थांदला (वत्सल आचार्य कि रिपोर्ट) नगर मे वर्षावास हेतु विराजित अणुवत्स संयतमुनिजी आदि ठाणा 4 व साध्वी निखिलशीलाजी आदि ठाणा 4 के सानिध्य में तपस्वी प्रिया दीपेश शाहजी ने 32 उपवास की कठोर तपस्या पूर्ण की। वर्तमान में चल रहे इस वर्षावास का यह चौदहवां मासक्षमण तप पूर्ण हुआ। मासक्षमण की तपस्या पूर्ण होने पर तपस्वी के निवास से उनकी जयकार यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं व बच्चें शामिल थे। सभी में जबर्दस्त उत्साह छलक रहा था। जयकार यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई पौषध भवन पर पहुंचकर बहुमान समारोह में परिवर्तित हो गई। यहाँ अणुवत्स संयतमुनिजी, आदित्यमुनिजी ने तप के महत्व पर प्रकाश डालते हुए तपस्वी एवं परिवार को धन्यवाद दिया। साध्वी निखीलशीलाजी व साध्वी मण्डल ने तपस्वी व तपस्वी के परिवार की अनुमोदना में स्तवन प्रस्तुत किया। श्री संघ के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत व पारस छाजेड़ आदि ने विचार व्यक्त करते हुए तपस्वी के तप की खूब अनुमोदना की।
तप का बहुमान तप की बोली लगाकर किया
विभिन्न महानुभावों ने तपस्वी प्रिया शाहजी का तप की बोली लगाकर श्रीसंघ की ओर से शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर तपस्वी का बहुमान किया। श्री संघ के पूर्व अध्यक्ष वृंद प्रकाशचंद्र घोड़ावत, नगीन शाहजी, रमेशचंद्र चौधरी, महेश व्होरा,श्रीसंघ के कोषाध्यक्ष संतोष चपलोद, सहसचिव अशोक तलेरा, हितेश शाहजी, नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढा, सचिव संदीप शाहजी व कोषाध्यक्ष चर्चिल गंग आदि ने तपस्वी को अभिनंदन पत्र भेंट किया। वहीं तपस्वी का तेरापंथ सभा, श्री धर्मलता जैन महिला मंडल, अ.भा. चंदना श्राविका संगठन डूंगर प्रांत एवं विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं व कई समाजजनों द्वारा भी बहुमान किया गया। साथ ही गादिया, घोडावत, भंसाली, मांगूबाई चौपड़ा, सिसोदिया परिवार जयपुर-सूरत व मुथा परिवार बामनिया सहित कई परिवारो द्वारा भी बहुमान किया गया। समारोह मे बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। संचालन श्रीसंघ सचिव प्रदीप गादिया ने किया।