झाबुआ

पीएचई विभाग द्वारा पांच योजनाओं की टेंडर अवधि समाप्त होने के बाद भी, उन्ही ठेकेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध अनुबंध बढ़ाया गया, कार्यप्रणाली जांच का विषय ।

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झाबुआ —- पीएचई विभाग  की मनमानी कार्यशैली और ठेकेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाने की कार्यप्रणाली देखने को मिल रही है जहां एक और विभाग द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम अंतर्गत आधी अधूरी एवं भ्रामक जानकारी देकर आरटीआई कार्यकर्ता को भ्रमित किया गया ।‌ वहीं करीब पांच योजनाओं के टेंडर अवधि समाप्त होने के बाद भी नवीन टेंडर‌ आमंत्रित करने के बजाय विशेष ठेकेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है ।‌ संपूर्ण कार्यप्रणाली जांच का विषय है।
जानकारी अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता ने पीएचई विभाग से सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अनियमितताओं को उजागर करने के लिए , नल-जल योजना अंतर्गत जब विभाग से जानकारी मांगी गई, तब विभाग द्वारा भ्रमित एवं बिंदुवार जानकारी ना देते हुए अनावश्यक जानकारी दी एवं मूल या मुख्य जानकारी , जो किसी कार्य को उजागर करने के लिए जरूरी है वह टालमटोल करते रहे एवं भ्रम पैदा करने वाली जानकारी दी गई एवं बाकी जानकारी,  जो की महत्वपूर्ण को निरंक बढ़कर अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया गया । वही विशेष रूप से नल जल योजना अंतर्गत पांच योजनाओं के टेंडर की अवधि समाप्त हुए लगभग 1 वर्ष के करीब हो गया है किंतु विभाग द्वारा न तो नई निविदा आमंत्रित की गई और न हीं किसी प्रकार की कार्रवाई की और न हीं टेंडर लगायें गये । जबकि अवधि समाप्त के पूर्व ही निविदाओं को अगले कार्यकाल के लिए आमंत्रित करना होता है निविदा आमंत्रण करने के बजाय विभाग द्वारा उन्हें ठेकेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए उनके द्वारा अनुबंध की अवधि बार-बार बढ़ाई गई जो कि नियम विरुद्ध है । अनुबंध की अवधि समाप्त हो गई हो तो अवधि समाप्त होने के पूर्व  ही प्रक्रिया कर ली जाती है यह कार्यप्रणाली भी अनियमितता की श्रेणी में आता है । आखिर विभाग द्वारा किन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इन योजनाओं के नवीन टेंडर लगाने के बजाय उन्हें ठेकेदारों को अनुबंध को आगे बढ़ाया गया जबकि शासन में ऐसा कोई नियम ही नहीं है फिर किस नियम के तहत इन योजनाओं में अवधि बढ़ाई गई, विभाग की संपूर्ण कार्य प्रणाली अनियमितता की श्रेणी में है । आरटीआई कार्यकर्ता ने यह बताया कि यदि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सही जानकारी प्रदान नहीं की गई , तो मेरे द्वारा इस प्रक्रिया की शिकायत लोकायुक्त को की जाएगी तथा नियम अनुसार संपूर्ण जांच कराई जाएगी ।

आने वाली खबर में बताएंगे  इस कार्यालय के ओर भी भ्रष्टाचार के किस्से ?

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