झाबुआ

पीडब्ल्यूडी पीआईयू के कार्यपालन यंत्री द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम का बनाया जा रहा मजाक

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झाबुआ – सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी देने से कई बार शासकीय कर्मचारी अधिकारी घबराते हैं या फिर अधूरी जानकारी  देकर इतिश्री कर इस अधिनियम का मज़ाक़ बनाया जाता है । कुछ ऐसा ही पीडब्ल्यूडी पीआईयू विभाग में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अधूरी जानकारी देकर, आवेदक को पूरी जानकारी देने से बहाने बनाते रहे और बाद में पूरी जानकारी देने के लिए विभाग के कार्यपालन यंत्री पुनः आवेदन की मांग कर रहे हैं।

जानकारी अनुसार आवेदक द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भवन ) झाबुआ से 1 अगस्त को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन दिया तथा आवेदन अनुसार संपूर्ण जानकारी देने हेतु निवेदन किया गया ।  विभाग द्वारा 27 अगस्त को सूचना दी गई , रू 1026 का चालान भरकर तीन बिंदुओं की जानकारी आपको प्रदान की जा रही है तथा बिंदु क्रमांक 4 की जानकारी जिसे संकलित किया जा रहा है जानकारी संकलित होने के उपरांत ही निश्चित राशि से आपको अवगत कराया जाएगा ।आवेदक द्वारा विभाग के कार्यपालन यंत्री से संपूर्ण जानकारी एक साथ देने हेतु निवेदन किया गया । तब विभाग के अधिकारी द्वारा कहा गया कि राशि अधिक है और आप पैसे जमा नहीं करा पाओगे ।तब आवेदक ने कहा कि जो भी राशि होगी,  उसको भरने को तैयार हूं । मुझे संपूर्ण जानकारी एक सब प्रदान की जाए ।‌ तब विभाग के कार्यपालन यंत्री एन.एस. भिड़े आवेदक पर भड़क गए और कहने लगे की जानकारी संकलित होने पर ही पूर्ण रूप से दी जावेगी । आपको जिससे मेरी शिकायत करना है कर दें,  या जो कारवाई करना है करें , मे किसी से नहीं डरता । और यह भी कहने लगा कि आपको संपूर्ण जानकारी चाहिए, तो आप मुझे पुनः  आवेदन दे। तभी मैं आपको पूर्ण जानकारी दूंगा । इस तरह विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम का मजाक बनाया जा रहा है ।‌ वही अधिकारी को जब आवेदक द्वारा बोला गया की आप जानकारी भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए नही दे रहे है तो अधिकारी हंस कर बात को टालने लगा । जब वीडियो बनाते हुए , बार बार आवेदक द्वारा पूछा जा रहा कि आप जानकारी क्यों नही दे रहे है तो अधिकारी अपनी गाड़ी में बैठ कर रवाना हो गए । वही यह बात समझ से परे है कि आखिर आरटीआई के तहत बिंदु क्रमांक 4 में फर्म विशेष की जानकारी देने से , यह अधिकारी क्यों कतरा रहा है या क्यों बहाने बना रहा है । नियम अनुसार 1 माह से अधिक समय बीत जाने पर संपूर्ण जानकारी आपको निःशुल्क उपलब्ध कराना है । देखना यह दिलचस्प होगा कि आखिर यह अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी कब उपलब्ध कराता है और नियमों का ध्यान रखनता है या नहीं …..यह भी जांच का विषय है ।

कार्यालय के पास रहने वाली महिला ने आप बीती सुनाई

जब आवेदक पीडब्ल्यूडी पीआईयू के कार्यालय पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने पहुंचने के बाद , जब पुनः लौट रहा था तब पास में ही रहने वाली महिला ने विभागीय कार्यालय और हठधर्मिता को लेकर अपनी पीड़ा सुनाई । नाम न बताने की शर्त पर महिला ने बताया कि चूंकि यह आईटीआई विभाग का परिसर है तथा यह  रहवासी इलाका है वहीं करीब 10 से अधिक वर्षों से इस रहवासी इलाके में पीडब्ल्यूडी पीआईयू का कार्यालय स्थित है । वहीं विभाग का कार्यालय होने के कारण रोजाना ठेकेदारों और उनके वाहनों का यहां पर जमावड़ा लगा रहता है । और इन सभी ने इस रहवासी इलाके को पार्किंग स्थल बना दिया है जिसमें रोजाना तरह तरह के लोग और वाहन चालक आते हैं ।जिसके कारण महिलाएं और बच्चे अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते हैं । वहीं विभाग द्वारा एंट्री गेट के पास ही सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं । महिला ने बताया कि सुबह-शाम को जब घर आंगन में झाड़ू लगाते हैं तथा कई बार साड़ी का पल्लू या दुपट्टा नीचे गिर जाता है जो इस कमरे में कैद हो जाता है जिसके कारण भी हमें असहज महसूस होता है इस बात की शिकायत हमने विभाग के अधिकारी को भी की । लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है । महिला ने यह भी बताया कि इस कार्यालय के कारण हमें काफी दिक्कत है और परेशानी हो रही है । प्रश्न यह भी है कि आखिर आईटीआई विभाग परिसर में किस नियम के तहत पीआईयू का कार्यालय संचालित है । जबकि नियम अनुसार यह क्वार्टर आईटीआई कॉलेज के स्टाफ को आबंटित किया जाना चाहिए। लेकिन यहां पर वर्षों से यह कार्यालय स्थित है ।

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