अलीराजपुर

उड़द ,मूंग फसल में पीला मौजेक रोग से बचाव के उपाय

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अलीराजपुर, 22 जून 2022 – उप संचालक कृषि विभाग श्री एसएस चैहान ने बताया विगत पिछले 2 वर्षो से अलीराजपुर जिले में उडद ,मूंग एवं सोयाबिन फसलों में विषाणु जनित पीला मोजेक बीमारी का प्रकोप बढ़ रहा है,

इसको देखते हुए कृषि विभाग के मैदानी अमले एवं कृषि विज्ञानिकांे द्वारा जिले के किसान भाईयों से अपील की जा रही है कि वे इस बीमारी से अपनी फसलों को बचाने हेतु विषेष सावधानियां रखे जिससे कि इस रोग से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

उन्होंने बताया पीला मोजेक के लक्षण इस प्रकार रहते है जिसमें यह बीमारी उड़द/मूंग फसल में बुवाई के 2-3 सत्ताह में दिखाई देने लगती है,

पं्रारभिक लक्षण पत्तियो पर पीलापन होने लगता है।रोग के प्रथम लक्षण पत्तियों पर गोलाकार पीले धब्बे के रूप में दिखाई देता है। ये दाग एक साथ मिलकर तेजी से फैलते है, जिससे पत्तियों पर पीले धब्बे के अलग-बगल दिखाई देते है। जो बाद में बिल्कुल पीले हो जाते है। नई निकलती हुई पत्तियाॅ में ये लक्षण आरम्भ से दिखाई देते है। यह रोग सफेद मक्खी द्वारा फैलता है।

जिसके कारण उपज में 10 से 40 प्रतिषत तक उपज में कमी दर्ज की गई है। कृषकों के लिए पीला मोजेक के नियंत्रण हेतु सलाह कृषि विषेषज्ञों ने बताया कि गर्मी में गहरी जुताई करें, जिससे तेज धूप में इस बीमारी के विषाणु नष्ट हो सकें। इस रोग के नियंत्रण हेतु उड़द फसल की रोग प्रतिरोधक जातियाॅ जैसे पीडी.यू-1, पी.यू-19, पी.यू-31,पी.यू-35, एवं आईपी.यू-02-43 का चयन कर बुवाई करे।

प्रमाणित बीज ही बुवाई के लिये उपयोग करें।बीज को बोने के पूर्व बीजोपचार औषधि ( इमिडाक्लोप्रिड या एसिटामिप्रिड घोल) से उपचार कर ही बुवाई करें। घर का बीज बोने के पूर्व बीजोपचार कर ही बुवाई करें। प्रांरभिक अवस्था में ही अपने खेत में जगह -जगह पर पीली चिपचिपी ट्रेप लगाए जिससे इसका संक्रमण फलाने वाली सफेद मक्खी का नियंत्रण होने में सहायता मिलें।

फसल पर पीला मौजेक रोग के लक्षण दिखते ही ग्रस्ति पौधे का अपने खेत से निकासित कर जमीन में गड्ढा बनाकर नष्ट करें। खेत में सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु अनुषंसित पूर्व मिश्रित संम्पर्क रसायन जैसे बीटासायफलुथ्रिन ़ ़इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हैक्ट.0)या पूर्व मिश्रित थायोमिथाक्सम ,लैम्बडासायहेलोथ्रिन (125 मिली/हक्ट0) का छिडकाव करें जिससे सफेद मक्खी के साथ-साथ पत्तियो को खाने वाले किटो का भी एक साथ नियंत्रण हो सके।कृषि विभाग के मैदानी अमले द्वारा भी अपने -अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर किसान भाईयों को पीला मौजक रोग के नियंत्रण हेतु कृषक पाठषाला, प्रषिक्षण ,संगोष्ठी ,ग्राम चैपाल का आयोजन कर प्रचार-प्रसार किया जाकर कृषकों को जागरूक किया जा रहा है।

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