झाबुआ

‘‘डायग्नोस्टिक टीम द्वारा कीट व्याधियों के प्रकोप के नियंत्रण हेतु कृषकों से रूबरू चर्चा’’

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खरीफ मौसम 2021 की फसलों का जायजा लेने डायग्नोस्टिक टीम का भ्रमण‘‘
‘‘डायग्नोस्टिक टीम द्वारा कीट व्याधियों के प्रकोप के नियंत्रण हेतु कृषकों से रूबरू चर्चा’’
झाबुआ, 29 जुलाई 2021। जिले में खरीफ मौसम 2021 अन्तर्गत विभिन्न फसलों के लक्षित 189000 हैक्टयर रकबा के विरूद्ध लगभग 99.2 फिसदी बुवाई कार्य सम्पन्न हो चूका है। खरीफ मौसम की वर्षा भी अद्यतन स्थिति में 350.2 मि.मी. रही है।
जिला कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा के निर्देशानुसार दिनांक 28.07.2021 को जिला स्तरीय डायग्नोस्टिक टीम जिसमें श्री एन.एस. रावत, उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला झाबुआ, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ डाॅ. आई.एस. तोमर, डाॅ. चन्दन, बी.एस. वसुनिया वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं मैदानी अमला शामिल है।
दल द्वारा रामा विकासखण्ड के ग्राम खरडुबडी का भ्रमण कर कृषक श्री अर्जुनसिंह राठोर के खेत में मक्का, सोयाबीन रेज्ड बेड पद्धति से बोई गई फसल, ग्राम रातीमाल में कृषक श्री ऊकार अमरा भाबर के खेत में बोई गई सोयाबीन फसल, ग्राम झुमका कृषक श्री दिवान नानकिया के खेत में बोई गई सोयाबीन$मक्का (अन्तर्वतीय) फसल, गंाम पिथनपुर के कृषक श्री रूपसिंह डामोर के खेत में बोई गई सोयाबीन एवं मक्का का अवलोकन किया गया। साथ ही ग्राम रजला, गोलाछोटी एवं गोलाबडी इत्यादि ग्रामों का भी भ्रमण कर फसलों की स्थिति देखी गई, क्षेत्र में फसलों की स्थिति संतोषजनक पाई गई।
भ्रमण के दौरान कृषकों से रूबरू चर्चा भी की गई, सोयाबीन फसल में आंशिक रूप से गर्डल बीटल का प्रकोप से प्रभावित होना पाया गया।
भ्रमण के दौरान कृषकों को डायग्नोस्टिक टीम द्वारा ये तकनीकि सलाह भी दी गई –
खेत फसल का नियमति निरीक्षण करें। खेत फसल के साथ-साथ खेत की मेढ़ साफ-सुथरी रखें। खतों में जल भराव की स्थिति होने पर उचित जल निकास का प्रबन्ध करें। सोयाबीन फसल में गर्डल बीटल के प्रकोप होने पर थायोक्लोप्रीड 21.7 एस.सी. 750 मि.ली. या प्रोफेनाफाॅस 50 ई.सी. 1250 मि.ली. का 500 लिटर पानी में घोल बनाकर प्रति हैक्टर छिडकाव करें। मक्का में फाल आॅर्मी वर्म का प्रकोप होने पर इमामेक्टीन बेंजोएट 425 मिली./हेक्टर का छिड़काव करने की सलाह दी गई। कीट व्याधि का प्रकोप होने पर प्रारंभिक तौर पर नीम तेल का छिड़काव भी करें। अधिक जानकारी हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र एवं नजदीकी कृषि कार्यालय से सम्पर्क करें तथा मैदानी अमलों से उचित मार्गदर्शन लेवे।
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