झाबुआ

एक्यूप्रेशर, शरीर की स्वयं को ठीक और व्यवस्थित करने की क्षमता को जगाने के लिए संकेत भेजने की एक तकनीक है – डा. अनुप चौधरी~~ गायत्री शक्तिपीठ पर 7 दिवसीय एक्यूप्रेशर प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन~~ सामाजिक महासंघ अध्यक्ष ने एक्यूप्रेशर एक्सरसाईज मशीन भेंट की ।

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एक्यूप्रेशर, शरीर की स्वयं को ठीक और व्यवस्थित करने की क्षमता को जगाने के लिए संकेत भेजने की एक तकनीक है – डा. अनुप चौधरी~~
गायत्री शक्तिपीठ पर 7 दिवसीय एक्यूप्रेशर प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन~~
सामाजिक महासंघ अध्यक्ष ने एक्यूप्रेशर एक्सरसाईज मशीन भेंट की ।
झाबुआ । एक्यूप्रेशर थेरेपी शरीर के संचार, लसीका और हार्माेनल सिस्टम को उत्तेजित करती है । यह तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है, नींद में सुधार करता है, आपकी मांसपेशियों और जोड़ों को आराम देता है, पाचन संबंधी मुद्दों को नियंत्रित करता है, सिरदर्द और माइग्रेन को कम करता है, और पीठ दर्द और मासिक धर्म में ऐंठन के लिए भी फायदेमंद है । एक्यूप्रेशर इलाज का एक प्राचीन तरीका है जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाती है। दरअसल, हमारे शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केंद्र यानी प्रेशर पॉइंट्स पैरों के तलवे में और हथेलियों में होते हैं. अगर इन दबाव केंद्रों की मालिश की जाए तो शरीर का जो प्रेशर पॉइंट जिस अंग को प्रभावित करता है उससे जुड़ी बीमारी में इससे राहत मिल सकती है।. एक्यूप्रेशर, शरीर की स्वयं को ठीक और व्यवस्थित करने की क्षमता को जगाने के लिए संकेत भेजने की एक तकनीक है.। जिस तरह योग में प्राण (जीवनशक्ति) को बहुत महत्व दिया जाता है, उसी तरह इस पारंपरिक उपचार एक्यूप्रेशर में जीवन ऊर्जा को सबसे अहम माना जाता है।. हमारे शरीर के अंदर इस जीवन ऊर्जा का प्रवाह कुछ नलिकाओं का माध्यम से होता है। ऊर्जा के इस प्राकृतिक प्रवाह में किसी तरह की रुकावट या असंतुलन ही बीमारी या दर्द का कारण बनता है। एक्यूप्रेशर के माध्यम से इस रुकावट या असंतुलन को सही करके जीवन ऊर्जा के प्रवाह में सुधार लाया जाता है जिससे शरीर फिर से स्वस्थ हो जाता है.। उक्त उदबोधन गायत्री शक्तिपाठ बसंत कालोनी पर 14 से 20 जुलाई तक आयोजित 7 दिवसीय निशुल्क एक्यूप्रेशर प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर जोधपुर से आये एक्यूप्रेशलिस्ट डा. अनुप चौधरी ने व्यक्त किये ।

मुख्य अतिथि सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर ने एक्यूप्रेशर विधा को मानवीय आरोग्य के लिये सरलतम उपाय बताते हुए कहा कि चीन, जापान और श्रीलंका जैसे देशों में इसका व्यापक विस्तार हुआ है। पर भारतीय शासकों की उपेक्षा के कारण यह अपने हीं देश में उपेक्षित पड़ा है। इस विधा को हमे घर घर तक पहूंचाने में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करना चाहिये । शक्ति पीठ पर यह विधा आगे भी चलती रहे । मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है तथा हजारों नसें, रक्त धमनियों, मांसपेशियां, स्नायु और हड्डियों के साथ आँख नाक कान हृदय फेेेेफडे दॉॅॅत नाडी आदि आपस में मिलकर मानव शरीर के स्वचालित मशीन को बखूबी चलाती हैं। अत किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है। यह भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है।
समापन के अवसर पर अतिथियों का स्वागत श्रीमती स्नेहलता पुरोहित, गुणमाला डांगी, सुजाता जायसवाल ने तिलक लगाकर पुष्प वर्षा कर किया । समापन के अवसर पर सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर द्वारा 70 हजार की लागत की एक्युप्रेशर एक्सरसाईज मशीन भी भेंट की ।
समामपन के अवसर पर इस अवसर पर डा. अनुप चौधरी को सम्मान पत्र भी अतिथियों के कर कमलों से दिया गया । सम्मान पत्र का वाचन प्रदीप पंड्या ने किया । सरदार चौहान, एन एल पाटीदार, सतीश टेलर, कृष्णा सावंत ने गायत्री मंत्र का दुपट्टा पहिनायाा । सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठोैर को भी सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया । अभिनंदन पत्र का वाचन जगदीश शर्मा ने किया एवम शक्तिपीठ की महिला मंडल ने उन्हे सम्मानपत्र भेट किया ।
आभार प्रदर्शन विनोद चौहान ने किया एवम कार्यक्रम का संचालन विनोद जायसवाल ने किया, कार्यक्रम को सफल बनाने में दीपक त्रिवेदी, अरुण अरोड़ा , दिनेश डांगी , प्रकाश कटारा का सहयोग सराहनीय रहा । सीमा चौहान एवम् श्री चंद्रावत जी ने शिविर के अनुभव साझा किए । इस अवसरपर महिलामंडल द्वारा शांति पाठ कर किया। । गुरु भक्ति गीत की प्रस्तुति विनोद गुप्ता ने दी । आभार प्रदर्शन विनोद जायसवाल ने किया ।

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