रतलाम / प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के प्रकरण लगातार पाये जा रहे है। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच आर्थिक गतिविधियां आरंभ है। शादी त्यौहार व अन्य सामाजिक कार्यक्रम इत्यादि के कारण लोगां में मिलना जुलना और एकत्रित होना लगातार जारी है। वर्तमान में वर्षा ऋतु भी प्रारम्भ है जिसके कारण कभी-कभी वातावरण का तापमान कम हो जाता है और कम तापमान एवं बदलता मौसम वायरस प्रसार के लिए उपयुक्त होता है। ऐसे में व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता को देखते हुए, जिले में कोविड-19 अनुकूल व्यवहार सावधानी में ही सुरक्षा कोरोना से बचने के लिये है जरूरी मास्क पहनें, धोते रहें हाथ, रखें दो गज की दूरी का प्रचार प्रसार किया जाना आवश्यक है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रभाकर ननावरे ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि आमजन में संक्रामण से बचाव की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। जिले में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर अच्छी है फिर भी इस बात की बहुत ज्यादा आवश्यकता है कि लोग सावधानियां बरतें। लोगों को कोरोना के लिये उपयुक्त व्यवहार करने की आवश्यकता है, सभी सावधानियों का पालन करें और संक्रमण के प्रसार को रोकें। साथ ही साथ आर्थिक और सामाजिक गतिविधयां भी जारी रखी जाये। तकनीकी सहायता से संचार तन्त्र को मजबूत करते हुये संक्रमण के विषय में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
हमें जिन क्षैत्रों में ज्यादा कोरोना प्रकरण निकल रहें है वहॉ अलग तरह से संचार रणनीति तय करने की आवश्यकता है। सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में जब लोगों की भीड़ एकत्रित होती है तो वहां पर उन्हें किस तरह से संक्रमण से बचाव के लिये सावधानियां अपनानी चाहिए, उसके लिये हमें लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है।इसके साथ ही साथ इस बात की भी आवश्यकता है कि आरोग्यसेतु/सार्थक लाइट एप लोग ज्यादा से ज्यादा डाउनलोड करें और उसका उपयोग करें और उसकी सहायता से संक्रमण के विषय में आवश्यक सूचना प्राप्त करें। हम स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले व्यवहारों को अपनायें जैसे की अपनी दिनचर्या ठीक रखें, सकारात्मक सोचें, संतुलित आहार लें, भरपूर नींद लें और नकारात्मकता से बचें। जिनसे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है उनका पालन करने की आवश्यकता है।
कोविड- 19 के लक्षण :-
कोविड- 19 के मुख्य लक्षण बुखार, खॉसी, और श्वास लेने में समस्या है। बीमार व्यक्ति को थकान, बदन दर्द और नाक जाम होना, गले मे खरास, स्वाद या सूघने की क्षमता घटना और उल्टी दस्त की समस्या हो सकती है। कोरोना वायरस कई प्रकार से वायरस का एक समूह है, जो स्तनधारियों और पक्षियो में रोग उत्पन्न करता है। यह आर.एन.ए. वायरस होते है। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है, जिसकी गहनता हल्की से लेकर अति गम्भीर तक हो सकती है। कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति खॉसता, छीकता, है या सांस श्वास छोडता है तो उनके नाक या मुंह से निकली छोटी बूंदो से यह रोग दूसरे में फैल सकता है। ये बूंदे उस व्यक्ति के आस-पास की दूसरी चीजों और सतहों पर भी गिर सकती है। दूसरा व्यक्ति उस सामान्य या सतह के सम्पर्क में आने के बाद अपने मुंह, नाक या ऑख को छुन से भी फैलता है। वर्तमान में कोविड-19 को रोकने के लिये 2 टीके है, और कुछ विकास में है। भारत में आपातकालीन उपयोग के लिये 2 टीके कोविसील्ड, और कोवाक्सिन उपलब्ध है।
कोरोना संक्रमण रोकने संबंधी अनुकूल व्यवहार :-
दूर से अभिवादन करें ना किसी से हाथ मिलाए ना गले मिले
आपस में 2 गज की दूरी जरूर रखें
घर से बाहर निकलने पर हमेशा मास्क पहने
बार-बार अपनी आंख नाक और मुंह को छूने से बचें
खॉसते और छींकते समय अपने मुंह तथा नाक को ढक कर रखें श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन करें
बार-बार साबुन तथा पानी अथवा अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से हाथों को धोंएं
सार्वजनिक स्थानों पर ना थूके, तंबाकू गुटका खैनी पान आदि खाकर यहां वहां ना थूकें
बार बार छुए जाने वाली सतहों को नियमित रूप से विसंक्रमित करें
अनावश्यक यात्रा से बचें
कोरोना को लेकर किसी से भेदभाव ना करें
अनावश्यक भीड़ भाड़ इक्कठा ना होने दें
अफवाहों पर ध्यान ना दें और सोशल मीडिया पर किसी भी अपुष्ट जानकारी को प्रसारित ना करें
सूचना के भरोसेमंद स्त्रोंतों से ही जानकारी लें
कोरोना के विषय में जानकारी के लिए जिले के टोल फ्री नंबर 1075 पर कॉल करें
आपस में सभी एक दूसरे को मनोवैज्ञानिक रूप से सहयोग प्रदान करें
शासकीय कार्यालयों जैसेः- शिक्षा विभाग, पंचायत ग्रामीण विभाग, वन विभाग, पुलिस विभाग, जन सम्पर्क विभाग, राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, नगरिय विकास विभाग, महिला बाल विकास विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, खेल विभाग, द्वारा कोविड संबंधित प्रमुख सन्देश वर्चुअल जानकारी के माध्यम से, व्हॉटसप के माध्यम से, मोबाईल मेसेज, फेसबुक टूयटर के माध्यम से, उचित जानकारी प्रसारित कर कोविड संक्रमण से बचाव संदेशो को प्रसारित करना एवं उन्हें समुदाय को जागरूकता करने के लिये प्रेरित करने को कहा है।
प्रायः देखा गया है कि अधिकांश कोविड-19 के प्रकरण या तो लक्षण रहित अथवा अतिमंद लक्षण वाले होते है। प्रायः इन प्रकरणों का घर पर ही प्रबंधन समुचित चिकित्सकीय मार्गदर्शन में एवं न्यूनतम हस्तक्षेप के द्वारा संभव है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर होम आईसोलेशन में रखने हेतु चयन मापदण्ड सतर्कताए, आवश्यकता निगरानी तथा लक्षण होने पर स्वास्थ्य केन्द्र पर भर्ती करने संबंधी निर्देश जारी किए गए है।
लक्षण रहित एवं मंद लक्षण युक्त कोविड-19 प्रकरण की परिभाषा :-
लक्षण रहित एवं प्रयोशाला की रिपोर्ट अनुसार कोविड-19 पुष्ट प्रकरण ऐसे रोगी हैं जिनमें कोई लक्षण न हो एवं ऑक्सीजन सैच्युरेशन की मात्रा सामान्य कक्ष में 93 प्रतिशत हो।
चिकित्सकीय रूप से मंद लक्षण युक्त कोविड-19 के प्रकरण ऐसे रोगी है जिनमें उपरी श्वसन तंत्र संक्रमण संबंधी लक्षण हो तथा बुखार के साथ या बुखार के बगैर एवं सांस की कठिनाई के बिना ऑक्सीजन सेचुरेशन की मात्रा सामान्य कक्ष में 93 प्रतिशत हो।
होम आईसोलटेड व्यक्ति के लिए दिशा-निर्देश
क्या करना चाहिये :-
कोरोना वायरस के कारण लक्षण महसूस होने पर शीघ्र ही होम आईसोलेशन अपनाए। इस दौरान निम्न नियमों को कड़ाई से पालन करें।
व्यक्ति एक अलग कमरे में रहे जो हवादार एवं स्वच्छ हो जिस कमरें में शौचालय उपलब्ध हो, उस कमरे को प्राथामिकता दें।
कमरे से बाहर न निकले तथा परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में न आए।
अपने हाथों को साबुन एवं पानी अथवा एल्कोलन बेस सेनैटाईजर आधा से लगभग आधा मिनिट तक धोवें।
व्यक्ति को गुनगुने पानी एवं तरल पदार्थो का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहियें।
व्यक्ति को सर्जिकल मास्क हर समय पहने रहना चाहिए एंव 6 से 8 घण्टे में इसे बदलना चाहिये , उतारा हुआ मास्क अत्यंतसंक्रमित होता है अतः मास्क को 5 ब्लीच साल्युशन, अथवा 1 सोडियम हाईपोक्लोराइड से डिसइनफेक्ट करना चाहिये तत्पश्चात मास्क को जला देना अथवा गहरे गड्डे में गाडना चाहिये। यदि मास्क कपड़े का हो तो साबुन से धोकर धूप में सुखा दें। प्रेस करने के बाद मास्क को पुनः इस्तेमाल करें।
व्यक्ति के उपयोग में आने वाले बर्तन,कपड़े आदि सामगी घर के अन्य सदस्यों से अलग रखना चाहियें एवं इन्हे गर्म पानी और डिटर्जेन्ट/साबुन से साफ करना/धोना चाहिये, यथासंभव यह कार्य व्यक्ति को स्वंय करना चाहिये यदि यह कार्य अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा रहा हो तो उन्हे हाथों में रबर के दस्ताने पहनना चाहिये।
घर के सामान्य स्थान जैसे की किचन, हाल इत्यादि को प्रयोग न करें।
घर के बाहर न निकले एंव भीड़ वाले स्थान में कतई न जावें।
खॉसते छीकते वक्त रूमाल का प्र्रयोग करें जिसे बाद में साबुन एवं गर्म पानी से अच्छी तरह से धोए।
बार-बार अपना मुंह नाक या ऑख न छुए।
घर में बाहरी व्यक्ति को आमांत्रित न करें।
पोष्टिक परन्तु आसानी से पचने वाला भोजन लें। भरपूर मात्रा मं गरम पानी का सेवन करें। मादक पदार्थो एवं धुम्रपान का सेवन नहीं करें। रात्रि में भरपूर आराम करें और घर पर ही प्रसन्नचित रखने वाली गतिविधियों करें।
डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं को उचित तरीके से ही लें।
मोबाईल का उपयोग स्वंय करे,दुसरों को न करने दें, उसे अल्कोहल बेस सेनैटाईजर से बार-बार साफ करते रहें एवं घर के अन्य सदस्य इस मोबाईल को उपयोग में न लेंं।
यदि बुखार सर्दी-खांसी,साल लेने में तकनीफ,सीने में दर्द होठों का नीला पड़ना इत्यादि हो तो तुरन्त कोविड-19 कॉलसेंटर दुरभाष नंबर 1075, 07412-242400, 89892- 54487 पर तुरन्त सम्पर्क कर मार्गदर्शन लेवें।
बुजुर्ग गर्भवती महिला बच्चों एवं जैसे व्यक्ति जो पूर्व से किसी बिमारी से ग्रसित है उनसे दुरी बनाकर रखें।