झाबुआ – जैन समुदाय के तीनों पंथो में साधु भगवंतो के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के साथ ही तपस्याओं का दौर प्रारंभ हो गया । तेरापंथ समाज में भी प्रथम चातुर्मास प्रवेश को लेकर समाज जन में उत्साह व उमंग है तथा तपस्या का दौर भी प्रारंभ हो गया । इसी कड़ी में तेरापंथ समाज के सुश्रावक ताराचंद गादिया की पुत्रवधू श्रीमती हंसा गादीया ने समणी निर्वाण प्रज्ञा जी व मध्यस्थ प्रज्ञा जी की प्रेरणा से चातुर्मास प्रारंभ होने के दिन 12 जुलाई से तप प्रारंभ किया । तप बेले, तेले, पांच उपवास के बाद यह अठाई तपस्या में परिवर्तित हुआ । पांच उपवास के बाद हंसा गादीया को कुछ तकलीफ हुई , फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और समणी वृंद की प्रेरणा से तपस्या पूर्ण की । इस प्रकार श्रीमती हंसा गादीया का अठाई तप 19 जुलाई को पूर्ण हुआ । अठाई तप पूर्ण होने पर पर तेरापंथ महिला मंडल झाबुआ द्वारा धार्मिक चौबीसी का आयोजन भी सभा भवन पर किया गया । तथा तपस्वी के तप की अनुमोदना की गई । 20 जुलाई को नवकारसी पश्चात हंसा गादिया ने समणी वृंद से मांगलिक सुनी । तत्पश्चात शासन माता का पूजन पाठ कर व आशीर्वाद प्राप्त कर परिवार जन की उपस्थिति में पारणा किया । पारणा के पूर्व हंसा गादिया का अभिग्रह फलित होना था । अभिग्रह याने तपस्वी द्वारा मन में जिस शख्स या परिवार जन के हाथों से प्रथम बार तप पूर्ण होने पर पारणा.करना । सास, ससुर, पति , बच्चों आदि के द्वारा एक के बाद एक पारणा कराने का प्रयास किया गया । लेकिन अभिग्रह फलित ना होने से पारणा नहीं हुआ । अंत में बालक दिव्यांश गादीया द्वारा सभी परिवार जन को एक साथ एक होकर पारणा कराने हेतु बताया तथा यह अभिग्रह फल गया । संपूर्ण परिवार ने एक साथ एक होकर हंसा गादीया को पारणा कराया । यूं तो हंसा गादीया श्रद्धानिष्ठा और धार्मिक परिवार से होने से पूर्व में भी दो बार अठाई तप पूर्ण कर चुकी है तथा एक बार 9 उपवास की तपस्या भी पूर्ण कर चुकी है । इसके अलावा पूर्व में में चातुर्मास के दौरान उपवास ,बेले , तैले व आयंबिल तप कई बार कर चुकी है तथा सामायिक, प्रतिक्रमण आदि इनकी जीवनशैली का हिस्सा है । इस तपस्या के पूर्ण होने पर संपूर्ण तेरापंथ समाज , पत्रकार महासंघ , सामाजिक महासंघ , वनवासी कल्याण परिषद, पत्रकार कल्याण परिषद , जैन सोशल ग्रुप मैत्री, रोटरी क्लब अध्यक्ष व असिस्टेंट गवर्नर ( मनोज अरोरा ) आदि विभिन्न संगठनों ने तप की अनुमोदना की और मंगलकामनाएं प्रेषित की ।