धार 20 दिसम्बर 2024/ जनपद सीईओ हर ग्रामीण योजना का डिटेल में रिव्यू करें। ग्रामीण विकास में जुटे विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। इसके साथ ही विभागीय पूर्ण हुए निर्माण कार्य पंचायतों को सौंपे। सभी संबंधित विभागों के मैदानी अमले में तालमेल रहे। इसे कैटेगरी वाइस निराकरण करना सुनिश्चित करे। संबंधित विभाग इस कार्य को प्राथमिकता देवें। उक्त निर्देश कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने आज कलेक्टोरेट सभागार में आयोजित ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में उपस्थित जनपद सीईओ सहित संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी भी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश की कार्य पूर्ण होने के पश्चात हैंडओवर करने की दिशा में पहले गुणवत्ता की ध्यान रखा जाएं। कहीं भी किसी कार्य में गुणवत्ता में कमी नहीं होना चाहिए। पीएचई विभाग ध्यान रखें कही कोई पाइप लाइन टूटी हुई न रहे और पंचायत अपने चल रहे कार्यों में देखे कि कही पाइप लाइन डेमेज न हो। उन्होंने पीएचई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलमीत्रो को इक्यूपमेंट दिलाएं साथ ही उनकी बैठक भी आयोजित करे। राजोद जलप्रदाय योजना के अंतर्गत लाभान्वित ग्रामों का रिव्यू करे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पानी की प्रतिपूर्ति के लिए संबंधित गांव के लोगों को जानकारी रहे। उन्हें पता रहे कि उन्हें किस दिन पानी उपलब्ध होगा। सभी संबंधित विभाग जीआईएस के साथ कार्य करें। शासकीय भवनों में भी पानी की आपूर्ति रहें। जिन ठेकदारों के कार्य में लेटलटिफी और धीमी गति से कार्य चल रहे है, उनकी पेशी लगाई जाएं। सामुदायिक स्वच्छता परिसरों में भी पानी की आपूर्ति रखें। इसके लिए संबंधित विभाग गूगल फॉर्म बनाकर जानकारी रखें। लाभान्वित हितग्राहियों की सफलता की कहानियां जारी करें। इसके अलावा कही डगवेल और सम्पवेल की आवश्यकता हो तो उसकी डिमांड रिपोर्ट भेजे। इसके अलावा धरती आभा योजना के अंतर्गत भी कार्य करना सुनिश्चित करे। इसके अलावा लगभग पांच हजार से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों में सोलर पैनल लगाने की कार्यवाहियों को शीघ्र पूरा करें। साथ ही पीएचई विभाग, जल निगम और विद्युत विभाग आपसी समन्वय कर एक हफ्ते में रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि कैसे सभी जगह जल की निर्बाध आपूर्ति की जा सके।
कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि शेष पंचायतें ओडीएफ प्लस के प्लान पर कार्य करें। इसके अलावा एसबीएम द्वारा जिले में बनाए गए नाडेप को देखें और इससे बनने वाली खाद के संबंध में इसकी मॉनिटरिंग भी करें। ग्रामों में बनाए गए सामुदायिक स्वच्छता परिसरों में स्वच्छता मेंटेन रखे। साथ ही जहां बनना शेष है, उनके निर्माण शीघ्र पूर्ण करें। इसके अलावा ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर भी विशेष फोकस करके कार्य को प्राथमिकता देवें।