झाबुआ – झाबुआ से सटे हाथीपावा के जंगल में 3 अप्रैल रविवार को दोपहर तीसरी बार आग लगने की घटना हुई, और कई हरे भरे पेड़ पौधे इस आग में जल गए । वन विभाग की लापरवाह कार्यशैली से असामाजिक तत्वों के होसले बुलंद होते जा रहे हैं और लगातार आग लगने की घटना को अंजाम दे रहे हैं । तीसरी बार आग लगने से हाथीपावा के करीब 10 हेक्टेयर में सैकड़ों पेड़-पौधे जलने की जानकारी मिली है। सूचना मिलने पर मौके पर नगरपालिका की दो से तीन फायर ब्रिगेड ने पहुंचकर आग पर काबू पाया। वहीं हाथीपावा मॉर्निंग क्लब से जुड़े सदस्य भी तुरंत सूचना मिलने पर पहुंचे। यह बड़ी विडंबना है कि लगातार हाथीपावा पर आग लगने की घटना एवं झूले-चकरियो को नुकसान पहुचाया गया । वही पूर्व मे भी तिरंगा झंडा को भी नुकसान पहुंचाने के बाद भी वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने में लापरवाह साबित हो रहे है। आग लगने की घटना की सूचना मिलने के बाद भी वन विभाग से ना तो बीट प्रभारी , ना कोई रेंजर , ना एसडीओ और ना ही डीएफओ , संबंधित हाथापावा वन क्षेत्र में पहुंचा । जो विभाग की लापरवाही को दर्शाता है ।।बार-बार आग लगने से और असामाजिक तत्व की हरकतों से शहर के आम जनों में अब डर व्याप्त है कि कहीं हाथीपावा पर जाने से कोई घटना दुर्घटना ना हो जाए । आम जनों में चर्चा का विषय बन चुका है कि आखिर क्या कारण है कि बार-बार हाथीपावा के जंगल में आग लग रही है क्यों देश के तिरंगे झंडे के साथ पूर्व में छेड़छाड़ की गई… । आमजनों का कहना है कि इस तरह के असामाजिक तत्वों पर जल्द से जल्द , सख्त से सख्त कारवाई की जाना चाहिए ,.ताकि हरा भरा हाथीपावा आग की चपेट में खत्म ना हो जाए ।. क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर इस तरह के असामाजिक तत्वों पर कोई कार्यवाही करेगा या फिर यह असामाजिक तत्व यूं ही शहर की फिजा को बिगाड़ने का प्रयास करेंगे । वही प्रशासन वन विभाग की लापरवाही के लिए वन विभाग के अधिकारियों/ कर्मचारियो पर भी कोई सख्त कार्रवाई करेगा ……क्योंकि आग लगने की घटना तीसरी बार घटित हो रही है….?
हरे-भरे हाथीपावा में बार-बार आग लगने से पेड़ पौधे नष्ट हो रहे हैं वहीं पूर्व में इस क्षेत्र में तिरंगे झंडे को भी नुकसान पहुंचाया गया हैं । शासन प्रशासन को जल्द से जल्द , असामाजिक तत्वों को ढूंढ कर कारवाई करना चाहिए…।