झाबुआ

हम मिट्टी से बने हैं और मिट्टी में मिल जाएंगे. धर्मगुरु पोप फ्रांसिस

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आज राख बुधवार है आज से कैथोलिक ईसाई समाज के चालीसा काल की शुरुआत हो रही है। यह सभी कैथोलिक ईसाई भाई और बहनों के लिए उपवास, परहेज और विशेष प्रार्थना का समय है। आज के दिन पवित्र मिस्सा बलिदान के दौरान प्रत्येक ईसाई धर्मावलंबी के मस्तक पर राख से क्रूस का चिन्ह बनाया जाता है जो सभी को याद दिलाता है कि हम मिट्टी से बने हैं और मिट्टी में मिल जाएंगे. इस चालीसा काल में विशेष प्रार्थना द्वारा विशेष वारदान प्राप्त करने का समय है. इन 40 दिनों में प्रत्येक शुक्रवार को विशेष प्रार्थना होती है जिसे क्रूस रास्ता कहां जाता है. इसमें हम 14 स्थानों पर खड़े रहकर प्रभु येशु के दुख भोग को याद करते हैं. यह 14 स्थान प्रत्येक चर्च में दीवारों पर चित्र के रूप में या मूर्ति के रूप में प्रदर्शित होते हैं. प्रत्येक क्रॉस मार्ग के बाद पवित्र मिस्सा बलिदान चढ़ाया जाता है. यह चालीसा राख बुधवार से शुरू होता है और गुड फ्राइडे को समाप्त होता है. उसके बाद वाला रविवार ईस्टर रविवार के रूप में मनाया जाता है.
आज चालीसा के प्रथम उपवास के दिन कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने संपूर्ण विश्व से आह्वान किया है कि आज का यह उपवास यूक्रेन के लिए विशेष प्रार्थना के रूप में संपन्न करें ताकि विश्व में शांति स्थापित हो सके.

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