अलीराजपुर – शासकीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान आलीराजपुर में आज सिकलसेल एनीमिया जागरूकता के अंतर्गत कार्यशाला टीम रक्तदुत के द्वारा की गई , जिसमें जिला अस्पताल से डॉक्टर प्रमेय रेवड़िया सर ने कार्यशाला में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समाज में आज भी सिकल सेल जागरूकता की आवश्यकता है सिकल सेल एक अनुवांशिक बीमारी है एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाती है। इसकी रोकथाम तभी संभव है जब विवाह योग्य युवक युवती अपनी जांच करवाएं और जीवन साथी के चुनाव के समय एक दूसरे की सिकल सेल की कुंडली का मिलान करे,सिकल सेल पीड़ित बच्चों के नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य जांच एवम खून की कमी होने पर रक्ताधान जरूरी है,इसके लिए रक्तदान की जागरूकता भी आवशयक है, वही डॉक्टर ने कहा कि मैं स्वयं 34 रक्तदान रक्तदान कर चुका हूं। ब्लड बैंक प्रभारी टेक्नीशियन परमाल राठौर सर ने ब्लड देने के फायदे बताते हुए कहा हमे हमेशा तीन माह के बाद रक्तदान करते रहना चाहिए जिससे कोलेस्ट्रॉल और हार्ट अटैक जैसी अनेक बीमारी से बच सकते हैं, डायट के 60 से अधिक छात्रों ने हीमोग्लोबिन और ब्लड ग्रुप चेक करवाया, वही दो छात्र स्वैच्छिक रक्तदान के लिए भी प्रेरित हुए वही संस्था के प्रशिक्षण प्रभारी के. सी. सिसोदिया सर ने कहा,मेरे जीवन में मैं भी आठ बार रक्तदान कर चुका हु और कई बार सिकल सेल बीमारी होने के कारण मरीज को आए दिन जरूरत पड़ती है,उन्होंने अस्पताल टीम का आभार मानते हुए कहा कि बहुत अच्छा हमारे छात्रों को आज इस कार्यशाला के माध्यम से जागरूक किया और सिकलसेल से जुड़ी बीमारी के बारे में जानकारी दी , वही संस्था अलसिंह जी तोमर सर ने भी छात्रों को समाज में जागरूक करने की अपील की , उन्होंने कई उदाहरण रिश्तेदार के दिए जिससे छात्रों को संतुष्ट हुई कि आए दिन किस प्रकार से ब्लड की आवश्यकता पड़ती है, सामाजिक कार्यकर्ता एवं टीम से जुड़े , कादुसिंह डुडवे ने कहा समाज में आज भी रक्तदान के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है हर माह 450 यूनिट की आवश्यकता पड़ती है फिर भी हम शिविर के माध्यम से 200 यूनिट हर माह पूर्ति कर पाते हैं और कहा अब तक 6 हजार से अधिक युवाओं का रक्तदान करवा चुके है,आखिर क्यों आवश्यकता पड़ती है खून की अनेक उदाहरण देते हुए उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया,रोशन भूरिया,मनोज जमरा ने रक्तदान किया लैब टेक्नीशियन पृथ्वी चौहान संजय उपस्थित रहे ।