झाबुआ

हमारी संताने राष्ट्रवादी-राष्ट्रीय समाज के विचार वाली हों, इसके लिए एक मां का दायित्व अहम हो जाता है- श्रीमती सूरज डामोर । कार्यविस्तार एवं सुदृढिकरण के उद््देश्य से कार्यकारिणी की घोषणा की गई ।

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हमारी संताने राष्ट्रवादी-राष्ट्रीय समाज के विचार वाली हों, इसके लिए एक मां का दायित्व अहम हो जाता है- श्रीमती सूरज डामोर ।
कार्यविस्तार एवं सुदृढिकरण के उद््देश्य से कार्यकारिणी की घोषणा की गई ।
झाबुआ । सशक्त राष्ट्र के लिए सक्षम मातृत्व का होना बहुत आवश्यक है। जब माता सक्षम और संस्कारवान होगी तो उससे उत्पन्न संतान निश्चित रूप से सशक्त राष्ट्र के निर्माण में सहभागी बनेगी। उक्त सारगर्भित उदगार झाबुआ में आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण  एवं बैठक में  विश्व मांगल्य सभा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती सूरज डामोर ने बडी संख्या में उपस्थित नगर की महिलाओं को संबंतिधत करतेेे हुए कहीं । इस अवसर पर विश्व मांगल्य सभा की मालवा प्रांत की संयोजिका श्रीमती सुनीता पाटील, मालवा प्रान्त धर्मशिक्षा  विभाग की संयोजिका  अनीता आप्टे , सदाचार सभा  सह संयोजिका  श्रीमती स्वाति भाटिया विशेष रूप से उपस्थित रही ।
श्रीमती डामोर ने  कहा कि भारतीय संस्कृति में मां का बड़ा महत्व है। जितने भी वीर महापुरुषों के उदाहरण हम सबके सामने प्रस्तुत किए जाते हैं उनके मूल में एक मां की त्याग तपस्या व संस्कार सहित लालन-पालन छिपा होता है। हमारी संताने राष्ट्रवादी-राष्ट्रीय समाज के विचार वाली हों, इसके लिए एक मां का दायित्व अहम हो जाता है। विश्वमांगल्य सभा मातृ निर्माण के देव-देश कार्य में लगा हुई है। एक संस्कारित राष्ट्रीय विचारों से ओतप्रोत माता निश्चित ही महापुरुष की जन्म दात्री होती है।
इस अवसर पर मालवा प्रांत की संयोजिका श्रीमती सुनीता पाटील ने कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि भारत में राष्ट्र की मूल संस्था परिवार होती है, परिवार माता पर निर्भर करता है अर्थात इस राष्ट्र के निर्माण या उत्थान के लिए एक मां की भूमिका अहम होती है। उन्होने आगे कहा कि विश्वमांगल्य सभा मानती है कि हर महिला मातृत्व के उज्ज्वल भविष्य के लिये प्रतिनिधित्व करती हैं, जो एक सदाचारी समाज के निर्माण के लिए अनिवार्य हैं। हम महिलाओं में इस भावना को जागृत करने का काम करते हैं और विश्व की हर महिला में इस संभावना को विकसित कर, उन्हें एक बेहतर भारत के निर्माता के रूप में मार्गदर्शन करते हैं।
धर्म शिक्षा संयोजिका अनीता आप्टे ने कहा कि 2010 में स्थापित, विश्वमांगल्य सभा एक वैश्विक संगठन है जिसे नैतिक मूल्यों, शक्ति, धार्मिक नैतिकता, और सेवा के सिद्धांतों के आधार पर निर्देशित किया गया है। हम माँ को केवल व्यक्तिविशेष ही नही, बल्कि परिवारों, समुदायों, और राष्ट्र की आधार मानते हैं। हम सभी को इस मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते है, ताकि हर माँ को सशक्त किया जा सके और एक उज्वल भविष्य के निर्माण और सदाचारी समाज के निर्माण हेतु मातृत्व की भावना उजागर कि जा सके।
इस अवसर पर विश्व मांगल्य सभा के कार्यविस्तार एवं सुदृढिकरण के उद््देश्य से कार्यकारिणी की घोषणा की गई तदनुसार ’झाबुआ जिले के अध्यक्ष भी दायित्व. सूरज डामोर  को, उपाध्यक्ष’ श्रीमती रेखा अश्विन शर्मा, सचिव श्रीमती विनीता टैलर,कोषाध्यक्ष’ श्रीमती ज्योति सोनी को ’बाल संस्कार संयोजिक विनिता सिन्हा, धर्मशिक्षा विभाग संयोजिका मोहिनी गिडवानी एवं  रेनू कछवाय ,’छात्र सभा संयोजिका’ दीक्षा पाटीदार तथा ’मेघनगर सदाचार सभा संयोजिका एवं धर्म शिक्षा विभाग संयोजिका-’ विजया  त्रिवेदी को दाियत्व सौपा गया । बैठक में सभी का पुष्पहारो से अभिनन्दन आगन्तुक अतिथियों द्वारा किया गया । कार्यक्रम के अन्त में राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।

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