झाबुआ

सरपंच ग्राम पंचायत बामनिया की कार्यप्रणाली को लेकर , एडवोकेट गामड ने सरपंच को वित्तीय अधिकार न दिया जाने हेतु, कलेक्टर सोमेश मिश्रा को दिया आवेदन

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झाबुआ – जिले के पेटलावद ब्लॉक के अंतर्गत सरपंच ग्राम पंचायत बामनिया की कार्यप्रणाली को लेकर आवेदक नंदलाल पिता पुनाजी गामड़ (ऐडव्होकेट) निवासी ग्राम बामनिया तह. पेटलावद जिला झाबुआ ने वर्तमान सरपंच को पुनः वित्तीय अधिकार दिये जाने को लेकर आपत्ती दर्ज करवाते हूए शिकायती आवेदन जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी झाबुआ को दिया ।
एडवोकेट नंदलाल गामड ने अपने आवेदन में बताया कि कि निर्वाचन आयोग मप्र. शासन एवं निर्वाचन अधिकारी महोदय कलेक्टर जिला झाबुआ द्वारा दिनांक 13.12.2021 से नामांकन दिनांक 20.12.2021 नामांकन की अंतिम तिथी घोषित हो कर दिनांक 23.12.2021 चुनाव नाम वापसी एवं चुनाव चिन्ह आवंटित किये गये थे। चुनाव चिन्ह आवंटित होने के पश्चात पेटलावद तहसील के सरपंच, पंच, जनपद सदस्य एवं जिला सदस्य द्वारा चुनाव मैदान में उतर कर अपना प्रचार-प्रसार अपने-अपने चुनाव चिन्ह के साथ आम-मतदाता के बीच जा कर के प्रचार-प्रसार चालु कर दिया गया था एवं दिनांक 06.01.2022 को चुनाव मतदान सम्पन्न होने वाले थे। चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में राज्य निर्वाचन आयोेग भोपाल के द्वारा चुनाव निरस्त कर दिये गये। तदोपरांत दिनांक 04.01.2022 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के द्वारा सरपंचों के अधिकार दायित्वों को लेकर पुनः अधिकार दिये गये थे। तत्पश्चात दिनांक 05 जनवरी 2022 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के द्वारा सरपंचों के अधिकार दायित्वों को पुनः अधिकार समाप्त कर प्रशासन के अधीन कर दिये थे। दिनांक 17 जनवरी को पुनः सरपंच, पच, जनपद सदस्य एवं जिला सदस्य को वित्तीय अधिकार प्रदान किये गये थे।
एडवोकेट गामड ने अपने आवेदन में यह भी बताया कि सरपंचों को दिये गये वित्तीय अधिकार मामले में ग्राम पंचायत बामनिया की सरपंच रामकन्या संजय मखोड के विरूद्ध शासन की राशि का दुरोपयोग को लेकर कई आरोप एवं जाॅच में दौषी पाई गई है। इनके विरूद्ध न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ में धारा-40/92 के प्रकरण पंजीबद्ध हैं। इनके द्वारा मनरेगा योजना के तालाब निर्माण में भारी भ्रष्टाचार किया गया हैं एवं दौषी भी पाये गये है। इनके विरूद्ध दिनांक 03.11.2021 को न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ द्वारा सूचना पत्र दिनांक 16.11.2021 को जवाब के लिये जारी किया गया था। जिसके उपरांत भी इनके द्वारा अधुरे तालाब निर्माण कार्य को पुरा करने के लिये दिनाक 12.11.2021 को पोखलेन मशीन का उपयोग किया जा रहा था। इसके बाद तहसीलदार पेटलावद द्वारा पोखलेन मशीन जप्त कर अंतिम कार्यवाही के लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद द्वारा दिनांक 18.11.2021 को पत्र भी लिखा गया था।
एडवोकेट गामड ने आवेदन मे बताया कि रामकन्या संजय मखोड सरपंच ग्राम पंचायत बामनिया के द्वारा ऐसे ही एक बडे मामले में ग्राम पंचायत के मुख्य चौराहे पर पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा(2) का उलंघन करते हुए बीना निलामी प्रक्रिया के अपने लाभ के लिये अपने पद का दुरोपयोग करते हुऐ शासन की मंशा के विरूद्ध दुकान निर्माण उक्त कृत्य किया गया। जबकि आज भी ग्राम पंचायत बामनिया में दुकान संबंधित कोई भी अभिलेख रिकार्ड में नहीं हैं। दुकान निर्माण स्थल जो एमपीआरडीसी. की भूमि पर किया जा रहा था। एमपीआरडीसी. धार द्वारा ग्राम पंचायत में आपत्ती दर्ज करवा कर निर्माण कार्य रोकने के लिये कहा गया था। किंतु कार्य रोका नहीं गया। संबंधित प्रकरण जनहीत मुुद्दे को लेकर उक्त सरपंच के विरूद्ध माननीय न्यायालय खण्डपीड इंदौर में वर्तमान में भी विचाराधिन हैं।
अपने आवेदन में जिला निर्वाचन अधिकारी व जिला कलेक्टर से निवेदन करते हुए आवेदन दिया कि मैं स्वयं नंदलाल पिता पुनाजी गामड़ (ऐडव्होकेट) निवासी ग्राम बामनिया सरपंच पद का अभ्यर्थी रहा हूॅ। मेरे साथ में कुल 6 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में थे। वर्तमान सरंपच को शासन की मंशा अनुसार प्रमाणिक रूप से खरा उतराना है। ऐसे में रामकन्या मखोड के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार का स्वरूप किस प्रकार से प्रमाणिक होगा यह एक विचारणीय प्रश्न हैं। ऐसी स्थिती में वर्तमान सरपंचों को पदभार नहीं देते हुऐ या हम छः अभ्यर्थीयों की सहमती से नवीन समीती का गठन किया जावे। जिससे शासन हितेशी जन कल्याण कारी योजनाऐं आम लोगों तक आसानी से पहुचाई जा सके।

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