झाबुआ

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खरीफ मौसम की फसलों का जायजा लेने डायग्नोस्टिक टीम का भ्रमण

 

 

जिले में खरीफ मौसम 2022 का कुल रकबा 189.260 हैक्टेयर के विरूद्ध लगभग 184.306 हैक्टेयर में बुवाई का कार्य सम्पन्न होकर खरीफ मौसम की फसलों की अवधि लगभग 20 से 25 दिनों की हो चुकि है। जिले की औसतन वर्षा 773.4 मि.मी. के अगेन्स अब तक 210.8 मिमी वर्षा हो चुकि है।

खरीफ मौसम की फसलों में कीटव्याधियों के प्रकोप की स्थिति का जायजा लेने दिनांक 22.07.2022 को जिला कलेक्‍टर श्री सोमेश मिश्रा के द्वारा प्रदत्‍त निर्देशानुसार उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला झाबुआ श्री एन.एस. रावत कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ आई. एस. तोमर कार्यालयीन सहायक संचालक कृषि एस. एस. रावत एवं विभागीय मैदानी अमलों द्वारा भ्रमण किया गया।

डायग्नोस्टिक टीम द्वारा विकासखण्ड रामा के ग्राम पिपलिया का भ्रमण कर कृषक श्री बापुसिंह- अनसिंह बारिया, वागु-मडिया चौहान, प्रभू मिस्रू, पारू खुमा के खेतों में लगी फसल मक्का, कपास, सोयाबीन इत्यादि का अवलोकन किया गया। साथ ही ग्राम सेमलिया के कृषक श्री जाम्बू-खुमसिंह, जोगा दाहरिया, भीमा-सुमला, गोबरिया दाहरिया के खेतों में भी लगी खरीफ फसलों का अवलोकन किया गया। फसल अवलोकन के दौरान फसलें अच्छी स्थिति में देखी गई। ग्राम माकनकुई के कृषक श्री धन्नु दुलिया, मुन्ना-धुलिया, शैतान-धुलिया, तेरसिंह तोलिया केशु-हमीर के खेतो में भी भ्रमण के दौरान फसलों की स्थिति संतोषजनक देखी गई। निरन्तरता में ग्राम खरडुबडी के कृषक श्रीमति केलाबाई खुमा के खेत में लगी कपास फसल में कीटव्याधियों का प्रकोप नहीं देखा गया तथा कृषक द्वारा कपास फसल में फसल वृधिकारक तत्व का छिड़काव करते हुए दिखाई दिए। विकासखण्ड रामा के ही ग्राम फत्तीपुरा के कृषक श्री गुलचन्द दुबलिया, श्रीमति शाईरी इन्दरसिंह एवं नरसिंह दुबलिया के खेतों में लगी फसल मक्का, सोयाबीन में आशिक रूप से कीटव्याधियों का प्रकोप देखा गया जिसके नियंत्रण हेतु मोके पर ही दल द्वारा समसायीक सलाह दी गई।

कृषकों को ये तकनिकी सलाह दी गई

कपास फसल मे रस चूसक कीट हरा मच्छर / सफेद मख्खी का प्रकोप प्रारंभिक अवस्था में देखे जाने पर नियंत्रण हेतु एसिटामेप्रिड दवा 10 मि.लि. + एसिफेट पावडर 20 ग्राम प्रति स्प्रेयर पप के मान से उचित घोल बनाकर छिडकाव करें।

विभाग द्वारा किसान भाइयों से यह अपील की जाती है कि अपनी फसलों पर निस्तर निगरानी रखे व समय पर कीट व्याधि का प्रकोप होने पर नियंत्रण हेतु उपाय अपनाये तथा अनुसंशित कीटनाशक दवा का उचित घोल बनाकर छिडकाव करें। अधिक जानकारी हेतु नजदिकी कृषि कार्यालय से संपर्क करे एवं मैदानी अमलों से उचित मार्गदर्शन लेवें।

 

 

 

डायग्नोस्टिक टीम द्वारा भ्रमण करते हुए

 

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