झाबुआ

दीपावली पर्व को पुराने रीति रिवाज अनुसार लोगों ने उत्साह के साथ मनाई

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झाबुआ। अधिकांश जिले वासियों ने पुराने रीति रिवाजों के अनुसार 5 दिन की दीपावली पर्व को उत्साह उमंग के साथ मनाया गया, दीपावली पर्व के पहले कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से सुनने में आ रहा था कि इस बार दीपावली 5 दिन की बजाए 6 दिन के अनुसार मनाई जाएगी,वही 31 तारीख की बजाय 1 तारीख के दिन दीपावली पर्व सोशल मीडिया के माध्यम से मनाने की बातें कहीं जा रही थी, लेकिन लोगों ने सोशल मीडिया की बात को 1 तारीख की बात को नकारते हुए 31 तारीख के दिन ही दीपावली पर वह मनाने का दृढ़ निश्चय कर पूरे शबाब के साथ जिले भर में अधिकांश जगहों पर उत्साह व उमंग के साथ मनाई गई, 31 तारीख के दिन दीपावली पर्व पर बाजारों में इतनी अधिकांश रौनक थी कि बाजार में पांव तक रखने के लिए जगह नहीं थी फूलों से लेकर सोना,चांदी, कपड़ा व्यवसाय, वाहनों की खरीदारी, मिठाइयां आदि की बिक्री जोर शोर से रही। वहीं आतिशबाजी भी जबरदस्त तरीके से 31 तारीख के दिन बहुत खूब हुई, वही 1 तारीख के दिन बाजार में सन्नाटा छाया रहा। इससे स्पष्ट है कि बाजारों में रौनक पुराने रीति रिवाज के अनुसार तीसरे दिन दीपावली पर जोर-जोर से मनाया गया लोगों का तो यहां तक कहना है कि 5 दिन के त्यौहार के 6 दिन का बताकर खलल डालने वाले की दख़ल की एंट्री इस दीपावली पर सोशल मीडिया ने जिस प्रकार की बात हो रही थी उसे प्रकार की तवज्जो लोगों ने नहीं दी। लोगों ने कहा कि पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन रूप चवदस, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा, और पांचवें दिन भाई दूज पर्व वर्षों से इसी क्रम अनुसार मनाया जा रहा है, जिस कारण इस पर्व को भी इसी ढंग से 5 दिनी प्रकार से ही हम मानेंगे उसी क्रम में 31 तारीख के दिन दीपावली पर मनाया गया। वही एक तारीख के दिन ना के बराबर दीपावली पर्व वह मानने वालों की गिनती रही।

गोवर्धन पूजा उत्साह के साथ मनाई गई जिले भर में

जिलेभर में अधिकांश गांवों व फलियों में आज 1 तारीख के दिन गोवर्द्धन पूजा की गई। बताते हैं कि
हिंदू रीति- रिवाज के अनुसार दिवाली के अगले ही दिन भक्तों को गोवर्द्धन पूजा का इंतजार रहता है, उसी क्रम अनुसार गोवर्धन पूजा घर आंगन से लेकर गोवर्धन नाथ मंदिर तक उत्साह उमंग के साथ मनाई गई, मंदिर से लेकर घर आंगन तक गोवर्द्धन पूजा में महिला-पुरुष नये नये वस्त्र आदि पहने गए,
शहर से लेकर गांवों में अधिकांश घरों के आंगन में गोबर से भगवान गोवर्द्धननाथ बनाए, गोवर्धन भगवान बनाने के बाद बच्चों से लेकर बड़ों तक ने गोवर्धन भगवान की पूजा की, तत्पश्चात भगवान कृष्ण की महा आरती की गई, आरती के बाद महाप्रशादी वितरित की गई, महाप्रसादी के बाद गोबर से बने भगवान गोर्धन नाथ जी के ऊपर गाय व बछड़े को भगवान गोवर्धन नाथ जी के ऊपर से परिक्रमा कर निकला गया, जिसके बाद महिला पुरुष को बच्चों ने भगवान गोवर्धन जी की परिक्रमा की, भगवान की परिक्रमा के बाद बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया गया इसके बाद दीपावली पर्व की इष्ट मित्रों व परिवार जनों को सबको बधाइयां दी गई।

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कॉलोनीयो में एक जगह एकत्रित होकर बड़ी संख्या में करते हैं पूजन…

गांव में तो जगह-जगह पर भगवान गोवर्द्धननाथ जी का पूजन 1 या 2 घर की दूरी पर करने को मिल जाता है, लेकिन कॉलोनियों में गिनती के घरों में ही गोबर के गोवर्द्धननाथ भगवान बनाये जातें हैं,जिसका पूजन पूरे मोहल्ले के निवासी एक-स्थान पर एकत्र होकर करते हैं। वह उत्साह देखने लायक होता है, वार्ड- 12 गोपाल कॉलोनी में भी ऐसा ही दृश्य दिखाई दिया, जहां पूरे मोहल्ले के लोगों ने एक स्थान पर एकत्र होकर भगवान गोवर्द्धननाथ का पूजन किया। जो अपनी बारी का इंतजार कर कर बच्चों से लेकर बड़े तक क्रम अनुसार भगवान जी की पूजा करते हैं।  गोपाल कॉलोनी पुलिस कंट्रोल रूम के सामने बढ़-चढ़कर महिला व पुरुष ने भगवान गोवर्द्धननाथ का पूजन किया। गोपाल कॉलोनी निवासी अनु हरिनखेड़े,ममता करदम,संपतबाई राठौर, पूनम डावर, मुस्कान करदम, आशा राठौर, हरि ओम, वेदांत, कृष्णा ने जानकारी देते हुए बताया कि गोवर्द्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई है। इसमें घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्द्धननाथ की अल्पना बनाकर उनका पूजन किया जाता है, जो विधिविधान का क्रम चला आ रहा है… उसी के अनुसार यह पूजन किया जा रहा है। जो व्यक्ति के जीवन के लिए सुखदायक वह फलदायक है।

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