शहर में चौराहे ओर कॉलोनी में चल रहा है सट्टे का अवैध कारोबार……. झाबुआ – किसी का घर उजड़ जाए या उसके बच्चे सड़क पर आ जाएं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता केवल सट्टा खिलाने वालों की कोठियां बननी चाहिए । ऐसा ही कुछ खेल झाबुआ सहीत जिले में चल रहा चौराहे पर सट्टा लिखने का काम । जी हां हम आपको बताते चलें कॉलोनी ओर चौराहे में इस समय बेखौफ सट्टा खिलाया जा रहा है। सट्टा खेलने वालों के कई घर बर्बाद हो चुके है। शराब मैं तो शराबी खुद के शरीर का नाश करता है और सट्टे में पूरे परिवार की बर्बादी होती है बीवी बच्चे व अपने बूढ़े माता-पिता की कमाई हुई दौलत पूरी सट्टा कारोबारी के घर चली जाती है बच्चे रोड पर आ जाते हैं तब उन्हें जाकर समझ पड़ती है कि हमने यह क्या किया और बाद में बड़े हादसे होते हैं इनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं जिसमें इन को किसी भी प्रकार से कानून ,पुलिस एवं समाज का कोई डर नहीं रह गया है। सट्टा खेलने वालों को तो कुछ प्रॉफिट नहीं हुआ है मगर सट्टा खिलाने वालों के दिन दुगनी और रात चौगुनी जैसी हो रही है। गाड़ी घोड़े बंगले बन रहे।
झाबुआ के कुछ नगरवासी दबी जुबान से यह भी कहते हैं सट्टा खिलाने वाले कोई यूं ही और साधारण व्यक्ति नहीं है काफी शातिर और होशियार हैं और यही नहीं सट्टा खिलाने से जो आमदनी होती है उसका हिस्सा कुछ अन्य जगहों पर भी जाता है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि यह सट्टे का कारोबार व्हाट्सएप पर इतने शातिर तरीके से किया जाता है की पुलिस यदि उनको पकड़ती भी है तो भी उनके पास किसी प्रकार का मैसेज पैसा वगैरा नहीं मिलता है जिसके अभाव में कुछ घंटों में पुलिस की गिरफ्त से बाहर हो जाते हैं और फिर यह गोरखधंधा धड़ल्ले से किया जाता है। कॉलोनी, या बस स्टैंड चौराहे पर प्रतिदिन एक अनुमान के मुताबिक लगभग लाखो रूपये की खाई , सटटा किंग द्वारा की जाती है। यहां पर सटटा किंग द्वारा अपने एजेन्ट चाय, पानठेला होटल एवं किराना दुकानों में बैठाए गए हैं।जो सेठ बनकर सबकी आंखों में धूल झोंककर सटटे की खाई कर रहे हैं। शहर में खुलेआम यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है। शहर के बस स्टैंड क्षेत्र, राजगढ़ नाका क्षेत्र, हुडा क्षेत्र ,जेल चौराहे, राणापुर रोड सिथत भंडारी पंप के पास , गडवाडा आदि अनेक स्थानों पर सटोरिया सक्रि रुप से कार्य कर रहे है ।शहर में सट्टा कारोबार का संचालन जोरो पर है। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि छुटभैय्या नेताओं और आसपास के रसूखदारों की मदद से जुएं एवं सट्टे का कारोबार चल रहा है। हां यह जरूर है कि जो सट्टा शहर में चल रहा है वह आम जन को तो नजर नहीं आ रहा हैं लेकिन पुलिस को नजर नहीं आ रहा है यह समझ से परे.हैं । झाबुआ में लंबे समय से इस कारोबार का संचालन हो रहा है लेकिन यहां तक वर्दी धारियों की पहुंच नहीं हो पा रही है और यही कारण है कि स्थानीय लोगों की मदद से सट्टा का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। बेरोजगार युवाओं को सट्टा किंग कॉलोनी और चौराहों नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में कई प्रकार के सटटा का धंधा संचालित किया जा रहा है। जिसके तहत लालच में आए लोगों से हजारों रुपए की लूट की जा रही है। जैसे टाइम बाज़ार,मिलन डे,कल्याण एवं नाइट मिलन सुबह 11 बजे से रात्रि 12 बजे तक सटटे की खाई की जाती हैं। यहां पाचो सटटे के अंक ओपन-क्लोज के नाम आठ टाइम खेले जाते हैं। जिनमे युवा बेरोजगार, बच्चे महिलाएं 1 के 9 के चक्कर में अपना पैसा एवं समय दोनों बर्बाद कर रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर भी खानापूर्ति की जाती है । जानकारी अनुसार इन सट्टा संचालकों द्वारा कारवाई न करने के लिए लक्ष्मी यंत्रों की भेंट भी दी जाती है तथा कार्रवाई के पहले सूचना भी मिल जाती है । जिसस बड़ी आसानी से सट्टा खाईवाल पुलिस गिरफ्त से दूर हो जाते हैं। कई सटोरिये कई वर्षों से सट्टे की खाईवाल कर रहे हैं लेकिन अब तक उन पर कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई है । क्या झाबुआ पुलिस कप्तान इन गोरखधंधे करने वालों को पकड़ेंगे या झाबुआ पुलिस की ना कामयाबी के चलते ऐसे ही धंधे फलते- फूलते रहेगे ….? देखना होगा कि अब पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करते हैं।