झाबुआ

प्रोजेक्ट कुपोषण मुक्त झाबुआ के तहत तीन माह में गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) से ग्रसित बच्चों को कुपोषण मुक्त करने हेतु लक्ष्य निर्धारित

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*मोटी आई की सहायता से कुपोषण से लड़‌ने और जागरूक करने में कुपोषित बच्चे की माता की काउंसलिंग की जाए- कलेक्टर*

             झाबुआ 05 नवम्बर, 2024। प्रोजेक्ट कुपोषण मुक्त झाबुआ के तहत कम वजन एवं अति कमवजन के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करने हेतु एक क्रमबद्ध कार्ययोजना संचालित की जा रही है। जिसके माध्यम से कम वजन के बच्चों के पोषण स्तर सुधार कर सामान्य पोषण स्तर में लाया जायेगा। ताकि बच्चों का शारारिक एवं मानसिक विकास बेहतर हो सकें, और आगे चल कर देश के विकास में महत्वपुर्ण योगदान दे सकें।
             इस हेतु पूर्व में कलेक्टर नेहा मीना द्वारा निर्देश दिये गये थे जिनमें कुपोषित बच्चों का 294 शिविरो का आयोजन कर कुपोषित बच्चों में गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) के 1613 का चिन्हांकन किया गया। गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) के चिन्हांकित 1613 में 233 बच्चो चिकित्सीय जटिलता और 261 बच्चो को एनआरसी में उपचार हेतु चिन्हांकित किये जाने की जानकारी से अवगत कराया गया।
कलेक्टर नेहा मीना द्वारा कुपोषण मुक्त झाबुआ के प्रथम चरण में चिन्हांकन की प्रक्रिया महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्ण किये जाने पर प्रशंसा व्यक्त की और कहा कि अब हमे द्वितीय चरण अगले तीन माह में गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) से ग्रसित 1613 बच्चों को कुपोषण मुक्त करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया है।
            कलेक्टर नेहा मीना ने बैठक में निर्देशित किया कि लक्षित गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) बच्चों का प्रति 15 दिवस मे स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये। प्रत्येक कुपोषित बच्चे की माता के साथ मोटी आई (जो कि स्वस्थ बच्चे की माता हो) युगल बना कर कुपोषण से लड़‌ने और जागरूक करने में कुपोषित बच्चे की माता के लिए सहायता करे साथ ही स्थानीय स्तर पर कुपोषण जागरुकता हेतु काउंसलिंग हो सकें। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन और शिशु रोग विशेषज्ञ की अनुशंसा के अनुरूप “विशेष लड्‌डू” और “चिक्की” को प्राथमिक तौर पर फोर्थ मील के रूप में बच्चों को स्वयं सहायता समूह की दीदीयों के माध्यम से बनवाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा लक्षित रूप से उपलब्ध कराया जाये।
             आयुष विभाग को कुपोषित बच्चों की मालिश कराये जाने हेतु आंगनवाड़ी सहायिका को प्रशिक्षण दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही चिन्हांकन के दौरान एकत्र डाटा का डिजीटलीकरण करने हेतु निर्देशित किया। कलेक्टर नेहा मीना ने कहा कि सभी के समन्वित प्रयासो, सतत निगरानी और इच्छाशक्ति के माध्यम से “कुपोषण मुक्त झाबुआ” का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
             इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी एस बघेल, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आर एस बघेल, समस्त बीएमओ, समस्त सीडीपीओ एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। 

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