झाबुआ – जैन श्वेतांबर तेरापंथ महासभा के तत्वाधान में सिल्क नगरी सूरत में राष्ट्रीय ज्ञानशाला प्रशिक्षक सम्मेलन व दीक्षांत समारोह के त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम अंतर्गत विभिन्न ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं को उपाधि पत्र व ज्ञानशाला संचालन को लेकर उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया गया । ज्ञानशाला प्रशिक्षकों को शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी से पावन पाथेय भी प्राप्त हुआ ।
कार्यक्रम 19 अक्टूबर को डायमंड नगरी सूरत में दोपहर 2:00 बजे शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी की मंगल निश्रा में राष्ट्रीय ज्ञानशाला प्रशिक्षक सम्मेलन व दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया । ज्ञानशाला पर्यवेक्षक मुनि उदित कुमार ज्ञी सह पर्यवेक्षक मुनि हिमांशु कुमार ज्ञी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ । सर्वप्रथम सूरत ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में ज्ञानशाला के राष्ट्रीय संयोजक सोहनलाल चोपड़ा व महासभा के संगठन मंत्री प्रकाश डालमिया ने अपनी विचाराभिव्यक्ति दी । जयपुर से समागत नरेश मेहता ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति प्रस्तुत की । इसी कार्यक्रम अंतर्गत झाबुआ से ज्ञानशाला प्रशिक्षिका श्रीमती हंसा गादिया को ज्ञानशाला प्रशिक्षिका का त्रिवर्षीय स्नातकोत्तर कोर्स उत्तीर्ण होने पर व मुख्य प्रशिक्षिका बनने पर शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सनिधि में सूरत में ज्ञानशाला के राष्ट्रीय संयोजक सोहनलाल चोपड़ा और राष्ट्रीय प्रशिक्षक और उपासक डालिमचंद जी नौलखा ने ज्ञानशाला प्रशिक्षक उपाधि पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया । इस कार्यक्रम अंतर्गत श्रेष्ठ ज्ञानार्थी और श्रेष्ठ ज्ञानशाला संचालन को लेकर भी प्रशिक्षिकाओं का सम्मान किया गया । इस कार्यक्रम में करीब 400 से अधिक प्रशिक्षिकाओं ने भाग लिया था । कार्यक्रम का सफल संचालन महिला मंडल सूरत द्वारा किया गया व आभार ज्ञानशाला के राष्ट्रीय संयोजक ने माना ।