झाबुआ

उमापति महादेव के दरबार मे शिव पार्थिव विधान का हो रहा आयोजन । श्रावण माह में 5 लाख 51 हजार पार्थिव लिंगों का होगा निर्माण । पार्थिव शिवलिंग के पूजन से जन्म -जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं.- पण्डित द्विजेन्द्र व्यास ।.

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उमापति महादेव के दरबार मे शिव पार्थिव विधान का हो रहा आयोजन ।
श्रावण माह में 5 लाख 51 हजार पार्थिव लिंगों का होगा निर्माण ।
पार्थिव शिवलिंग के पूजन से जन्म -जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं.- पण्डित द्विजेन्द्र व्यास ।.

झाबुआ । सावन मास में भगवान शकर की पूजा का विशेष महत्व है। जो व्यक्ति सावन में प्रतिदिन पूजा नहीं कर सकते, उन्हें सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा कर व्रत रखना चाहिए। मास के सभी सोमवार को व्रत रखकर विधिवत पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उमापति महादेव मंदिर के आचार्य पण्डित द्विजेन्द्र व्यास ने बताया कि इस माह में पार्थिव शिव पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है। इसी क्रम में विवेकानंद कालोनी स्थित उमापति महादेव मंदिर में पूरे श्रावण मास में भगवान शिवजी के 5 लाख 51 हजार शिवजीके पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कार्य मंगलवार से प्रारंभ किया गया है । विधिवत पूजनादि आदि के साथ ही मंदिर में मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज भाटी एवं उमापति महादेव महिला मंडल द्वारा शिवजी के पार्थिव लिंग का निर्माण श्रद्धा एवं भक्ति के साथ पण्डित व्दिजेंद्र व्यास, पंडित मनोज दवे उज्जैन, पंडित संतोष उपाध्याय नागदा के द्वारा करवाया जा रहा है । दोपहर में रूद्राभिषेक पंडित व्दिजेंद्र व्यास, पंडित मनोज दवे उज्जैन पंडित संतोष उपाध्याय नागदा द्वारा संपन्न हुआ । मुख्य जजमान उद्योगपति मनोज भाटी रहे ।
श्री व्यास के अनुसार पार्थिव शिवलिंग के पूजन से जन्म -जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. अपार शिव कृपा की प्राप्ति होती है. सावन में शिव भक्ति विशेष महत्व रखती है । अतः श्रावण माह में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसकी पूजा अर्चना करना बहुत मंगलकारी माना गया है । पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में शिवलिंग पूजा के कुछ नियम-विधान भी बताए गए हैं। उन्होने बताया कि शिवलिंग से दक्षिण दिशा में ही बैठकर पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है। शिवलिंग की पूजा व दूध से अभिषेक करने पर परिवार में कलह, मानसिक अवसाद और अनचाहे दुरूख व कष्टों का निवारण होता है। अभिषेक करते समय महामृत्युंजय का जाप करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
उमापति महादेव मंदिर में प्रथम श्रावण सोमवार को श्रृंगार दर्शन में बडी संख्या में श्रद्धालुजन पूरे नगर से एकत्रित हुए । सायंकाल महामंगल आरती में भी भक्तों का जमावडा बना रहा तथा इस अवसर पर आरती के पश्चात एक क्विंटल फलाहारी खिचडी का वितरण भी लाभार्थी संदीपसिंह पंवार के सौजन्य से किया गया । प्रतिदिन प्रातः एवं सायंकाल महामंगल आरती के साथ ही प्रतिदिन भगवान उमापति के दर्शन,वंदन, अभिषेक, पूजन, अर्चना के लिये श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है। समिति के अध्यक्ष मनोज भाटी ने नगर की धर्मप्राण जनता से पार्थिव शिवलिंग अनुष्ठान में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रह कर धर्मलाभ लिये जाने की अपील की है ।

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