडल अध्यक्ष पुखराज चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए । ज्ञानशाला प्रशिक्षिका  हंसा गादीया ने जप दिवस को प्रकाश डालते हुए कहा जप शब्द में ज का अर्थ जन्म मरण की परंपरा का विच्छेद होना तथा प शब्द का अर्थ पाप नाशक । वही दूसरे शब्दों में एक ही शब्द को बार-बार दोहराने पर वह मंत्र बन जाता है । तथा उसके साथ जब हमारा शुद्ध भाव जुड़ जाता है तो वह कर्म निर्जरा का हेतु बनता है । श्रीमती गादिया ने आगे बताया वैसे तो कई मंत्रो का जाप किया जाता है पर हमारे जैनों में सबसे बड़ा मंत्र नमस्कार महामंत्र है यह विशेष रूप से चमत्कारिक मंत्र है क्योंकि इस मंत्र में किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है । साथ ही यह भी बताया कि अर्हम का जब लयबद्ध जाप किया जाता है तो एक प्रकार का ऐसा रसायन बनता है जो हमारे भीतर के विकारों का शमन कर,  हमें पवित्र बनाता है । मंत्र चाहे कोई भी हो मूल रूप से उसके जाप में हमारे भाव जुड़ना चाहिए । प्रतिदिन जप करने से मन एकाग्र व शांत बनता है और इस तरह रोजाना जप करने से हमारे मानसिक और शारीरिक रोग भी ठीक होते हैं ।  मंत्र जाप को लेकर आगे बताया कि इसमें कुछ नियमों को ध्यान में रखना चाहिए जैसे हमें हमेशा आसान बिछाकर ही जप करना चाहिए अन्यथा जप से जो ऊर्जा प्राप्त होती है वह गुरुत्वाकर्षण के कारण धरती में चली जाती है । इसलिए  जप करते समय स्थान, दिशा,  समय और आसन का बहुत बड़ा महत्व होता है आज जप दिवस पर हमें संकल्प करना चाहिए कि हम प्रतिदिन जप के क्रम में जुडकर हमारे कर्मों का क्षय आत्मा को पवित्र बनाएंगे । महिला मंडल सचिव शर्मिला कोठारी ने भी गीतिका के माध्यम से जप के महत्व को पर प्रकाश डाला ।‌ तेरापंथ सभा अध्यक्ष मितेश गादीया ने भी रोजाना नमस्कार महामंत्र के जप करने पर विशेष जोर दिया । तेरापंथ सभा सचिव विपिन भंडारी ने समाज में चल रहे विभिन्न तपस्या को लेकर जानकारी साझा की ।‌अंत में समाज के संरक्षक राजेंद्र चौधरी ने उपस्थित जनों का आभार माना और पर्यूषण पर्व के दौरान रोजाना सुबह-शाम प्रतिक्रमण करने पर विशेष जोर दिया ।

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