RATLAM

हमारे शहर के 29 पोलिंग बूथों ने लिख दी भाजपा के पटेल की जीत और कांग्रेस के जाट की हार की कहानी

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बूथवार मिले मतों का विश्लेषण करने पर बनी ऐसी तस्वीर

रतलाम । नगर सरकार चुनी जा चुकी है। राजनीतिक गणनाकारों के हाथों में मतों का बहीखाता आ चुका है और उसे लेकर माथापच्ची भी शुरू हो गई है। आंकड़ों का जोड़-घटाव कर यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि ऐसे कौन से बूथ रहे जहां एक प्रत्याशी शेर रहा तो दूसरा सवा सेर। इन्हीं आंकड़ों से कुछ ढूंढने का प्रयास  भी किया तो उन्होंने चुगली कर ही दी। वह यह कि हमारे नमकीन शहर के 29 पोलिंग बूथों ने भाजपा के महापौर प्रत्याशी की जीत की इबारत लिख दी और प्रहलाद पटेल के सिर ताज सज गया। हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी का परफॉर्मेंस उनसे कमतर तो रहा लेकिन उतना नहीं जितना दिखाने का प्रयास किया जाएगा।

कहने को रतलाम की नगर सरकार के मुखिया (महापौर) के चुनाव के लिए 7 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से दो पहले ही हथियार डाल दिए थे और भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल के समर्थन में खड़े हो गए थे। हालांकि उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भी एक उम्मीदवार के विस्फोटक संदेशों का प्रसारण सोशल मीडिया पर जारी रहा हालांकि लोगों ने उन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। उक्त दोनों के ही उम्मीदवारी वापस लेने के बाद भी कुछ लोगों ने उन्हें भी वोट डाल ही दिए।

कांग्रेस और भाजपा के अलावा भी कुछ दलों के प्रत्याशी महापौर पद के लिए किस्मत आजमा रहे थे लेकिन उनके जमानत बचाने तक के लाले पड़ गए। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा ही ऐसी पार्टियां रहीं जिसके लिए शहर के मतदाताओं ने उदारता दिखाई। 70.02 फीसदी मतदान करने वालों के आंकड़ों पर गौर किया तो पता चला कि सिर्फ 29 पोलिंग बूथ ऐसे रहे जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल की जीत तय कर दी। यह छोटा सा विश्लेषण आपके समक्ष भी रखा जा रहा है जिससे यह अंदाजा लगाने में मदद मिलेगी कि किस इलाके वालों ने किस प्रत्याशी पर ज्यादा और किस पर कम मेहरबानी दिखाई।

कितने बूथ में पटेल और जाट को कितने-कितने वोटों की मिली लीड

शहर के 4 बूथ ऐसे रहे जहां भाजपा के प्रहलाद पटेल की कांग्रेस के मयंक जाट पर 400 से 447 मत तक की लीड रही। ये हैं बूथ क्रमांक 139 136 141 और 153 जहां पटेल को कुल 1764 मत हासिल हुए।
11 बूथ ऐसे हैं जहां पटेल ने जाट पर 300 से 400 तक वोट से लीड ली। ये बूथ हैं 105, 108, 111, 115, 119, 123, 157, 224, 225, 241 और 270 नंबर के। यहां पटेल को कुल 3809 मतों की लीड रही।
बूथ क्रमांक 99, 106, 107, 112, 113, 121, 124, 132, 138, 140, 196, 227, 240 एवं 268 ऐसे हैं जहां भाजपा को बढ़त मिली।
शहर के कुल 270 बूथ में से 243 के मतों का अंतर ऐसा रह कि दोनों दलों की हार-जीत के आंकड़ों का जोड़-बाकी करने पर अंतर शून्य हो गया। यानी यहां से हार-जीत का निर्धारण नहीं रहा।
कांग्रेस की केंद्र से लेकर राज्यों तक की स्थिति काफी कमजोर है। भाजपा ने इसका लाभ उठाने के लिए सारी ताकत झोंक दी। पार्षदों की संख्या से भी स्पष्ट हो रहा है कि कांग्रेस भाजपा के मुकाबले लगभग आधी ही थी।
शहर के 97 बूथों पर कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी मयंक जाट को भाजपा पर बढ़त मिली। जबकि 173 बूथ पर भाजपा की लीड रही। इनमें मयंक की सबसे कम लीड 8 मतों की और सबसे ज्यादा 680 मतों की रही।
14 बूथ ऐसे भी रहे जहां मयंक जाट को 400 से ज्यादा वोटों की लीड मिली जबकि इस मालमे में भाजपा को सिर्फ 4 बूथ में ही इतनी बढ़त मिली।
12 बूथों पर मयंक को जहां 300 से 400 मतों की लीड मिली वहीं भाजपा 11 बूथों में में ही इतने मतों की लीड ले पाई।
करीब 11 स्थानों पर मयंक के फेवर में मतदान हुआ। यहां मयंक ने भाजपा प्रत्याशी पटेल से 200 से 300 तक वोट अधिक हासिल किए जबकि पटेल को इतने अंतर से लीड 43 बूथ में मिली।
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..तो परिणाम कुछ और ही होते
भाजपा प्रत्याशी  को 18 बूथ पर 50 वोट से भी कम की लीड मिली जबकि मयंक को 21 बूथ पर इतने ज्यादा वोट मिले। इसी तरह 30 बूथ ऐसे रहे जहां पटेल को तो 51 से 100 वोट तक की लीड मिली लेकिन मयंक को यह लाभ सिर्फ 18 बूथों पर ही मिल सका।”

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