जोबट – तो भैया आज घटना के 48 घंटे से ज्यादा समय के बाद भी…कुछ हाथ लगा नहीं… दो अनाज व्यापारीयों से लूट की घटना हुई थी जिसमे नगदी.. लूट कर फरार हुए थे.. बदमाश , वैसे ही बोरी मे राणापुर के व्यापारी के साथ लूट हुई थी.. जिसमे एक आरोपी पड़काया और उससे कुछ नकदी पकड़ाई थी.. पर एक आरोपी से बाकि आरोपियों का पता नहीं लगवा पाए… आज जोबट मे एक अनाज व्यापारी की पिकप वाहन से चार टायर चुरा ले गए… मतलब हमने कहा था न.. अघोषित छुट दे दी गईं है… क्यों क्योकि पूर्व मे हुई कई घटनाओ जैसे चेन स्नेचिंग , बाइक चोरी , मोबाईल छीन कर भागने वाले कई मामलो मे तो कइयो की कायमी तक नहीं हुई और ज्यादातर मामलो मे कार्यवाही तक नहीं हुई.. तो राम भरोसे चल रहे थाने की कमान एक प्रमोटिव अधिकारी के पास है… जो आरामपंसद सहाब है थाने से कभी निकलते शायद ही उन्हें किसी ने देखा हो..वो नौकरी इस प्रकार करते है जैसे की सरकार ने उन्हें जबरदस्ती बोला हो की भाई.. आप को करना पड़ेगी… घटनाओ पर लगाम लगाना तो दूर.. सहाब को कायमी करने मे ही जोर आता है.. ऐसे कई उदाहरण है.. मतलब सहाब छोटी मोटी चोरियो की तो कायमी करते नहीं.. सीधे डकैती , लूट जैसे घटनाएं होनी चाहिए तब जाकर वरिष्ठ अपने आका के कहने पर.. कायमी होती है… सहाब ने अभी शराब की गाड़ी पकड़ी थी… याद होगा.. आपको.. ड्राइवर को आरोपि बनाया गया.. सरगना तक नहीं पहुंच पाए…क्यों क्योंकि आपने वो टीवी सीरीलय तो देखा होगा… ये रिस्ता क्या कहलाता है… खेर सहाब सब से व्यवहार रखते है.. ताकि.. ज़ब कुछ घटना होतो व्यवहार आड़े आ जाए और वो बच जाए… पर सहाब एक कड़वी बात बोलू.. जिनके साथ घटनाएं होती है.. उनकी जगह खडे होकर देखो.. क्या बीतती है.. कोई बाप.. जैसे तैसे करके पैसे कमाकर लाता है.. और घर चलाता है.. हर कोई अमीर नहीं होता..जिन लोगो के साथ यह घटनाएं होती है न.. शायद उन्हें कई दिनों तक नींद नहीं आती.. और उनका परिवार भी परेशान होता है… आपको पत्रकार बुरे लगते होंगे.. पर अगर हम नहीं लिखेंगे तो.. कहा से सिद्धांत के हवाले देते फिरेंगे… आप लोगो को सरकारी सब सुविधा… होने बाउजूद .. चोरो को पड़कने.. मे.. और परेशान लोगो की एफआईआर दर्ज करने मे जोर आता हो… तो आप स्वयं आत्म मंथन करे की वो कहा जाए.. जो खून पसीने की कमाई से टेक्स भरकर.. आपकी तन्खा की व्यवस्था करते है …..खेर.. इन सब बातो से अगर आप लोगो को कुछ फर्क पड़ता तो .. बुजुर्ग लोग यह.. नहीं कह गए होते की.. खाकी से दोस्ती भी ख़राब.. और दुश्मनी भी.. मतलब.. सभी जानते है..आप खुद सोचिये लूट.. चोरी.. डकैती की घटना जोबट मे लगातार हो रही है… पिछले साल भर से.. क्या इस जिले के कप्तान.. मतलब बड़े सहाब… जोबट मे बैठे एक और सहाब किसी ने भी कुछ बड़ा ऐक्शन लिया नहीं लिया.. क्योंकि जनता से कोई सरोकार नहीं है… सिर्फ अपनी लाठी.. अपनी भैंस.. वाली बात है ।