झाबुआ

सब इंजीनियर की लापरवाही कहीं महिला वर्कशेड पर भारी ना पड़ जाए

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झाबुआ से राधेश्याम पटेल व पियूष गादिया की रिपोर्ट

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ द्वारा आजीविका मिशन अंतर्गत महिला वर्कशेड का निर्माण कार्य

झाबुआ-यू तो आरईएस विभाग गुणवत्ता युक्त निर्माण कार्य के लिए जाना जाता है लेकिन कई बार सब इंजीनियर की लापरवाही और अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य भी देखे जा सकते हैं इसका एक ताजा उदाहरण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यालय के सामने विभाग द्वारा आजीविका मिशन अंतर्गत महिला वर्क शेड का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसकी लागत करीब ₹ 40 लाख हैं यहां ठेकेदार द्वारा प्लिंथ लेवल तक के कार्य में पर्दी भरी गई थी जिसमें सब इंजीनियर की लापरवाही और अनदेखी के कारण वह पर पर्दी एक तरफ से झुक गई है तथा लटक रही है जिससे पर्दी दीवार गिरने का भय बन गया है जिसे ठेकेदार द्वारा पुन: कालम के टेके लगाकर उसे सपोर्ट दिया जा रहा है इस तरह सब इंजीनियर आलोक प्रसाद चौधरी की लापरवाही का खामियाजा आजीविका मिशन के महिला वर्कशेट के लिए भारी न पड़ जाए | विश्वसनीय सूत्रों से यह भी पता चला है ऐसी संभावना है कि कई कालमाे मे नक्शे अनुसार सरीये नहीं डाले गए हैं जिससे भवन की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पढ़ रहा है और कहीं ना कहीं बिल्डिंग की नींव कमजोर भी बन रही है |

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