झाबुआ

प्रदेश के 12,670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का आंगनवाड़ी केन्द्रों में होगा उन्नयन । महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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प्रदेश के 12,670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का आंगनवाड़ी केन्द्रों में होगा उन्नयन ।
महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

झाबुआ । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंगलवार मंत्रि-परिषद की बैठक में  प्रदेश में वर्तमान में संचालित 12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्रों के रूप में उन्नयन किये जाने का निर्णय लिया गया है। महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 84 हजार 659 आंगनवाड़ी केन्द्र और 12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। उन्होंने इस सौगात के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार माना है।


महिला-बाल विकास मंत्रालय द्वारा मई 2023 में आंगनवाड़ी सेवाएं अंतर्गत संचालित सभी मिनी आंनगवाड़ी केन्द्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्रों में उन्नयन किये जाने का निर्णय लिया गया था। मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया कि मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के उन्नयन की आवश्यकता इसलिये थी कि आंगनवाड़ी केन्द्र में 6 वर्ष के बच्चों के मानसिक, शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के लिये शाला पूर्व शिक्षा तथा कुपोषण निवारण के नवीन घटकों के दैनिक क्रियान्वयन के कारण मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर अतिरिक्त कार्य दायित्व के कारण आंगनवाड़ी सहायिकाओं की आवश्यकता भी जताई गई।
मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया कि मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का प्रावधान था। अब इन केन्द्रों के उन्नयन के पश्चात मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के स्थान पर एक पद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक पद आंगनवाड़ी सहायिका का होगा। इसके अतिरिक्त उन्नयित 25 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एक पर्यवेक्षक के पद का प्रावधान है। इससे प्रदेश की कुल आंगनवाड़ी संख्या अनुसार पर्यवेक्षकों के 476 नवीन पद, 12 हजार 670 आंगनवाड़ी सहायिका सहित कुल 13 हजार 146 नवीन पद स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है ।ं
मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्रों में उन्नयन किए जाने पर केन्द्रांश राशि रुपये 3401.90 लाख एवं राज्यांश राशि 17945.82 लाख होगा। इस प्रकार कुल राशि रुपये 21347.71 लाख अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आयेगा।

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