झाबुआ

सीएचएमओ साहब…… जेम पोर्टल के माध्यम से सामग्री खरीदी का बजट चहेते ठेकेदारों को देना बंद करें और ऑनलाइन प्रक्रिया को अपनाकर उच्च गुणवत्ता युक्त सामग्री कम दरों में खरीदें….।

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झाबुआ से मनोज अरोड़ा व पीयूष गादीया की रिपोर्ट….

झाबुआ – जिले में कई शासकीय विभाग में सामग्री खरीदी या अन्य कार्य ठेकेदार पद्धति के माध्यम से निष्पादित किए जा रहे हैं जिसमें सामग्री खरीदी को लेकर ऑनलाइन टेंडर पद्धति को अपनाया जा कर खरीदी की जा रही है लेकिन झाबुआ जिले का स्वास्थ्य विभाग मे तो संपूर्ण सामग्री खरीदी जेम पोर्टल के माध्यम से की जा कर , सीएमएचओ द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को उपकृत किया जा रहा है और इस पोर्टल को हैक कर दुगनी राशि में खरीदी की जा रही है जो जांच का विषय है ।

यू कहने का तो झाबुआ जिला अस्पताल आईएसओ प्रमाणित और जिले में कई सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है । लेकिन जब से सीएचएमओ जयपाल सिंह ठाकुर की पदस्थापना इस जिले में हुई है तब से मानो जेम पोर्टल को सहारा लेकर अपने चहेते ठेकेदारों को उपकृत करने के लिए सारे नियम कायदों को ताक में रखकर लाखों करोड़ों की खरीदी इस पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। जबकि इस पोर्टल को आसानी से हैकर द्वारा हैक कर मनमाने दाम L 1 पर लिए जा सकते हैं क्योंकि विभाग की दृष्टि से इस पोर्टल के माध्यम से खरीदी पूर्ण रूप से सुरक्षित है और किसी भी तरह की जांच आने पर इस पोर्टल के माध्यम का सहारा लेकर चहेते ठेकेदारों को और स्वयं को बचाया जा सकता है । लेकिन सीएचएमओ ठाकुर और उनके चहेते कर्मचारी ने ठेकेदारों से सामग्री खरीदी के लिए इसका जैम पोटल का ढाल बनाकर खरीदी की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग के बजट को दीमक की तरह खत्म किया जा रहा है और जो बजट जिले की भोली-भाली जनता की भलाई के लिए लगाना चाहिए , वह ठेकेदारों को उपकृत करने में पूर्ण किया जा रहा है । यदि हम mpeprocurement पर देखेंगे तो प्रदेश के कई जिलो स्वास्थ्य विभाग में ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से खरीदी की जा रही है और पारदर्शिता अपनाई जा रही है । जबकि झाबुआ जिला का स्वास्थ्य विभाग जैम पोर्टल से खरीदी कर रहा है । वही लगभग जिले में संपूर्ण शासकीय विभाग द्वारा दो लाख से अधिक की खरीदी पर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है जिससे उच्च गुणवत्ता युक्त माल निम्न दरों पर आसानी से प्राप्त हो सके । साथ ही साथ इस पद्धति से शासन को टेंडर विक्रय के रूप में भी राजस्व भी प्राप्त होता है और अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट के रूप में भी रहती है यदि कोई ठेकेदार शासन के नियमानुसार कार्य नहीं करता है तो उसकी अर्नेस्ट मनी फॉरफिटेड भी की जा सकती है वही जेम पोर्टल में इस तरह की कोई भी प्रक्रिया नहीं होती है सूत्र के अनुसार पिछले कोरोना काल मे सीएमएचओ सा.ने इस पोर्टल का सहारा लेकर करीब 1 लाख मास्क 4.99 प्रति दर से खरीदी की थी जो कि बाजारों में ढाई से ₹ 3 में आसानी से उपलब्ध हो रहे थे । वही यदि हमारी सूत्रों की माने तो इस सामग्री को खरीदी तो गई और संबंधित फर्म को भुगतान कर दिया गया , लेकिन यह मास्क स्वास्थ्य विभाग कै स्टोर तक पहुंचे या नहीं …यह भी जांच का विषय है.। सूत्रों के अनुसार यह भी पता चला है कि सीएमएचओ साहब अपने चहेते ठेकेदार को इस पोर्टल के माध्यम से खरीदी करने के लिए कई बार कलेक्टर कार्यालय के चक्कर भी लगा रहे हैं । वहीं एक अन्य ठेकेदार द्वारा अपना राजनीतिक संरक्षण के माध्यम से इस पोर्टल का सहारा लेकर, सामग्री सप्लाई की जा रही है । अब तो ऐसा लगने लगा है कि स्वास्थ्य विभाग का बजट जेम पोर्टल के माध्यम से ….लूट सको तो लूट लो…. की तर्ज पर किया जा रहा है । यदि समय रहते जिला प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो सीएमएचओ जयपालसिंह ठाकुर के संरक्षण में स्वास्थ्य विभाग का बजट आमजनता की भलाई के बजाए ,.अपने चहेते ठेकेदारों को मलाई खिलाने में पूर्ण हो जाएगा और गरीब जनता सुविधाओं या योजनाओं के लिए भटकती हुई नजर आएगी…।

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