झाबुआ

PWD PIU की भ्रष्टाचार युक्त कार्य प्रणाली को लेकर, राधेश्याम द्वारा  मुख्यमंत्री को की गई शिकायत , जांच पहुंची मुख्य अभियंता कार्यालय ।

Published

on

झाबुआ – PWD PIU की भ्रष्टचार युक्त कार्यप्रणाली झाबुआ से लेकर भोपाल तक काफी चर्चित हो रही है इस विभाग की तानाशाह कार्य प्रणाली को लेकर और भ्रष्टाचार को लेकर आवेदक राधेश्याम कृष्णलाल पटेल ने मुख्यमंत्री को एक शिकायती MAIL 10 नवंबर को किया था तथा आवेदन  (MAIL) में विभाग के प्रमुख अभियंता इंदौर, कार्यपालन यंत्री झाबुआ, एसडीओ व अन्य कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए त्वरित एवं उचित कार्रवाई हेतु शिकायती ईमेल किया था ईमेल के जवाब के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस शिकायत को पीडब्ल्यूडी विभाग को प्रेषित किया गया है । देखना यह दिलचस्प होगा की मुख्य अभियंता द्वारा क्या कारवाई की जाती है या फिर अधिकारी को बचाया जाता है ।

आवेदक राधेश्याम कृष्णलाल पटेल ने मुख्यमंत्री को 10 नवंबर दिए गए शिकायती MAIL में PWD PIU के अधिकारीयो पर  गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि इंदौर में पदस्थ मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग (भवन) में एम एस रावत एवं झाबुआ ज़िले में कार्यंपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भवन) में  अलसिंग भिड़े, बदरी प्रसाद साल्वे के द्वारा भवन निर्माण के कार्यों में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है । साथ ही मेल ईमेल के साथ 16 पेज का शिकायती आवेदन तथ्यो के साथ भेजा था । शिकायत के एवज में मुख्यमंत्री कार्यालय से ईमेल 11 नवंबर को  जवाब प्राप्त हुआ , शिकायत के एवज में ईमेल पीडब्ल्यूडी विभाग को प्रेषित किया गया है आगामी कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी से संपर्क करें । तब आवेदक ने पुनः 15 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय ईमेल के माध्यम से जवाब प्रस्तुत करते हुए बताया कि आपके द्वारा की गई कारवाई सही है लेकिन जिस कार्यालय की जांच की जाना है उसी कार्यालय के कुछ अधिकारी के द्वारा जांच कराया जाना सही नहीं प्रतीत होता है जांच करने वाले अधिकारी  कार्यालय के होने से जांच सही व पूर्ण होना संभव नहीं है अतः निवेदन है की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए । पीडब्ल्यूडी पीआईयू झाबुआ के द्वारा भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांगी जा चुकी है उचित एवं दंडात्मक कारवाई हेतु पुनः ईमेल के माध्यम से निवेदन किया गया है । वही आवेदक ने पूर्व शिकायत में बताया था कि पूर्व में निविदाओ में प्रस्तुत ग़लत दस्तावेजो को भी मान्य किया जाकर , ठेकेदार अजय अग्रवाल को CM राइज़ जैसी बड़े निर्माण कार्य दिलवाए गए है, जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा 1-1-2024 को की गयी थी उसकी जाँच भी आज दिनांक तक  अलसिंग भिड़े के हस्तशेप के कारण पूर्ण नहीं हो सकी है।
यह भी बताया कि शिकायत के सम्बंध में दिनांक 19/7/2024 लगभग 7 माह के बाद कार्यालय मुख्य अभियंता (भवन) ओल्ड पलासिया इंदौर से मैल पर पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें उनके द्वारा  शिकायत के सम्बंध में जाँच किए जाने की बात कही गयी थी । जिसका आवेदक द्वारा उत्तर भी उन्हें मैल के द्वारा 30 जुलाई को दिया गया था जिसमें आवेदक द्वारा कथन किया गया था की जो की (श्रीमान कुछ पारिवारिक कारण के रहते आपके द्वारा जाँच हेतु नियत दिनांक को उपस्थित नहीं हो सका )। आवेदक द्वारा शिकायत की गयी थी की अजय अग्रवाल द्वारा निविदा प्रक्रिया existing commitments‌ में उनके द्वारा किए जा रहे कार्य नहीं बताए गए थे । विभाग द्वारा निविदा में ठेकेदार से 100 के स्टाम्प पर शपथ पत्र लिया जाता है की उनके द्वारा निविदा में कोई गलत जानकारी नहीं दी गयी है एवं जो भी जानकारी या दस्तावेज दिए गए है वह सत्य एवं प्रमाणित है, परंतु अजय अग्रवाल द्वारा विभाग को गुमराह करते हुए जानकारी छुपाई गयी और कार्य प्राप्त किया है ।  कथन के प्रमाण स्वरूप अजय अग्रवाल द्वारा छुपाए गए कार्य के दस्तावेज प्रस्तुत किए , शिकायती मैल के साथ संलग्न है । आवेदक द्वारा यह भी आरोप लगाया गया था की इन समस्त दस्तावेज की जानकारी पूर्व में 29-12-23 को  पत्र से आपके कार्यालय, प्रमुख अभियंता भवन भोपाल को भी प्रेषित किए गए थे, परंतु विभाग एवं कार्यालय द्वारा किसी लालच स्वरूप उक्त कार्य को अजय अग्रवाल को आवंटित किया गया । इसके अलावा कार्यालय यंत्री लोक निर्माण विभाग (भवन‌) के कार्यकाल में अन्य निर्माण कार्यों को में बरती गई लापरवाही को लेकर भी शिकायत की गई है । इसके अलावा आवेदक ने लोकायुक्त इंदौर को भी संपूर्ण दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई है । लगातार विभागीय कार्य प्रणाली को लेकर लगातार शिकायत दर्ज की जा रही है तथा तथ्यों के आधार पर शिकायत दर्ज की गई है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई संबंधीत के खिलाफ देखने को नहीं मिली है ।  आखिर  क्या कारण है कि विभाग के आला अधिकारी ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी पीआईयू के आला अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं कहीं विभाग के आला अधिकारी मुख्यमंत्री के स्वच्छ छवि को बिगड़ने का प्रयास तो नहीं कर रहे हैं । देखना यह दिलचस्प होगा…. कि आगामी दिनों में आगे क्या करवाई विभाग के आला अधिकारियों द्वारा की जाती है या फिर इन अधिकारियों द्वारा कारवाई से बचाया जाता है ।‌

Trending