गुरु का आशीर्वाद ही प्राणी मात्र के लिए कल्याणकारी, ज्ञानवर्धक और मंगल करने वाला होता है- श्रीमती सुरज डामोर ~~~~~ पतंजलि महिला योग समिति ने श्रद्धाभाव के साथ मनाया गुरूपूर्णिमोत्सव ।
गुरु का आशीर्वाद ही प्राणी मात्र के लिए कल्याणकारी, ज्ञानवर्धक और मंगल करने वाला होता है- श्रीमती सुरज डामोर ~~~~~ पतंजलि महिला योग समिति ने श्रद्धाभाव के साथ मनाया गुरूपूर्णिमोत्सव ।
झाबुआ । महिला पंतजंलि योग समिति द्वारा कालिका माता मंदिर धर्मशाला में गुरू पूर्णिमा उत्सव उत्साह के साथ मनाया गया । सर्व प्रथम गुरू पूजन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण श्रीमती सूरज गुमानसिंह डामोर, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी ललीतशाह, बाबुभाई पांचाल, एवं मधु जोशी द्वारा किया गया । विधि विधान से गुरू पूजन के बाद श्रीमती सुरज डामोर ने गुरू पाद पुजन का महत्व बताते हुए कहा कि सनातन धर्म के श्रद्धालुजन गुरु पूर्णिमा के रूप मे धूमधाम से मनाते है। इसी दिन ऋषि वेद व्यास का जन्म हुआ था। कई पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत के रचयिता महान ऋषि वेद व्यास जी का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन ही हुआ था, यही कारण है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन लोग ऋषि वेद व्यास जी की पूजा के साथ ही अपने गुरु, इष्ट और आराध्य देवताओं की पूजा करते हुए, उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ये पर्व एक परंपरा के रूप में गुरुकुल काल से ही मनाया जाता रहा है। इस दिन केवल गुरु की ही नहीं अपितु परिवार में जो भी बड़ा है अर्थात माता-पिता, दादा, दादी उनको भी गुरू मानकर सम्मान, पूजन करना चाहिए । गुरु की कृपा से ही विद्यार्थी को विद्या आती है। उसके हृदय का अज्ञान व अन्धकार दूर होता है। गुरु का आशीर्वाद ही प्राणी मात्र के लिए कल्याणकारी, ज्ञानवर्धक और मंगल करने वाला होता है। संसार की सम्पूर्ण विद्याएं गुरु की कृपा से ही प्राप्त होती है। गुरु से मन्त्र प्राप्त करने के लिए भी यह दिन श्रेष्ठ है। इस दिन गुरुजनों की यथा संभव सेवा करने का बहुत महत्व है। इसलिए इस पर्व को श्रद्धापूर्वक जरूर मनाना चाहिए। इस अवसर पर श्रीमती डामोर ने बालिकाओं से गुरू पद पुजन करवाई । सुश्री मोना गिडवानी,ने चोरासी निंद से म्हारा सतगुरू आके जगा दिया ’’ भजन की प्रस्तुति दी ।
ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी ने गुरू भक्ति, माता-पिता प्रथम गुरू के बारे में विस्तार से बताया । ललीत शाह एडवोकेट द्वारा गुरू की महिमा का बखान किया गया । मधु जोशी द्वाराकहा कि गुरूयोग परिवार की गुरू रूकमणी वर्मा की 20 वर्षीय निशुल्क योग प्रशिक्षण सेवा का जिक्र करते हुए महिला पंतंजलि योग सहिमति की सभी महिलाओं की गुरू दीदी निरूपित करते हुए उनकी प्रसंशा की तािा योग के माध्यम से आरोग्यमय जीवन जीने की प्रेरणा सतत दे रही है । कल्पना रांगे, ज्योत्सना चौहान ने भी इस अवसरपर गुरू भजन प्रस्तुत किया ।
सुश्री रूकमणी वर्मा द्वारा गुरू और समुद्र दोनो की गहराई बराबर होने का जिक्र करते हुए कहा कि समुद्र डूबो देता है औरसतगुरू तार देता है ।उन्होने गुरू की महिमा का विस्तार से जिक्र करते हुए कहा कि यदि शिष्य दक्ष हो जाता है तो गुरू को इससे गर्व होता है ।ओर योग परिवार में आज सभी इसीका अनुकरण कररहे है ।
कार्यक्रम का संचालन भारतीय स्त्री शक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं योग की कर्मठ कार्यकर्ता श्रीमती किरण शर्मा ने करते हुए गुरू महिमा एवं श्लोक- भजनों के माध्यम से गुरू की महिमा बताई ।
कार्यक्रम में महिला पंतंजलि योग समिति की ज्योति जोशी , माया पंवार, जरीना अंसारी, लीना पटेल,, पूनम सिन्हा, भावना टेलर, विनिताटेलर, भावना जेन, राधा पटेल, रानी पाण्डे नीता शाह,लता गुप्ता, शशि त्रिवेदी, मंगला राठौर, लविना, स्वीटी चौहान, हेमा गुप्ता, कृष्णा शेखावत, राजपुत महिला मंडल की शोभा राठोर, टीना गौतम, कमला सोलंकी, माधुरीतोमर, साधना चौहान, सुमित्र चौहान, सीमा गेहलोद, अनिता चौहान के अलावा पुरूष वर्ग में बाबुभाई पांचाल, देवश्री मालवीय, राधेश्याम परमार दादूभाई के अलावा मंदिर समिति के सदस्य गण उपस्थित रहे ।इस अवसरपर फलाहारी खिचंडी, एवं सींगदाना की चिक्की एवं फलों का सभी ने आनन्द उठाया । करीब 2 घंटे तक चले कार्यक्रम में सभी ने उत्साह से भाग लिया । अन्त मे आभार योग परिवार की रजनी पाटीदार द्वारा व्यक्त किया गया ।