झाबुआ

मन से नमन और मन से मनन करेंगे तो जिंदगी की सारी समस्याओं का हनन हो जाएगा-पण्डित अनुपानंदजी ।******** भागवत कथा के छठवें दिन भगवान को लगाया गया छप्पन भोग ।

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मन से नमन और मन से मनन करेंगे तो जिंदगी की सारी समस्याओं का हनन हो जाएगा-पण्डित अनुपानंदजी ।
भागवत कथा के छठवें दिन भगवान को लगाया गया छप्पन भोग 

झाबुआ। श्री पद्मवंशीय मेवाडा राठौर तेली समाज द्वारा श्री विश्व शांति नवग्रह शनि मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छटवें दिन गोवर्धन पूजा और कंस वध की कथा सुन श्रोतागण अत्यधिक भाव विभोर हो गए। गोवर्धन पूजा के प्रसंग पर भक्ति में मनमग्न होकर धार्मिक गीतों पर पांडाल में मौजूद भक्तजन जमकर थिरके। श्रीमद् भागवत कथा के सरस प्रवक्ता कानपुर से पधारे विद्वान आचार्य पं. अनुपानंदजी महाराज ने भागवत पांडाल में उपस्थित भक्तजनों को गौवर्धन पूजन की कथा सुनाई। उन्होने कहा किभगवान इन्द्र जब प्रकोप में थे तब उन्होंने वर्षा करके कहर बरपाया। चारों ओर हाहाकार मच गई। गांव जलमग्न होने लगे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उंगली पर उठा लिया। इससे गांव के सभी लोग गोवर्धन पर्वत के नीचे आ गए और वहां शरण ली। भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिरीराज की पूजा कराई थी। तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होंने कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। उन्होंने कहा कि मन से नमन और मन से मनन करेंगे तो जिंदगी की सारी समस्याओं का हनन हो जाएगा।


इस मौके पर माता-बहने गोवर्धन पूजा करते हुए कृष्ण भगवान एवं गौवर्धन पूजा के गीतों पर थिरकी। गोवर्धन पूजा के अवसर पर महिला मंडल द्वारा भगवान को छप्पन भोग लगाया। भागवत पंडाल में मौजूद भक्तजनों में इस प्रसंग के दौरान काफी जोश और उत्साह देखने को मिला। इसी क्रम में कथावाचक ने कंस वध की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस ने मथुरा में आतंक मचा रखा था। भगवान कृष्ण ने उसका वध कर आतंक से मुक्ति दिलाई। दुष्ट कंस के बुलाने पर श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई दाऊजी के साथ मथुरा पहुंचे। जहां उनके दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। मल्ल युद्ध के बाद श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया। भगवान श्रीकृष्ण के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा। उन्होने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता। हमेशा ही असत्य पर सत्य की जीत होती है। मनुष्य को अपने जीवन में सत्य के पथ पर चलना चाहिए। आत्मा हमेशा ही सत्य की बात बताती है, लेकिन मन असत्य के लिए विचलित करता है, इसलिए आत्मा की बात हमेशा ही हर व्यक्ति को माननी चाहिए, क्योंकि आत्मा परमात्मा का अंश है।
लाभार्थी परिवार का किया स्वागत
श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिन के लाभार्थी परिवार का कथा के अंत में स्वागत और सम्मान किया गया। लाभार्थी मगनलाल लुणाजी गोलानिया, राजेश धुलजी गोलानिया को गले में गमछा व साफा बांधकर तथा श्रीफल भेटकर समाज के उपाध्यक्ष महेश राठौर ने स्वागत किया तथा समाज के सदस्य मिठुलालजी एवं शंकरलाल कालुजी राठौर द्वारा प्रतिक चिन्ह देकर लाभार्थी परिवारों का सम्मान किया गया। स्वागत समारोह के पश्चात लाभार्थी परिवारों द्वारा भागवतजी की आरती कर प्रसादी का वितरण किया

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