झाबुआ – जिले में पीडब्ल्यूडी पीआईयू की मनमानी कार्यशाली लगातार जारी है । पूर्व निविदा में विभागीय अधिकारी द्वारा किस प्रकार फर्म विशेष को निविदा दिलाने के लिए सारे नियम कायदों को ताक में रख दिया था । वहीं विभाग में सबलेट ठेकेदार साल्वे भी रिश्तेदारी का फायदा उठाकर आर्थिक लाभ कमा रहा है । हाल ही में आरटीआई कार्यकर्ता ऋतिक विश्वकर्मा ने जिले में पीडब्ल्यूडी पीआईयू द्वारा झाबुआ, अलीराजपुर जिले के टेंडरो में फर्जीवाड़े को लेकर लोकायुक्त भोपाल को शिकायत दर्ज कराई है और विभाग के ईई की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है ।
मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा भवन निर्माण कार्य किया जाता है। सिविल के साथ फर्नीचर के कार्य के लिए पारदर्शिता रखने के लिए ऑनलाइन टेंडर प्राक्रिया का पालन किया जाता है। लेकिन झाबुआ और अलीराजपुर में फर्नीचर संबंधी जो टेंडर लगाए गए हैं। उन्हें खुलने के पहले ही छेड़छाड़ कर निरस्त कर टेंडरों को दूषित करने का कार्य जिले के लोक निर्माण विभाग, भवन पीआईयू के प्रभारी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (ईई) द्वारा किया गया है । इस आशय को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता ऋतिक विश्वकर्मा द्वारा लोकायुक्त भोपाल को शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायतकर्ता ने आवेदन में बताया कि झाबुआ जिले के लिए हॉस्टल फर्निचर के लिए लोक निर्माण विभाग, भवन द्वारा जेम पोर्टल पर टेंडर (बिड क्रमांक GEM/2024/B/5470330) 4 अक्टूबर, 2024 को अपलोड किया गया था। बिड बंद होने की तारीख 25 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 3 बजे तक थी और 25 अक्टूबर को ही दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर बिड खोली जानी थी। इसी प्रकार अलीराजपुर जिले के लिए हॉस्टल फर्निचर के लिए लोक निर्माण विभाग, भवन द्वारा जेम पोर्टल पर टेंडर (बिड कमांक GEM/2024/B/5470968) 4 अक्टूबर, 2024 को अपलोड किया गया था। बिड बंद होने की तारीख 25 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 3 बजे तक थी और 25 अक्टूबर को ही दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर बिड खोली जानी थी। यह कि उक्त दोनों टेंडरों से निर्धारित अवधि से पहले ही टेंडर का टेक्निकल और फाइनेंशियल बिड को खोल दिया गया। इसके बाद टेंडर को निरस्त कर दिया गया।
शिकायतकर्ता ने आवेदन मे यह भी बताया कि झाबुआ जिले के लोक निर्माण विभाग के संभागीय परियोजना अभियंता (डीपीई) एएस भिड़े झाबुआ के साथ अलीराजपुर जिले के प्रभारी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (ईई) हैं। टेंडर से छेड़छाड़ कर उसे निरस्त करने संबंधी मोबाइल पर जो ओटीपी जनरेट होता है। वह डीपीई एएस भिड़े का ही है। यदि इनके मोबाइल की जांच की जाए तो टेंडर प्रकिया में छेड़छाड़ और उसे दूषित करने के सभी साक्ष्य मय प्रमाण के रूप में प्राप्त हो जाएंगे । वहीं पूर्व में भी धार के किसी ठेकेदार को सीएम राइस स्कूल कल्याणपूरा की निविदा प्रक्रिया को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी उसमें भी विभाग के अधिकारियों का विशेष सहयोग रहा है । इस प्रकार लगातार विभाग के आला अधिकारी की कार्य प्रणाली को लेकर बार-बार शिकायत हो रही है देखना यह दिलचस्प होगा की आखिर कब मध्य प्रदेश शासन इस तरह की कार्य प्रणाली को लेकर जांच व कारवाई करेगा…?