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बिल्वामृतेश्वर महादेव मंदिर को अपने पुराने स्वरूप में लाने की धर्मपुरी की जनता की उम्मीद जागी 

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कलेक्टर श्री सिंह ने मंदिर समिति के सदस्यों सहित संबंधित एजेंसियों के साथ चर्चा कर शीघ्र कार्य आरंभ करने के दिए निर्देश, लगभग 5 करोड़ रुपए खर्चेंगे
           धार 14 अगस्त 2021/ बिल्वामृतेश्वर महादेव मंदिर अपने पुराने स्वरूप में आए इसके लिए धर्मपुरी की जनता काफी दिनों से उम्मीदें संजोए बैठी थी। अब यह कार्य शीघ्र ही धरातल पर नजर आएगा।कोई पांच करोड़ रुपए खर्च कर यहां विभिन्न कार्य किए जाने की योजना है।कलेक्टर आलोक कुमार सिंह शनिवार को धरमपुरी स्थित बिल्वामृतेश्वर महादेव पहुॅंचे। यहॉं उन्होंने मंदिर समिति के सदस्यों सहित संबंधित एजेंसियों के साथ चर्चा कर शीघ्र कार्य आरंभ करने के  निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बिल्वामृतेश्वर महादेव मंदिर  प्राचीन और पुराणिक महत्व की जगह है। सभी जनप्रतिनिधियों ने यह बात उठाई थी कि यहॉं टापू की संरक्षण की आवश्यकता है। इसलिए हमने पिछले एक साल में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से काफी प्रयास किए है। जिसमें एक हिस्से का काम कर चुके है। यह मंदिर इन्दौर संभागायुक्त के नियंत्रण में आता है। इसलिए उन्होंने उनसे चर्चा कर अनुरोध किया था कि इस मंदिर को उसका मूल स्वरूप में लाने के लिए बहुत से कार्य किए जाने की आवष्यकता है। इस पर संभागयुक्त ने हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से एक प्रोजेक्ट तैयार कराया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को करने वाले लोग, जिन्होंने इन्दौर में बड़े मंदिरों जिसमें कृष्ण मंदिर,दुर्गा मंदिर शामिल हैं, उनका पुराणिक और ऐतिहासिक महत्व और  संरचना अनुरूप संरक्षण किया है। चूॅंकि यह एक अस्था का भी विषय होता है और हजारों साल पुराने मानूमेंट को उसी तरह से मूल स्वरूप में लाने की बात होती है। संस्था ने अपना प्रजेटेंशन दिया था लेकिन इनका प्रजेंटेंशन थोडा सा पुराना था।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि आज हमने इनकी टीम को इसलिए बुलाया है कि इनके अपने प्रोजेक्ट में नदी में एक रपट बनाने की बात थी । जबकि अब यहॉं पानी आ चुका है।यह 16-17 करोड़ रूपए का प्रोजेक्ट है, इसलिए शासन से ही मंजूर हो सकता है। इसके लिए अलग से प्रस्ताव संभागायुक्त के माध्यम से शासन को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार भी करना है। मंदिर को मूल स्वरूप में लाना है। इसके अलावा यहॉं यज्ञशाला को निर्धारित जगह में करना है। यहॉं पर डारमेट्री निर्माण करना है।यहॉं पर स्टॉफ क्वाटर, भोजनशाला है,उसको भी सुन्दर रूप देना है। उस तरह मूल स्वरूप में लाने के लिए यह टीम आई हुई है। अब यह टीम 10-15 दिन और इसकी स्टडी करेंगी और रि-डिजाईन करेंगी। उन्होंने कहा कि आज यहॉं पर इस कमेटी के लोगों से, पुजारियों से और बाकी लोगों की भावनाएं अनुरुप मंदिर में कहॉं पर क्या होना चाहिये, किस तरह डारमेट्री होना चाहिए, उन सभी पर विस्तृत चर्चा हुई है। इस साथ ही जो लोग इस मंदिर से सालों से जुड़े हुए है, उन लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये है। उन सबको हमने करपोरेट किया है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि हमारे साथ आर्किटेक्ट भी है, हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी भी है और अभी इन्दौर से भी वरिष्ठ अधिकारी आ रहे है। इसलिये बहुत जल्दी हम लोग फाईनल करके संभागायुक्त के माध्यम से कोशिश करेंगे कि इसकी स्वीकृति मिल जाए। बहुत ही सावधानी से यह जीर्णोद्धार कार्य करना होता है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बिल्वामृतेश्वर महादेव की कृपा से यह मंदिर अपने ऐतिहासिक महत्व को, पुराणिक महत्व को पुनः प्राप्त करेंगा और जैसे लॉंखों लोगों की श्रद्धा है, इस अनुरूप हम इस मंदिर का स्वरूप देंगे। एसडीएम राहुल चौहान सहित आरईएस,हाउसिंग बोर्ड के अभियंताओं सहित आर्किटेक्ट यहां मौजूद थे।

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