अखिल हिंदी साहित्य सभा (अहिसास)द्वारा यशवंत भंडारी ’’ यश ’’को दिया प्रतिष्ठित ’’जयशंकर प्रसाद ’’ राष्ट्रीय सम्मान । विभिन्न संस्थाओं एवं साहित्यकारो ने दी बधाई ।
अखिल हिंदी साहित्य सभा (अहिसास)द्वारा यशवंत भंडारी ’’ यश ’’को दिया प्रतिष्ठित ’’जयशंकर प्रसाद ’’ राष्ट्रीय सम्मान ।
विभिन्न संस्थाओं एवं साहित्यकारो ने दी बधाई ।
झाबुआ । क्षेत्र के सुप्रसिद्ध समाजसेवी एवं साहित्यकार यशवंत भंडारी यश को उनके स्वरचित कविता संग्रह ’वर्णमाला में मनोभाव’ को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य की प्रतिष्ठित संस्था अखिल हिंदी साहित्य सभा अमरावती द्वारा जयशंकर प्रसाद पुरस्कार से सम्मानित किया। जो इस क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है । श्री भंडारी को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार को लेकर नगर के साहित्यकारो का कहना है कि भाषा एवं साहित्य की प्रगति के बिना कोई भी संस्कृति लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकती। साहित्य सभी को जोड़ता है। साहित्य कभी बांटता नहीं है। इसलिए लेखन हमेशा सार्वभौमिक होता है और विभिन्न परिवर्तनों के दौर में भी इसकी चमक कम नहीं होती। सभी भारतीय भाषाएं शक्ति देती हैं और प्रेम की भाषा बोलने के लिए तैयार भी करती हैं।और इन सभी विशेषताओं की पहचान श्री भंडारी बन चुके है ।
श्री भंडारी को उक्त सम्मान इंदौर शहर के एक प्रसिद्ध निजी सभागृह में मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्रसिंह लोधी, भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत सेवानिवृत् अधिकारी एवं साहित्यकार डा.मनोज श्रीवास्तव, पूर्व विधायक एवं राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि सत्यनारायण सत्तन, अहिसास की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती शीला डोंगरे, हिंदी साहित्य के जाने माने डॉक्टर अर्पण जैन, एवं कार्यक्रम के संयोजक रोटेरियन बनवारी लाल जाजोदिया की गरिमा पूर्ण उपस्थिति में प्रदान किया गया, सम्मान में प्रशस्ति पत्र(प्रतीक चिन्ह) अंग वस्त्र नगद धनराशि, आदि अतिथियों द्वारा भेंट किये गये ।
इंडियन बुक्स ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज है वर्णमाला में मनोभाव
अपनी पुस्तक वर्णमाला में मनोभाव को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त श्री जयशंकर प्रशाद सम्मान प्राप्त होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए श्री भंडारी ने बताया कि उनकी इस पुस्तक को कम्युनिटी वल्र्ड बुक्स का रिकॉर्ड एवं इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है
पुस्तक के विषय में जानकारी देते हुए श्री भंडारी ने बताया कि उनकी इस पुस्तक में हिंदी वर्णमाला के सभी अक्षरों पर काव्य का सृजन किया जिसकी प्रत्येक पंक्ति में केवल उसी अक्षर से ही कविता की रचना की गईं ,जो अब तक के हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम सृजन है,। जिसे हिंदी के सुधि पाठकों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है, उन्हें फेसबुक बुक पर इसके सर्वाधिक 36600 लाइक प्राप्त हुए है ।
कई संस्थाओं ने दी बधाई
यशवंत भंडारी ’यश’ की चर्चित पुस्तक वर्णमाला में मनोभाव को राष्ट्रीय स्तर पर जयशंकर प्रसाद पुरस्कार प्राप्त होने पर रोटरी क्लब झाबुआ, अखिल समाज सेवा दल, विघ्नहरा चैरिटेबल ट्रस्ट, भारतीय मानवाधिकार परिषद, श्रीजैन श्वेतांबर मालवा महासंघ, श्रीजैन श्वेताबर श्री संघ,अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन नव युवक परिषद, राष्ट्रीय कवि संगम, श्री माहिष्मती कला मंच, आसरा परमार्थिक ट्रस्ट सामाजिक महासंघ, आदि संस्था के पदाधिकारी ने श्री भंडारी की इस गौरवमयी में उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी, एवं अखिल हिंदी साहित्य सभा को धन्यवाद दिया ।