राणापुर। नगर में रहने वाले नितेश शाह और उनकी समाजसेवी पत्नी यशस्वी जीव दया के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं। घायल कबूतरों को उपचार उपलब्ध कराना, गोसेवा करना उनका ध्येय है। स्ट्रीट डॉग्स से भी दोनों को लगाव है। अक्सर बच्चों को जन्म देने वाली फीमेल डॉग और उनके बेबी डॉग की देखभाल भी करते रहे हैं। लेकिन तीन महीने पहले हुई एक घटना के बाद उन्होंने नया उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके घर से कुछ दूर एक फीमेल डॉग ने बच्चों को जन्म दिया। इनमें से एक बेबी डॉग सड़क पर बाइक से कुचलकर तड़पकर मर गया। इस दृश्य ने दंपती को झकझोर दिया। उन्होंने बेबी डॉग की सुरक्षा के उपाय करने की ठानी और 30 हजार रुपए खर्च कर तीन बेबी डॉग केयर हाउस बनवा दिए। इनमें ये बच्चे सुरक्षित भी रहेंगे और अपनी मां के साथ भी रह सकेंगे। यशस्वी शाह महाशक्ति महिला मंडल की फाउंडर भी हैं। उन्होंने बताया, जब सड़क पर बेबी डॉग की मौत हुई तो उसकी मां कई दिनों तक उस जगह आती थी। वो उस जगह को सूंघती और उदास बैठी रहती ये दृश्य विचलित करने वाला था। हमने तय किया कि उनके लिए कुछ करेंगे। तीन पिंजरेनुमा केयर हाउस डिजाइन किए। इनमें से फीमेल डॉग आसानी से बाहर आ सकती है और अंदर जा सकती है। बेबी डॉग इसमें सुरक्षित रूप से रह सकेंगे। बड़े होने पर वो खुद इसमें से निकल जाएंगे। मां और बच्चों को भोजन देने के लिए जगह भी है। इन केयर हाउस में बड़े पहिये लगवाएं हैं, ताकि इन्हें कहीं पर भी ले जाया जा सके। यशस्वी शाह ने बताया, बच्चे देने वाली फीमेल डॉग को यहां भी ला सकते हैं और अगर ये संभव नहीं हुआ तो इन्हें दूसरी जगह ले जा सकेंगे। इसके लिए पति की युवा टीम काम करेगी। सुरक्षित रूप से डॉग्स को इन केयर हाउस तक लाया जाएगा। उनके खाने की व्यवस्था भी करेंगे। कोशिश ये रहेगी कि फीमेल को खाने की तलाश में बाहर या दूर तक नहीं जाना पड़े। उन्होंने बताया, कई लोग डॉग लवर्स हैं और इस तरह का प्रयास वो भी कर सकेंगे। कई लोगों के फोन हमारे पास आए भी हैं।