RATLAM

आत्म साक्षात्कार को सहज योग से प्राप्त किया जा सकता है – प्रदीप रस्से सहज योग परिवार द्वारा रोटरी गार्डन, कस्तुरबा नगर में ध्यान शिविर का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । बडी संख्या में क्षेत्रीय निवासियों ने शिविर में भाग लेकर परम चैतन्य को अनुभव किया गया।

Published

on

आत्म साक्षात्कार को सहज योग से प्राप्त किया जा सकता है – प्रदीप रस्से
सहज योग परिवार द्वारा रोटरी गार्डन, कस्तुरबा नगर में ध्यान शिविर का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ।
बडी संख्या में क्षेत्रीय निवासियों ने शिविर में भाग लेकर परम चैतन्य को अनुभव किया गया।

रतलाम । सहज योग की संस्थापक माताजी श्री निर्मला देवी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर सहज योग ध्यान केन्द्र (निर्मल धाम ) बडबड रतलाम द्वारा नगर के कस्तुरबा नगर स्थित झमकलाल बोहरा रोडरी गार्डन पर सायंकाल 6-30 बजे से सहज योग ध्यान का अभिनव आयोजन किया गया । माताजी श्री निर्मला देवी जी के जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रातःकाल 6.30 बजे से सहज योग ध्यान केन्द्र के बड़ी संख्या में आए साधकों द्वारा प्रभात फेरी निकाल कर क्षेत्रिय निवासियों को सहज योग के माध्यम स्वस्थ, सुखी ,समृद्ध , आध्यात्मिक जीवन जीने की कला सीखने के लिए आमंत्रित किया गया था ।

झमकलाल बोहरा रोटरी गार्डन कस्तुरबा नगर में 25 जून शनिवार की सायंकाल 6-30 बजे से ध्यान शिविर आरंभ हुआ । इस अवसर पर केन्द्र के प्रदीप रस्से ने सहज योग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सहज योग का अर्थ है सह यानी आपके साथ, और ज अर्थात् जन्मा हुआ, योग से तात्पर्य मिलन या जुड़ना अर्थात वह तरीका जिससे मनुष्य का सम्बन्ध (योग) परमात्मा से हो सकता है., सहज योग कहलाता है। मानव शरीर में एक सूक्ष्म तन्त्र अदृश्य रूप में हमारे अन्दर स्थित होता है, जिसे आध्यात्मिक भाषा में सात चक्र और इड़ा, पिंगला, सुषुम्ना नाड़ियों के नाम से जाना जाता है,इसके साथ ही परमात्मा की एक शक्ति जिसे कुण्डलिनी कहते हैं ,मानव शरीर में सुप्तावस्था में स्थित होती है। सहजयोग के माध्यम से इस शक्ति के जागरण को ही कुण्डलिनी जागरण द्वारा आत्मसाक्षात्कार कहते है । यह कुण्डलिनी शक्ति जब जागृत होती है और सातों चक्रों से गुजरती हुई सहस्त्रार चक्र पर पहुँचती है तब मानव के सिर के तालू भाग में और हाथों कि हथेलियों में ठण्डी -ठण्डी हवा महसूस होती है जिसे हिन्दू धर्म में परम चौतन्य कहा जाता है इस तरह सभी धर्म ग्रंथो में वर्णित आत्मसाक्षात्कार को सहजयोग से प्राप्त किया जा सकता है।

  इसके पूर्वध्यान केन्द्र की ओर से माता श्री निर्मलादेवी के चित्र के समक्ष अपनी श्रद्धाभावनायें प्रकट की । इस के बाद राजेन्द्र जी पाण्डे ने भी सहज योग के बारे में मूलाधार चक्र से लेकर सहस्त्रार चक्र के बारे में विस्तार से जानकारी उपस्थित जनों को दी । इस अवसर पर बताया गया कि बडबड स्थित सहयजयोग ध्यान केन्द्र निर्मलधाम पर प्रति रविवार प्रातः 9 से 10 तक नये साधकों के लिये सहज योग प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होने नगरवासियों से आध्यात्मिक, मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिये सहज योग का लाभ उठाने की अपील की है ।

 

Trending