झाबुआ

सुराणा गा्रम की घटना को लेकर सांसद गुमानसिंह डामोर ने जताया आक्रोश,

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मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को वस्तुस्थिति से कराया अवगत
हिन्दू हितों पर नही होनें देंगे कुठाराघात

झाबुआ ।  संसदीय क्षेत्र रतलाम झाबुआ के बिलपांक जनपद के सुराणा गांव में धार्मिक सद्भाव बिगड़ने के बाद वहां के हिंदू परिवारों ने गांव छोड़ने की चेतावनी दी है। ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ग विशेष के लोगों की आबादी अधिक होने से वहां आए दिन विवाद हो रहे हैं। पुलिस और प्रशासन भी सुनवाई नहीं कर रहा है। ऐसे में गांव से पलायन करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं रह गया है। इन लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर 3 दिनों में गांव छोड़ने की चेतावनी भी दी है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए  क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोरने कहा कि इस प्रकार की घटना काफी संवेदनशील होकर  इसका पुनरावृति नही हो इसके लिये उनके द्वारा कलेक्टर रतलाम सहित जिला प्रशासन, एवं पुलिस प्रशासन के जिम्मवारों को निर्देशित किया है कि गा्रम का साम्प्रदायिक माहौल बना रहे तथा हिन्दूवर्ग के लोगों के हितलाभों का अतिक्रमण नही हो इसके लिये प्रभावी कदम उठाये जावें ।
सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहा कि उन्हें जैसे ही गा्रम सुराणा की उक्त घटना के बारे में जानकारी मिली, उन्होने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से संपर्क करके उनसे घटना के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा इस प्रकार की घटनाओं को लेकर कथित तौर पर ऐसे लोगों द्वारा साम्प्रदायिक माहौल को खराब करने की की जारही कोशिशों को प्रभावी तरिके से समाप्त करने के बारे में चर्चा कर योग्य निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है । सांसद गुमानसिंह ने बताया कि उन्हे जानकारी मिली कि जनसुनवाई में सुराणा गांव के हिंदू परिवारों के कई लोग ज्ञापन देने एसपी कार्यालय पहुंचे थे। जहां सुनवाई नहीं होने से नाराज लोगों ने गांव छोड़ने का फैसला ले लिया। इसके बाद इन लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्हें सुराणा गांव के अलावा कहीं और पट्टे देने की मांग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पहले सभी वर्गों में सद्भावना संबंध थे, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों से वर्ग विशेष के लोगों ने विधर्मी सोच अपना ली है। आए दिन गांव में विवाद करते हैं। शिकायत किए जाने के बाद भी पुलिस और प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है। जिससे परेशान होकर अब गांव के हिंदू परिवार गांव छोड़ना चाहते हैं। इस गांव में रह रहे हिंदू समुदाय के लोग वर्ग विशेष के लोगों ं की धमकियों और प्रताड़नाओं से भयभीत हैं। मंगलवार को इन्होंने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर कहा कि यदि हमारी मदद नहीं की गई तो हम तीन दिन में अपना घर, खेत, संपत्ति आदि छोड़कर गांव से पलायन के लिए तैयार हैं।
श्री डामोर के अनुसार डरे-सहमे हिंदू ग्रामीणों का कहना है कि गांव की कुल आबादी 2200 है, जिसमें 60 प्रतिशत वर्ग विशेष के लोग व 40 प्रतिशत हिंदू हैं। सुराना गांव रतलाम जिला मु्ख्यालय से करीब 13 किमी दूर बिलपांक थाना अंतर्गत स्थित है। इस गांव में इन दिनों बहुत तनाव है। मंगलवार को गांव में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग रतलाम कलेक्टर आफिस पहुंचे और एसडीएम अभिषेक गेहलोत को ज्ञापन सौंप कर अपनी पीड़ा बताई। पीड़ित हिंदुओं के मुताबिक गांव में संख्या बल में अधिक होने के कारण वर्ग विशेष के लोगों द्वारा हिंदुओं को आए दिन डराया-धमकाया जाता है। पुलिस को सूचना देते हैं तो कार्रवाई के नाम पर दोनों पक्षों को बेवजह परेशान किया जाता  ।
सांसद  श्री गुमानसिंह डामोर ने कहा है कि इस घटना व्यथित होकर उन्होने हिन्दुओं को आश्वस्त किया है कि इस घटना की  उच्चस्तरीय जांच करवाने के लिये वे मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन से अनुरोध करेगें तथा हिन्दूओं के हितो की रक्षा के लिये कोई कोताही नही बरती जाये इसके लिये वे निश्चित ही  गंभीरता पूर्वक कार्यवाही करेगें । उन्होने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये हेै कि ऐसे पीडित परिवारों को पूरा सरंक्षण दिया जावे तथा प्रभावी कार्यवाही की जायें ।

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