झाबुआ

स्लॉटर हाउस मैं प्रशासनिक अधिकारी नगर की जनता को कर गुमराह रहे हैं

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झाबुआ नगर में पिछले कई वर्षों से जनता की मांग है की नगर  के बूचड़खाने नगर से बाहर हो क्योंकि नगर में पहले बूचड़खाने नगर पालिका के पास स्लाटर हाउस में होते थे

परंतु आज प्लॉटर हाउस में नहीं होकर के मटन मार्केट पूरे नगर के घर घर में लगने लग गया जिससे वहां नगरपालिका में जाने वाले एक सामान्य व्यक्ति नाक पर रुमाल बांधकर ही रहना पड़ता है और नगर पालिका के पास मटन मार्केट खुले रोड पर बैठकर ही लगने लगा है वैसे देखा जाए तो नगर की आबादी 80% सामान्य वर्ग की है जिसमें वार्ड नंबर 7 और वार्ड नंबर 4 में घर-घर में मटन मार्केट बन गए और जानवरों को घरों में काट कर उनका खून नाली में बहा दिया जाता है वार्ड नंबर 7 में तो इतनी गंभीर है कि जानवरों का खून सड़क पर ही फैला रहता है और उनके अवशेष लोगों के घरों के दरवाजे पर जानवरों द्वारा कुत्ता गंदगी फैलाते हुए देखा गया है वह वार्ड नंबर 4 में जैन समाज के एक बड़ा सा मंदिर है वार्ड नंबर 4 के पास में जैन समाज के लोगों को मंदिर जाने के लिए सुबह गुजरना पड़ता है है जिसके लिए नगर की जनता ने कई बार तत्कालीन कलेक्टर से स्लॉटर हाउस के लिए बात करी और झाबुआ में तत्कालीन कलेक्टर जो भी होता है वह ऐसे दृश्यम पैदा करता है नगर के एसडीम तत्कालीन और नगर पालिका के सीएमओ को बुलाकर उठा लिया जाता है और जनता के सामने तत्काल आदेश दिया जाता स्लॉटर हाउस नगर के बाहर करें जनता भी खुशी-खुशी अपने काम में लग जाती है और उम्मीद करती है कि जल्द से जल्द स्लॉटर हाउस नगर के बाहर हो जाएगा वह लोगों के सामने 3-4 खाली स्थानों की जमीन जो पिछले कई वर्षों से लोगों के सामने नाम देखकर बता दी जाती है परंतु ऐसा नहीं है उनके जाते अधिकारियों पर उस काम को साइड में रख कर दूसरे काम में लग जाते

अभी तो नगर में यह चर्चा भी है नगर के बाहर नगर के बाहर जमीन आवंटन के लिए राजस्व विभाग की जरूरत पड़ती है वहां नगरपालिका के नियमों की जरूरत नहीं होती है कि सीएमओ को बुलाकर यहां बिठा दिया जाता है

कि हम आपकी चिंता कर रहे हैं वह वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है जनता तो अब यह सब प्रशासनिक अधिकारियों कि राजनीति समझ में आने लगी है

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