कोरोना काल की भयावह परिस्थिती में डा.जैन मरीजों के भगवान बन कर उभरे – कीर्तिश जैन
डॉ. जैन को मानव सेवा रत्न उपाधि से नवाजा
झाबुआ (निप्र) – सरदारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ मानव रूपी भगवान डॉ.श्री एम.एल. जैन का 30 जुलाई को जन्म दिवस होने के उपलक्ष में देश का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन की ओर से डाक्टर जैन को मानव सेवा रत्न उपाधि से मनीष -शेतानमल कुमट (जैन), कीर्तिश जैन बनी (रायपुरिया), पं.संजय व्यास, झाबुआ,श्रीमति गायत्री सेन (राठौर) बामनिया,नमन पालरेचा, योगेश पंवार झकनावदा, कृष्णा कुमावत कुमारियाखेड़ी,गोलू बर्फा दत्तिगांव , गोपाल विश्वकर्मा, लाला भाई कुमावत सोनगढ़, कन्हैया लाल कुमावत भानगढ़,आदि ने कोरोना काल में जब कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा था उस समय जैन के द्वारा दी गई सेवा ने मानवता की एक नई मिसाल कायम की है। आपने कोरोना काल में मरीजों के बीच संजीवनी की तरह सेवा कार्य किया है। उसी को लेकर संगठन की और से मानव सेवा रत्न उपाधि का अभिनंदन पत्र भेंट कर श्री एम.एल.जैन (जैन साहब) को सम्मानित किया गया। दी शुभकामनाए डॉक्टर श्री जैन के 30 जुलाई को जन्म दिवस होने के उपलक्ष में समस्त उपस्थित जनों ने डॉक्टर का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया एवं केक कटवा कर शुभकामनाएं दी। डॉक्टर जैन के अपार प्रेम के चलते झाबुआ धार क्षेत्र के कई समाजसेवी संगठनों एवं उनके चाहने वालों ने उन्हें सरदारपुर निज निवास पर पहुंचकर शुभकामनाएं एवं बधाईयां दी। यह है डा.की विशेषता आपको बता दें कि कोरोना काल में यदि कोई व्यक्ति संक्रमित होता था तो उसे उसके परिवार वालों से भी दूर रखा जाता था या कोई पड़ोसी पड़ोसी उस समय उस संक्रमित व्यक्ति की मदद करने में सक्षम होता था ऐसी स्थिति में डॉ एम. एल. जैन एवं उनके पुत्र डॉ सुमित जैन ने मरीजों के बीच रहकर संजीवनी का कार्य किया है। हमारे द्वारा देखा गया है कि मरीजों को अपने परिवार की तरह हॉस्पिटल में रखा गया वह उन्हें अपने परिवार का सदस्य समझकर हर पल अपनी देखरेख में रखा वह उन्हें सांत्वना दी कि आप जल्द ही ठीक हो कर अपने घर अपने परिवार के बीच जाओगे। डॉ.एम. एल.जैन व डा.सुमित जैन ने कोरोना काल में अपनी जान की व अपने परिवार की कोई चिंता ना करते हुए निस्वार्थ भाव से मरीजों का उपचार किया। इनकी इस सेवा भाव को संगठन नमन करता है। व श्री जैन को मानव सेवा रत्न उपाधि से अलंकृत कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करता है। आपको बता दें कि डा.एम.एल.जैन व डॉ सुमित जैन दोनों ही पिता पुत्र कुशल व्यवहार के धनी हैं एवं डॉ एम.एल. जैन के पास दिन भर में सैकड़ों मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं लेकिन इस मानव रूपी भगवान के चेहरे पर कभी किसी प्रकार की कोई मायूसी नहीं देखी गई हमेशा खुश मिजाज रहने वाले डॉक्टर जैन हर किसी से चाहे छोटा हो या बड़ा हंसकर वह मजाक के मूड में ही बात करके इलाज करते हैं जिससे मरीज को कभी यह एहसास नहीं होता कि वह बीमार है।